शत्रु सम्पत्ति अपने नाम कराने के आरोप में जेल में बन्द गोण्डा नगर पालिकाध्यक्ष को मिली जमानत 

 

जेल जाने के बाद डीएम ने वित्तीय एवं प्रशासनिक पावर को सीज कर सिटी मजिस्ट्रेट को प्रशासक नियुक्त कर दिया था

 

गोंडा। अपर सत्र न्यायाधीश पूजा सिंह ने मंगलवार को शत्रु संपत्ति प्रकरण में जेल में बंद गोंडा नगर पालिकाध्यक्ष उजमा राशिद की सशर्त जमानत मंजूर कर ली। उजमा राशिद को बीते पांच अप्रैल को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। कोर्ट से उन्हें 19 दिन बाद राहत मिली है।

नगर पालिकाध्यक्ष उजमा राशिद सपा पर कागजो मे हेरा फेरी कर शत्रु संपत्ति कब्जा करने के आरोप मे सदर तहसील रजिस्टार गिरीश चन्द्र सोनकर ने 16 मार्च 024 को मुकदमा दर्ज कराया था। जिसको लेकर नगर कोतवाली पुलिस ने ईद की आखिरी अलविदा की नमाज पर 5 अप्रैल को नगरपालिका अध्यक्ष को उनके घर से गिरफ्तार किया था। जहां से मुख्य न्यायाधीश मजिस्ट्रेट के यहां पेश किया गया और फिर उन्हें जेल भेज दिया गया था।

नपाप अध्यक्ष ने 8 अप्रैल को जेल प्रशासन के माध्यम से मुख्य न्यायाधीश मजिस्ट्रेट के यहां जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था। जिससे सुनवाई के बाद निरस्त कर दिया गया था। पालिका परिषद अध्यक्ष ने 15 अप्रैल को जमानत के लिए अधिवक्ता  के माध्यम से सत्र न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया था, जिस पर बीते शनिवार को सुनवाई होनी थी। पालिका अध्यक्ष की अधिवक्ता ने अदालत से समय मांगा था और सुनवाई टल गई थी। सुनवाई की तिथि 23 अप्रैल को नियत की गई थी।
मामले की सुनवाई जिला जज ने स्थानांतरित करते हुए अपर जिला जज को कर दी थी। अपर जिला जज पूजा सिंह ने नपाप अध्यक्ष की अधिवक्ता की दलीलें सुनते हुए जमानत दे दी है। नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष उजमा राशिद के अधिवक्ता उपेंद्र मिश्रा ने बताया कि नपाप अध्यक्ष को न्यायालय से जमानत मिल गई है।
उधर अध्यक्ष के जेल जाने के बाद शासन के निर्देश पर डीएम ने अध्यक्ष के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकारों पर रोक लगा दी और सिटी मजिस्ट्रेट को प्रशासक नियुक्त कर दिया है। प्रशासनिक व वित्तीय अधिकार बहाल होगा या इसके लिए न्यायालय फिर जाना होगा। यह अभी आगे तय होगा।

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