कौन है सुबोध सिंह जो 6 राज्यों में लूट चुका है 300 किलोग्राम सोना

लुटेरों को ट्रेनिंग देकर भेजता है विमान से वारदात को अंजाम देने

अशोक झा, सिलीगुड़ी : बंगाल हो या बिहार सोना दुकान में लूट के बाद एक ही नाम सामने आता है वह है कुख्यात अपराधी सुबोध सिंह। गोल्डन थीफ के नाम से जाने जाने वाला सुबोध सिंह पिछले 6 साल से पटना के बेउर जेल से बंद था, लेकिन फिलहाल वह पश्चिम बंगाल के बैरकपुर जेल में बंद है। सुबोध सिंह की लूट की कहानी पूरे देश में प्रचलित है। पहले भी बेउर जेल के अंदर कई बड़े कांड की योजना बनाई जा चुकी है। पटना के बेउर जेल में बंद छोटे से बड़े अपराधी लगातार प्रशासन के लिए चुनौती बने हुए हैं। इन्हीं में से एक अपराधी है गोल्डेन थीफ सुबोध सिंह जो पिछले कई सालों से बेउर जेल में बंद है। सुबोध सिंह को देश का सबसे बड़ा सोना लुटेरा (गोल्डेन थीफ) भी कहा जाता है। अब ऐसे में सवाल यह है कि देश के सबसे बड़े सोने लुटेरे पर पुलिस लगाम क्यों नहीं लगा पा रही है।जानकारी के अनुसार करीब 6 राज्यों में लगभग 300 किलो सोना लूटने वाले गिरोह का सरगना सुबोध सिंह अपने कारनामों के लिए पूरे देश के अपराध जगत में मशहूर है। बताया जाता है कि सुबोध सिंह गैंग के किसी राज्य में सोना लूटने के लिए फ्लाइट से जाते हैं। वहीं जानकारी मिल रही है कि सुबोध सिंह बेउर जेल में ही छाेटे-माेटे अपराधियाें काे ट्रेनिंग देता है। कटनी के मण्णपुरम में 16 किलाे साेना और 3.50 लाख कैश लूटने वाले सुबाेध पर छह राज्याें में 30 केस दर्ज हैं।
सुबोध के गैंग ने लूटा करीब 300 किलो सोना: बता दें, सुबोध को करीब 6 साल पहले एसटीएफ ने पटना के दनापुर से दबाेचा था. तब वह दानापुर में 15 किलाे साेना के साथ प्रेमिका से मिलने पहुंचा था. पटना में चार, वैशाली में चार और बिहार के बाहर सुबोध पर करीब 30 केस दर्ज हैं. जानकारी के अनुसार ट्रायल चलने की वजह से दूसरी राज्य की पुलिस उसे रिमांड पर नहीं ले पा रही है. बिहार समेत छह राज्याें में करीब 300 किलाे साेना लूटने वाले गिराेह का सरगना सुबोध सिंह पिछले 6 साल से बेउर जेल में बंद है. सुबाेध पर पटना के राजीवनगर वऔर रूपसपुर में एक-एक और दाे केस दानापुर में केस दर्ज है। सुबोध सिंह पर 6 राज्यों में दर्ज हैं 30 केस: अपराध की दुनिया में गोल्डेन थीफ के नाम से चर्चित सुबाेध पर वैशाली में चार केस दर्ज हैं. बिहार से बाहर उसपर मध्यप्रदेश, राजस्थान, झारखंड, बंगाल समेत छह राज्याें में इस सरगना पर करीब 30 केस दर्ज हैं. सुबोध सिंह बेउर जेल में रहते हुए वहां बंद छाेटे-माेटे अपराधियाें का ब्रेनवाॅश कर उसे साेना लूटने की ट्रेनिंग देता है. वह उन्हें हर सुविधा देता है. यहां तक कि वह अपने गिराेह के लुटेराें काे विमान से लूट करने काे भेजता है. महंगे हाेटल में या किराए के मकान में रखवाता है. घटना के बाद उसके लुटेरे सड़क या ट्रेन से वापस लौटते हैं।
जेल से पूरे गैंग को ऑपरेट करता है सुबोध सिंह: कटनी के मण्णपुरम गाेल्ड फाइनेंस में 26 नवंबर 2022 काे 16 किलाे साेना और 3.50 लाख कैश लूट में शामिल सभी लुटेरे बिहार के ही थे. इसमें एमपी पुलिस ने शुभम और अंकुश काे गिरफ्तार किया था. ये दाेनाें पटना के ही थे. इन दाेनाें के अलावा कटनी में हुई इस बड़ी वारदात में वैशाली के अखिलेश उर्फ विकास, पटना के अर्जुन उर्फ पीयूष, बक्सर के मिथिलेश उर्फ धर्मेंद्र पाल और अमित सिंह उर्फ विक्कू भी शामिल था. ये सभी हाल के दिनाें में ही बेउर जेल से छूटे हैं. सुबाेध बेउर जेल से ही पूरे गैंग काे ऑपरेट करता है। इंटर पास है सुबोध, वैशाली से की थी शुरुआत: इंटर पास सुबोध का काेई सगरना नहीं है. वह पहले वैशाली के अपराधियाें के साथ साेना लूट किया करता थ. लेकिन, धीरे-धीरे उसने पूरा गिराेह खड़ा कर लिया. सुबाेध मुथुट, मण्णपुरम या इसी तरह की संस्थानाें में हथियार के बलपर लूट करता या करवाता है जहां एक बार में 15-20 किलाे साेना मिल जाए. चार साल पहले जनवरी 2018 में बिहार एसटीएफ ने सुबाेध काे दानापुर से उस वक्त गिरफ्तार किया था जब वह प्रेमिका से मिलने आया था. एसटीएफ ने उसके शरीर से डेढ़ किलाे साेना और बैग से करीब 15 किलाे साेना के साथ ही पिस्टल व देसी कट्टा बरामद किया था. तब से वह बेउर जेल में बंद है. खास बात यह है कि जब वह पकड़ गया ताे उसने पुलिस काे छाेड़ने के लिए 50 लाख का ऑफर भी किया था।
पूर्णिया तनिष्क लूटकांड में अहम भूमिका: सुबोध सिंह के खिलाफ पटना के दानापुर, रूपसुपर, हाजीपुर में दर्ज चार केस का ट्रायल चल रहा है. ट्रायल चलने की वजह से दूसरे राज्याें की पुलिस पहले उसे रिमांड पर नहीं ले जा रही थी. हालांकि पिछले महीने बंगाल पुलिस की एसटीएफ़ सुबोध सिंह को रिमांड पर ले गई. फिलहाल वह बैरकपुर जेल में बंद है. बैरकपुर का ही एक अपराधी पूर्णिया के तनिष्क शोरूम में शामिल था. मतलब साफ है सुबोध ने बेऊर से लेकर पश्चिम बंगाल तक पूर्णिया के तनिष्क शोरूम लूट कांड में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।चंदन माना जाता है सुबोध सिंह का दाहिना हाथ: बता दें, 2022 में धनबाद में हुए साेना लूट के दाैरान वहां की पुलिस ने सुबाेध के एक गुर्गे काे एनकाउंटर कर मार गिराया था. वहीं उस दौरान गैंग का एक सदस्य घायल हाे गया था. सूत्राें के अनुसार, वैशाली में भी सुबाेध के एक लुटेरे काे एसटीएफ ने मुठभेड़ में मार गिराया था।बिहार एसटीएफ सुबाेध के करीब 30 लुटेराें काे जेल भेज चुकी है। सुबोध के अलावा बेउर जेल में बंद चंदन सुबोध सिंह का दाहिना हाथ है उसकी भी तनिष्क लूट कांड में अहम भूमिका रही है।
आखिर क्यों नहीं सुधार रही जेल की व्यवस्था?अब सवाल यही है कि जेल के अंदर व्यवस्था मजबूत होने का दावा किया जाता है. लेकिन, इसके बावजूद अपराधी साजिश करने में सफल क्यों हो जाते हैं. इस बारे में सेवानिवृत्ति पदाधिकारी रिटायर्ड पुलिस अफसर शिवचंद्र प्रसाद सिंह का कहना है कि इसके लिए कई कारण जिम्मेदार हैं. सबसे बढ़कर कारण है जेल की आंतरिक व्यवस्था का कमजोर होना स्पेशल ब्रांच की विफलता भी इसकी एक मुख्य वजह है। वहीं इन दिनों पटना पुलिस ने बेउर में अपनी गतिविधि बढ़ा दी है. जेल प्रशासन की मदद से लगातार जेल के अंदर कार्रवाई जारी है. पटना के सिटी एसपी प्रकाश चंद्र मानते हैं कि जेल की व्यवस्था को सुदृढ़ करना बेहद जरूरी है और इसके लिए प्रयास भी जारी है।

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