बंगाल में मवेशी तस्करों का बीएसएफ पर लगातार हो रहे हमले

हमले के पीछे साजिश या मवेशी तस्करों के हौसले बुलंद

सिलीगुड़ी: भारत-बांग्लादेश सीमा पर लगातार 3 दिन से बांग्लादेशी तस्कर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों पर हमला कर रहे हैं।तीसरे दिन मुर्शिदाबाद के बहरमपुर स्थित भारत-बांग्लादेश इंटरनेशनल बॉर्डर के पास जवानों पर जानलेवा हमला हुआ।बीएसएफ की ओर से यह जानकारी दी गई है।
सीमा चौकी मधुबना में तेज धार वाले हथियारों से किया हमला:
बीएसएफ की ओर से बताया गया है कि शनिवार (22 जून) की देर रात सीमा चौकी मधुबना में बल के जवानों पर तेज धार वाले हथियारों से जानलेवा हमला कर 7 बांग्लादेशी बदमाशों ने मवेशी तस्करी करने की कोशिश की।हालांकि, बीएसएफ दक्षिण बंगाल सीमांत की 146वीं बटालियन के जवानों ने उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया और मवेशी तस्करी को विफल कर दिया।
बिना तारबंदी वाले इलाकों में जवानों को होती हैं ज्यादा मुश्किलें
जवानों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए फायरिंग की, जिससे घबराकर तस्कर वापस बांग्लादेश भाग गए।घटनास्थल से 2 मवेशी व काफी संख्या में धारदार हथियार बरामद हुए हैं। पश्चिम बंगाल में मुर्शिदाबाद के जिस हिस्से में जवानों पर हमला हुआ, उस इलाके में तारबंदी नहीं हुई है। सीमा पर जिन इलाकों में तारबंदी नहीं हुई है, उन इलाकों में जवानों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
बीजीबी की निष्क्रियता से तस्करों और अपराधियों के हौसले बुलंद: इस पूरे इलाके में फैली फसलें, घनी झाड़ियां व उबड़-खाबड़ जमीन का लाभ तस्कर उठाते हैं।बीएसएफ के जवानों पर हुए हमले के बाद बीएसएफ के अधिकारियों ने बॉर्डर गार्ड्स बांग्लादेश (बीजीबी) के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में बांग्लादेशी सीमा की ओर से तस्करों द्वारा किये गये जानलेवा हमले पर जोरदार विरोध दर्ज कराया गया। हमले और बचाव में की गयी गोलीबारी के संबंध में संबंधित पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।कहां-कहां हुए हैं ऐसे हमले: शुक्रवार (21 जून) की आधी रात को मालदा जिले में बीएसएफ की सीमा चौकी लोधिया में जवानों पर जानलेवा हमला कर बांग्लादेशी से मवेशी तस्करी करने की कोशिश हुई. बीएसएफ की 70वीं बटालियन के जवानों ने जवाबी कार्रवाई की, तो तस्कर बांग्लादेश की ओर भाग खड़े हुए। बाद में तलाशी के दौरान तेजधार वाले हथियार व रॉड बरामद हुए थे।
इसके पहले मालदा में ही सीमा चौकी जगजीवनपुर में प्रथम पाली में ड्यूटी करते समय जवानों ने बांग्लादेश की ओर से बॉर्डर के पास 15 लोगों ने तलवारों व अन्य धारदार हथियारों से लैस होकर बीएसएफ के जवानों पर हमला किया था। इस तरह के हमले दक्षिण बंगाल सीमांत के अंतर्गत क्षेत्रीय मुख्यालय बहरमपुर में सीमा चौकी बामनाबाद, 73वीं बटालियन व क्षेत्रीय मुख्यालय कृष्णानगर में 32वीं बटालियन की सीमा चौकी होरांडीपुर व मटियारी में भी हुए हैं।
क्षेत्रीय मुख्यालय कोलकाता में 4 जगहों पर ऐसे हमले हुए हैं, जहां अपने बचाव में बीएसएफ के जवानों को बांग्लादेशी तस्करों पर राइफल, पीएजी व स्टन ग्रेनेड से फायर करना पड़ा।ऐसे हमलों में बीएसएफ के जवान भी घायल होते हैं।
असाधारण साहस का परिचय दे रहे बीएसएफ के जवान : डीआईजी
बीएसएफ, दक्षिण बंगाल सीमांत के डीआईजी एके आर्य ने कहा कि बीएसएफ के जवान असाधारण साहस और सतर्कता के साथ अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं। बांग्लादेशी अपराधियों द्वारा लगातार हमलों और घुसपैठ को लेकर बार-बार बीजीबी के साथ फ्लैग मीटिंग की। उन्हें चेताया, लेकिन सीमा पार से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।उनकी इसी निष्क्रियता की वजह से सीमा पार के तस्करों और अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। फिर भी, बीएसएफ के जवान देश की सीमाओं की रक्षा करने और सभी परिस्थितियों में हमारे राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने में लगे हैं। रिपोर्ट अशोक झा

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