उत्तर बंगाल के उपेक्षा के खिलाफ भाजपा विधायकों का प्रदर्शन

कहा, उत्तर बंगाल के विकास में राज्य सरकार को दिलचस्पी नहीं

अशोक झा, सिलीगुड़ी: उत्तर बंगाल के लगातार उपेक्षा और सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए गुरुवार को भाजपा विधायक शंकर घोष के नेतृत्व में आंदोलन किया गया। विधानसभा के बाहर धरना प्रदर्शन किया गया। इस मौके पर विरोधी दल नेता शुभेंदु अधिकारी भी साथ थे। घोष ने कहा की उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज में वर्षों बाद एक न्यूरो सर्जन दिया गया था उसे भी तीन माह में हटा लिया गया। चाय बगान बंद है। रोजी रोजगार के लिए पलायन हो रहा है। जंगल को काटकर रिसोर्ट और व्यावसायिक होटल तैयार हो रहा है। वह भी कौन कर रहा है जो सीएम का खास व्यापारी है। आज उत्तर बंगाल की उपेक्षा को लेकर ही इसे राज्य से अलग करने की मांग जोड़ पकड़ते जा रही है। उत्तर बंगाल की उपेक्ष को लेकर शुभेंदु अधिकारी ने कहा की बंगाल की सरकार फूट डालो राज करो की नीति पर काम कर रही है। वह उत्तर बंगाल की उपेक्षा इसलिए कर रही है क्योंकि उन्हें पता है की वहां से उन्हें वोट नहीं मिलने वाला। भाजपा नेता दिलीप घोष ने भी कहा की राज्य को विभाजित करने के कथित प्रयासों का विरोध करने के लिए सोमवार को राज्य विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश करने के टीएमसी के फैसले पर भी निशाना साधा। दिलीप घोष ने टीएमसी पर साधा निशाना: उन्होंने दावा किया कि टीएमसी राज्य के उत्तर बंगाल के जिलों के विकास में बाधा डाल रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा की बंगाल इकाई के अध्यक्ष और बालुरघाट के सांसद सुकांत मजूमदार ने उत्तरी जिलों के विकास का प्रारूप प्रस्तावित किया है। घोष ने विधानसभा के बाहर कहा, “भाजपा ने कभी भी पश्चिम बंगाल को विभाजित करने की वकालत नहीं की है, न ही उसने किसी घोषणापत्र में ऐसा प्रस्ताव शामिल किया है।दिलीप घोष ने कहा कि हमारे संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने पश्चिम बंगाल के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हर किसी की तरह, हम (भाजपा) भी बंगाल से प्यार करते हैं।” उन्होंने तृणमूल कांग्रेस पर चुनावी लाभ के लिए राज्य को विभाजित करने की राजनीति करने का आरोप लगाया। घोष ने कहा, “बंगाल के लोगों को उन लोगों से सावधान रहना चाहिए जो विभाजन को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।दिलीप घोष ने की सरकार की आलोचना: दिलीप घोष ने उत्तर बंगाल के लोगों को धोखा देने और जिले के विकास का विरोध करने के लिए टीएमसी की आलोचना की। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि मजूमदार ने क्षेत्र के लिए एक विकास योजना की रूपरेखा तैयार की थी। घोष ने कहा, “उत्तर बंगाल के लोगों को आजादी के बाद से राज्य पर शासन करने वाली विभिन्न सरकारों ने धोखा दिया है। टीएमसी उत्तर बंगाल के विकास के खिलाफ है।

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