भाकपा के राष्ट्रीय सचिव कॉमरेड अतुल कुमार अंजान नहीं रहें

अतुल अंजान नही रहे,

परिचय तो पुराना था लेकिन इनसे मेरी निकटता किसान आंदोलन के दौरान और बढ़ गयी,ये कैंसर जैसी कठिन बीमारी से लड़ रहे थे किंतु जीजीविसा प्रबल थी।

ये भी उसमे से एक हैं की मै राजनीति मे जब भी भटका और निराशा हुई तो दिल्ली स्थित वीपी हाउस के इनके फ्लैट पर पहुँच जाता था, फोन किया भाई अंजान तुरत नीचे आकर बगल मे कंटिनेंटल कैफे मे बैठ जाते,और अनेक तरह से गाइड लाइन देते रहे थे तो कामरेड  लेकिन जब भी मिलता तो लगता की ये कोई कांग्रेस के ही पुरातन नेता है।

भाकपा के राष्ट्रीय सचिव कॉमरेड अतुल कुमार अंजान नहीं रहें।

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