डीपीआरओ ने सात ग्राम पंचायत सचिवों का रोका वेतन
डीपीआरओ ने सात ग्राम पंचायत सचिवों का रोका वेतन
डीपीआरओ रतन कुमार ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेज-टू के तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 में मॉडल ग्राम बनाये जाने और ओडीएफ प्लस के लिए चयनित ग्राम पंचायतों में पीएफएमएस के माध्यम से सब्सिडी खाते में धनराशि उपलब्ध कराई गई थी। इसके सापेक्ष 31 मार्च 2024 तक व्यय की गयी धनराशि का उपभोग प्रमाण-पत्र एवं व्यय धनराशि के सापेक्ष कराए गए कार्यों की कार्यपूर्ति प्रमाण-पत्र निर्धारित प्रारूपों पर 22 अप्रैल तक देना था। कार्यपूर्ति व उपभोक्ता प्रमाण-पत्र योजना सहायक अमित कुमार को उपलब्ध कराना था। डीपीआरओ ने कहा कि दोनों तरह के प्रपत्र जमा करने के लिए अप्रैल, मई, जुलाई में अनुस्मारक पत्र दिए गए। इसके बाद भी ग्राम पंचायत सचिवों ने व्यय विवरण और उपभोग प्रमाण-पत्र नहीं दिया। इस पर डीपीआरओ रतन कुमार ने बस्ती सदर के मड़वानगर में तैनात रहे ग्राम विकास अधिकारी प्रिंका चौधरी, रामनगर ब्लॉक के धवाय में तैनात ग्राम विकास अधिकारी जयेन्द्र लाल, परसा खुर्द बुजुर्ग उर्फ दरियापुर जंगल के सचिव तीरथ प्रसाद, सल्टौगा गोपालपुर के अजगैवा जंगल के सचिव अरुणेश पाल, अमरौली सुमाली के अखिलेश शुक्ला, बहादुरपुर के कलवारी मुस्तहकम के सचिव राजन चौधरी, सिकन्दरपुर परसुरामपुर के सचिव राम सुरेश यादव का वेतन रोक दिया। डीपीआरओ ने यह भी कहा कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में आवंटित क्रेडिट लिमिट के सापेक्ष मदवार व्यय की धनराशि, बिल बाऊचर्स, उपभोग प्रमाण-पत्र 31 जुलाई तक योजना सहायक के पास जमा कर दें। अन्यथा की दशा में कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।