आरजीकर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हिंसा शर्मनाक : बंगाल राज्यपाल

अशोक झा, कोलकाता: कोलकाता के आरजीकर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हिंसा और तोड़फोड़ की घटना पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने शर्मनाक बताया है। अस्पताल का दौरान करने के बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस पर राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा। इस मौके पर उन्होंने मेडिकल कॉलेज में आंदोलन कर रहे जूनियर डॉक्टरों से बात की। इस दौरान उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मैंने जो देखा, जो सुना, जो मुझे बताया गया और जो रिपोर्ट किया गया। यहां जो घटना हुई, वह चौंकाने वाली, चकनाचूर करने वाली और निंदनीय है। यह बंगाल और भारत और मानवता के लिए शर्म की बात है। यह हमारे आसपास देखी गई सबसे बड़ी गिरावट है।कानून के रखवाले खुद ही साजिशकर्ता बन गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि पुलिस का एक हिस्सा राजनीतिक और अपराधी हो चुका है। इस सड़ांध को खत्म करना होगा. इसके लिए सरकार जिम्मेदार है। पहली जिम्मेदारी सरकार की है. हम सुरक्षा चाहते हैं ताकि जब आप रात में काम पर जाएं तो सुरक्षित रहें…यह खूनखराबे के अलावा और कुछ नहीं है। मुझे पुलिस से बात करने दीजिए: राज्यपाल से जब छात्रों ने मेडिकल कॉलेज परिसर में तोड़फोड़ करने वाली भीड़ की हरकतों के बारे में पूछा तो बोस ने कहा कि मुझे पुलिस के पास जाकर स्थिति का जायजा लेने दीजिए। मैं आपसे इस पर चर्चा करूंगा और आपकी राय लूंगा और उसके बाद ही हम कार्रवाई करेंगे। इससे पहले गुरुवार को कोलकाता पुलिस ने स्पष्ट किया कि 14 अगस्त की देर रात को हुई भीड़ की बर्बरता के दौरान आरजीकर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर के साथ हुए क्रूर बलात्कार और हत्या के अपराध स्थल को प्रभावित नहीं किया गया था।
हिंसक लोगों की भीड़: कोलकाता के एमबीबीएस अंतिम वर्ष के छात्र अनुपम रॉय ने गुरुवार को भीड़ पर जानबूझकर तोड़फोड़ करने का आरोप लगाया था और डॉक्टरों के लिए सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करने के लिए जनता से सहयोग मांगा था। पुलिस के अनुसार, कथित तौर पर प्रदर्शनकारियों के वेश में लगभग 40 लोगों का एक समूह अस्पताल परिसर में घुस गया था। बुधवार रात को मेडिकल कॉलेज में हुई हिंसा के बाद गुरुवार को राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड का दौरा किया। राज्यपाल ने कहा कि जो मैंने यहां देखा, जो सुना और पीड़ितों द्वारा जो मुझे बताया गया वो चौंकाने वाला और निंदनीय है. राज्यपाल यहां तक नहीं रुके उन्होंने यहां तक कहा दिया कि यह बंगाल, भारत और समाज के लिए शर्मिंदा करने वाली घटना है।
कानून के रखवाले ही बन गए हैं साजिशकर्ता: राज्यपाल ने कोलकाता पुलिस पर निशाना साधते हुए कहा कि कानून के रखवाले ही साजिशकर्ता बन गए हैं। पुलिस का एक वर्ग राजनीति और अपराध कर रहा है। इसके लिए उन्होंने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी की सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि ये सरकार की जिम्मेदारी है कि लोग रात में अपने कामों पर जा सके। लेकिन जो हो रहा है वह खूनी खेल है।
राज्यपाल ने जूनियर डॉक्टरों से की बात
अस्पताल पहुंचने के बाद राज्यपाल ने प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों से बात की। उन्हें छात्रों से आश्वासन देते हुए कहा कि आप लोगों को न्याय मिलेगा। इसलिए मैं खुद यहां आया हूं. हम सभी साथ मिलकर लड़ेंगे। इस दौरान छात्रों ने उनसे बुधवार रात हुई हिंसा के बारे में पूछा, इसपर जवाब देते हुए कहा कि मैं पुलिस स्टेशन जा रहा हूं और घटना के बारे में सारी जानकारी लेने के बाद मैं आपको पूरी जानकारी दे पाउंगा। बता दें कि बुधवार रात को एक हिंसक भीड़ ने अस्पताल में तोड़फोड़ की घटना को अंजाम दिया था. इसके बाद कोलकाता पुलिस ने आरोपियों की तस्वीरें जारी की और यह भी बताया कि जूनियर डॉक्टर की हत्या वाला क्राइम सीन को कुछ भी हानि नहीं हुई है। सीबीआई ने पीड़िता के परिजनों के लिए बयान: हिंसक भीड़ ने संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और पुलिस पर पथराव किया। इसके बाद भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। उन्होंने बताया कि घटना में मौके पर मौजूद एक पुलिस वाहन और कुछ दोपहिया वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए। इस दौरान सीबीआई ने उत्तर 24 परगना में पीड़िता के घर का दौरा किया और उसके माता- पिता के बयान दर्ज किए हैं।
गुरुवार दोपहर को CBI की एक टीम सोदपुर इलाके में पहुंचकर उसके परिवार के सदस्यों से बातचीत की। सीबीआई टीम ने 8-9 अगस्त की रात को हुई इस घटना के मामले में तीन और लोगों को तलब किया है। इसके साथ ही उस रात अस्पताल में ड्यूटी पर मौजूद छात्र-डॉक्टरों से भी जांच टीम ने बातचीत की है।
कलकत्ता हाई कोर्ट ने मंगलवार को इस मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपा था और कोलकाता पुलिस ने रात में ही संबंधित दस्तावेज सीबीआई को हस्तांतरित किए थे। बुधवार सुबह सीबीआई अधिकारियों ने आरोपित को अपनी हिरासत में लेकर घटनास्थल का भी निरीक्षण किया।बुधवार को आरोपित सिविक वॉलंटियर्स की स्वास्थ्य जांच के लिए सीबीआई
को दिनभर मशक्कत करनी पड़ी। पहले उसे जौका की ओर ले जाया जा रहा था, जहां पिछले कुछ दिनों से ईएसआई अस्पताल के डॉक्टरों का एक समूह प्रदर्शन कर रहा है। आरोपित को जोका ले जाते समय प्रदर्शन और भी उग्र हो गया, जिसके कारण सीबीआई ने रास्ते में ही अपनी गाड़ी मोड़ ली। इसके बाद आरोपित को लेकर सीबीआईअधिकारी अलीपुर के कमांड अस्पताल पहुंचे लेकिन वहां भी उसकी स्वास्थ्य जांच नहीं हो सकी। कमांड अस्पताल में जांच क्यों नहीं हुई, इसका स्पष्ट कारण नहीं बताया गया। अंत में आरोपित की स्वास्थ्य जांच सियालदह स्थित भारतीय रेलवे के बीआर सिंह अस्पताल में की गई। इस मामले में सीबीआई की जांच लगातार जारी है।

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