कूचबिहार मारपीट मामले के पीड़ित परिवार के सदस्यों ने सिलीगुड़ी में मुलाकात की राज्यपाल से

सिलीगुड़ी: कूचबिहार मारपीट मामले के पीड़ित परिवार के सदस्यों ने इस दिन सिलीगुड़ी में राज्यपाल से मुलाकात की है। जिसके बाद राज्यपाल ने उनके साथ खड़े रहने का आश्वासन दिया। दूसरी तरफ पत्रकारों से बात करते हुए राज्यपाल ने कहा कि बंगाल में सिलसिलेवार घटनाओं के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जिम्मेदार है। उन्होंने कि राज्य में कानून-व्यवस्था दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। एक के बाद एक सामूहिक पिटाई जैसी घटनाएं हो रही हैं। राज्य में जो कुछ हो रहा है उसके लिए मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं। बोस ने यह भी कहा कि वह राज्य की स्थिति के बारे में गृह मंत्रालय को सूचित करेंगे। इस दौरान कोई भी उस मुस्लिम महिला के बचाव में नहीं आया था। अब महिला ने कहा है कि उसे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पुलिस पर भरोसा नहीं है। मीडिया से बात करते हुए पीड़िता ने कहा कि, TMC के लोगों ने मुझे पीटा। मुझे नंगा करके पीटा गया। मुझे ममता बनर्जी और पुलिस पर भरोसा नहीं है। मैं भाजपा से जुड़ी हुईं हूं। उल्लेखनीय है कि, गुरुवार (27 जून) को, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का समर्थन करने पर मुस्लिम महिला को निर्वस्त्र कर उसके बाल पकड़कर एक किलोमीटर तक घसीटा गया और एक घंटे से अधिक समय तक उसकी पिटाई की गई थी। रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना पश्चिम बंगाल के कूचबिहार जिले के माथा भंगा-II ब्लॉक के रुईडांगा गांव में हुई थी। फ़िलहाल महाराजा जितेंद्र नारायण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में पीड़िता का इलाज चल रहा है। पीड़िता के पिता ने अब पुलिस में शिकायत दी है, लेकिन पीड़िता को राज्य सरकार और पुलिस पर भरोसा नहीं है। पुलिस शिकायत के मुताबिक, स्थानीय TMC कैडर ने 4 जून 2024 को लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद से महिला को घर से बाहर निकलने से रोक दिया है। पीड़िता पर गुरुवार को उस वक़्त हमला हुआ जब वह पास के पार्क से घर लौट रही थी। TMC के गुंडों के एक समूह ने उस पर हमला किया, उसके कपड़े उतारकर नदी में फेंक दिए। आरोपियों ने धमकी भी दी है कि अगर उसने दोबारा बाहर निकलने की हिम्मत की तो वे उसका घर तोड़ देंगे। कूचबिहार पुलिस ने इस मामले में अब तक मुख्य आरोपी शफीकुल समेत 4 लोगों को हिरासत में लिया है।।बता दें कि पिछले एक हफ्ते में बंगाल में भीड़ द्वारा हिंसा की घटनाओं में बढ़ोतरी देखी गई है। कम से कम 12 ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें से कुछ में लोगों की मौत भी हुई है। केंद्र को इस पर सख्त कदम उठाना चाहिए, लेकिन अगर वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है, तो इसकी पूरी संभावना है कि इंडिया गठबंधन इसका विरोध करेगा, सड़कों पर उतरेगा, और सरकार को तानाशाह घोषित कर देगा, इससे कई जगहों पर हिंसा भी हो सकती है। क्योंकि, बंगाल कि घटनाओं की इंडियागठबंधन के किसी भी नेता ने निंदा नहीं की है। रिपोर्ट अशोक झा

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