जिस बालक के अपहरण का चला मुकदमा वह 15 वर्ष के बाद लौटा घर

जिस बालक के अपहरण का चला मुकदमा वह 15 वर्ष के बाद लौटा घर

उप्र बस्ती जिले में 15 वर्ष पहले जिस बालक के अपहरण का आरोप लगा। जिसके कारण कई लोगों को परेशानी झेलनी पड़ीं। वह 15 वर्षों बाद अपने घर वापस पहुंच गया है। अब परिवार के लोगों को अपने किए पर पछतावा ही रहा है। बेटे को वापस पाकर परिवार बहुत खुश हैं। मामला वर्ष 2009 का कप्तानगंज थाना क्षेत्र के हरदी गांव से जुड़ा हुआ है। यहां के चंद्र प्रकाश गोस्वामी की शादी माया देवी से हुई थी। माया देवी से अर्जुन और विपिन दो बेटे हुए। विपिन जब सात बर्ष का था उसकी मां की मौत हो गई।इसके बाद पिता चंद्र प्रकाश ने जानकी देवी से दूसरा विवाह कर लिए। जानकी देवी की पहली शादी से दो बेटी और एक बेटा थे। वह अपने तीनों बच्चो के साथ चंद्र प्रकाश के घर हरदी आ गई। पति-पत्नी और पांच बच्चों के साथ सब लोग रहने लगे। कुछ दिनों बाद अचानक एक दिन विपिन गायब हो गया। काफी खोजबीन के बाद जब उसका कहीं पता नहीं चला तो पिता चंद्र प्रकाश ने थाने पर अपहरण की सूचना दी। गांव के ही एक व्यक्ति पर अपहरण का आरोप लगाया। पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू की। मामला न्यायालय में गया। 18 माह मुकदमा चलने के बाद चंद्र प्रकाश और संबंधित व्यक्ति के बीच आपसी समझौता हो गया। समय बीता और 15 वर्षों के बाद विपिन अचानक अपने घर हरदी पहुंचा तो लोग भौचक रह गए। विपिन परिवार के किसी सदस्य को पहचान नहीं पाया, लेकिन जब का अपने सगे भाई अर्जुन से मिला तो दोनों एका दूसरे को गले मिलकर रोने लगे। विपिन ने बताया कि वह घर से नाराज होकर जब मजार के पास वर्ष 2009 में पहुंचा था, तो कुछ लोग वहां से उसको बहला फुसलाकर गाड़ी में बैठ कर ले गए थे। उसके बाद दिल्ली पहुंच गया उसे कुछ याद नहीं था। यहां करीब छह वर्षों तक यह घर के काम काज करता रहा। एक दिन उसे वहां से निकलने का मौका मिला तो वह दिल्ली से मुंबई पहुंच गया। कई वर्षों तक मजदूरी करता रहा, लेकिन उसके मन में अपने घर आने और परिवार के लोगों से मिलने की इच्छा हमेशा रहती थी। कई बार वहां से भागने का प्रयास तो किया, लेकिन सफल नहीं हो पाया। एक दिन मौका पाकर या स्टेशन पहुंच गया। विपिन मुंबई से लखनऊ पहुंचा और लखनऊ से फिर वह बस्ती पहुंच गया।

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