सुपरटेक होम बायर्स को न्याय की जगह सालों से मिल रहा अश्वासन की डोज संग सिर्फ तारीख पर तारीख

नोएडा। यूपी के शो-विंडो में हजारों बायर्स की जिंदगी सालों से नेताओं के आश्वासन व कोर्ट की तारीख ही मिल रही है। हजारों जोड़ी आंखें हर तारीख पर एनसीएलटी में न्याय की आस में देखती है तो मिलता है सिर्फ तारीख। नोएडा में घर खरीदारों को छत दिलाने के लिए अथॉरिटी से लेकर अधिकारियों तक चक्कर लगाने पर मिला सिर्फ आश्वासन ही। लोकसभा चुनाव के मैदान में उतरे उम्मीदवार सिर्फ आश्वासन ही दिए, छत आज तक नहीं दिला सके। यह पीड़ा सुपरटेक ईकोविलेज के खरीदारों की है। जो सालों से छत के लिए कभी इस कोर्ट तो कभी उस अफसर की चौखट पर जा रहे हैं लेकिन उनको सिर्फ तारीख ही मिल रही है।
एनसीएलटी में तारीख पर तारीख से त्रस्त होकर बीते शुक्रवार को बड़ी संख्या में सुपरटेक ईकोविलेज के घर खरीदार कोर्ट पहुंच गए, न्याय के लिए चौखट पर पहुंचे खरीदारों की भीड़ देखकर पीठासीन जस्टिस भी चौंक गए। इस बार भी उनको न्याय की जगह सिर्फ तारीख ही मिली। सालों से तारीख पर तारीख की मार सह रहे सुपरटेक होम बायर्स के समझ में नहीं आ रहा है वह क्या करें? उनको उम्मीद है एनसीएलटी उनकी पीड़ा सुनेगा दर्द महसूस करते हुए छत मुहैया कराएगा लेकिन अभी तक उनको तारीख पर तारीख ही नसीब हुई है। एक तरफ एनसीएलटी से सुपरटेक बिल्डर को राहत मिल रही है दूसरी तरफ घर खरीदारों को सिर्फ तारीख पर तारीख ही। घर खरीदारों को कहना है एनसीएलटी घर खरीदारों का दर्द दूर करने की बजाए सुपरटेक बिल्डर को राहत दिलाने का काम ही कर रहा है। घर खरीदार आखिर कहां जाएं न्याय के लिए सोशल मीडिया पर यह सवाल पूछ रहे हैं।
गौरतलब सुप्रीमकोर्ट की तरफ से सुपरटेक ईकोविलेज के अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए नियुक्त आईआरपी की तरफ से दो साल की अवधि बीतने के बाद भी इस दिशा में कोई काम नहीं किया गया। जिसके कारण घर खरीदारों का गुस्सा आईआरपी के खिलाफ भी सोशल मीडिया पर दिख रहा है। घर खरीदारों का कहना था कि जानबूझकर आईआरपी बायर्स की बात सुनने को नहीं तैयार है, उनको बिल्डर की पीड़ा दिखती है लेकिन हमारी नहीं। लगभग दो साल से अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए सुप्रीमकोर्ट से तैनात घर खरीदारों को कोई राहत नहीं मिली। प्रोजेक्ट आज की तारीख में भी अधूरा पड़ा है। घर खरीदार बैंक की ईएमआई के साथ किराए के घर पर रहने को मजबूर है। घर खरीदारों ने सुप्रीमकोर्ट से आईआरपी के अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने की दिशा में उठाए गए कदम की समीक्षा करने के साथ प्रदेश सरकार से बिल्डर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।

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