बंगाल में तीन स्थानों पर ईडी की छापामारी, ज्योतिप्रिय मल्लिक के करीबी है सभी

सिलीगुड़ी: केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के जवानों के साथ ईडी के अधिकारी सबसे पहले हावड़ा जिले के सालकिया में मोहम्मद हुसैन के घर पहुंचे। इसके तुरंत बाद, सीएपीएफ कर्मियों के साथ ईडी की एक दूसरी टीम उसी जिले के लिलुआ में मनोज दुबे के आवास पर पहुंची। ईडी की तीसरी टीम ने कोलकाता के उत्तरी बाहरी इलाके बेलघरिया में एक सॉफ्टवेयर कंपनी के कर्मचारी रमेश प्रसाद के घर पर भी इसी तरह छापे की कार्रवाई की।
खबर लिखे जाने तक तीनों ठिकानों पर एक साथ छापेमारी और तलाशी अभियान जारी है। रेड किस सिलसिले में है, ईडी के अधिकारी इस पर चुप्पी साधे हुए हैं। लेकिन सूत्रों ने बताया कि यह कार्रवाई गेमिंग ऐप से जुड़े साइबर क्राइम को लेकर है। यह अपराध मूल रूप से दिल्ली में हुआ था। हालांकि, सूत्रों ने इस बात की पुष्टि नहीं की कि इस कार्रवाई का ई-नगेट घोटाले से कोई लेना देना है या नहीं। ई-नगेट घोटाले में केंद्रीय एजेंसी के अधिकारी पहले ही नकदी, बैंक खाते में जमा राशि और क्रिप्टो-करेंसी के रूप में कई करोड़ रुपये जब्त कर चुके हैं। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को मिले शुरुआती सुरागों के अनुसार, फिल्म फाइनेंसिंग के कारोबार से जुड़ा उक्त व्यक्ति राशन वितरण मामले में अवैध रूप से अर्जित आय को विभिन्न निर्माणाधीन फिल्मों के वित्तपोषण में निवेश करने के लिए करता था। सूत्रों ने बताया कि उस व्यक्ति से संबंधित खातों की शुरुआती जांच के दौरान अभिनेत्री का नाम सामने आया, जहां उस व्यक्ति ने उनसे जुड़ी एक फिल्म में मोटी रकम का निवेश किया था। सूत्रों ने बताया कि हालांकि उक्त फिल्म का निर्माण पूरा हो चुका है और सेंसर बोर्ड से मंजूरी भी मिल चुकी है, लेकिन इसे अभी रिलीज होना बाकी है। बुधवार को ईडी कार्यालय से बाहर आने के बाद सेनगुप्ता ने दावा किया था कि उन्होंने जांच अधिकारियों को कुछ दस्तावेज सौंपे हैं, जो उनसे मांगे गए थे। हालांकि, उन्होंने और अधिक जानकारी देने से इनकार कर दिया, खासकर उनसे मांगे गए दस्तावेजों की प्रकृति या जिन विषयों पर उनसे पांच घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की गई, उनके बारे में। उन्होंने कहा कि ईडी अधिकारियों ने मुझसे कुछ दस्तावेज मांगे थे। मधुमेह और उच्च रक्तचाप के मरीज मल्लिक पिछले कुछ समय से सुधार गृह में चिकित्सा जटिलताओं की शिकायत कर रहे थे। 2023 की अंतिम तिमाही में न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के कुछ दिनों बाद, उन्हें दक्षिण कोलकाता में सरकारी एस.एस.के.एम. मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि, बाद में उन्हें दक्षिण कोलकाता में ही प्रेसीडेंसी सेंट्रल करेक्शनल होम में वापस भेज दिया गया। ईडी द्वारा दायर चार्जशीट में उन्हें पहले ही राशन वितरण मामले में मुख्य आरोपित के रूप में नामित किया जा चुका है। चार्जशीट में, केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने यह भी विस्तार से बताया है कि पूर्व मंत्री अपने करीबी सहयोगियों की मदद से विभिन्न चैनलों के माध्यम से अवैध रूप से अर्जित आय को कैसे डायवर्ट करते थे। चार्जशीट में यह भी विस्तार से बताया गया है कि कैसे हवाला के जरिए मुख्य रूप से बांग्लादेश और दुबई में धन को डायवर्ट किया गया। रिपोर्ट अशोक झा

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