भाजपा ने सीएम ममता पर लगाए गंभीर आरोप, शुभेंदु अधिकारी ने कहा आ गया जेल जाने का वक्त


अशोक झा, सिलीगुड़ी: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (आरजीकेएमसीएच) में एक महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शनों ने इस साल की दुर्गा पूजा जोश को फीका कर दिया है, क्योंकि कई पूजा आयोजकों ने ममता बनर्जी सरकार द्वारा दिए जाने वाले वार्षिक उत्सव के मानदेय को विरोधस्वरूप अस्वीकार कर दिया है।वही विरोध प्रदर्शन करते हुए भाजपा नेता और विरोधी दल नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा, “ये स्वास्थ्य विभाग का बहुत बड़ा भ्रष्टाचार है। हमने पहले पूर्व शिक्षा मंत्री के खिलाफ आवाज उठाई थी, जो हिरासत में हैं। उसके बाद फूड घोटाला उजागर हुआ, पूर्व खाद्य मंत्री भी जेल गए। अब समय आ गया है कि स्वास्थ्य मंत्री को भी जेल जाना चाहिए। बंगाल के लोग यही चाहते हैं। अदालत ने पहले ही फैसला दे दिया है। राज्य सरकार अब घबरा गई है, वे मामले को लेकर बेंच के पास गए, लेकिन बेंच ने इनकार कर दिया। यह हमारे लिए अच्छी खबर है कि समय आ गया है कि ममता बनर्जी जेल जाएंगी।”आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ कथित रेप और हत्या के बाद सूबे में हर जगह प्रदर्शन हो रहा है। पीड़िता का घर गोला थाना क्षेत्र में आता है। बीजेपी समर्थकों ने चिनसुराह, सिउरी, न्यू जलपाईगुड़ी, बांकुरा, मिदनापुर और बाराबनी पुलिस स्टेशनों सहित कई जगहों पर ‘घेराव’ और प्रदर्शन किया।बड़ी संख्या में इकट्ठा हुए बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने पुलिस स्टेशनों के सामने नारे लगाए। बीजेपी नेताओं का कहना था कि हमारी केवल एक मांग है, ममता बनर्जी को सीएम पद से इस्तीफा देना चाहिए। आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई घटना को लेकर भाजपा नेता दिलीप घोष ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी की सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल में एक बड़ा नेक्सस चल रहा है। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज को लेकर बीजेपी नेता दिलीप घोष ने पश्चिम बंगाल की ममता सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। हॉस्टल से लेकर अस्पताल तक सेक्स रैकेट जैसी चीजें चल रही हैं और इस धंधे से आने वाला पैसा सत्ताधारी टीएमसी के पार्टी फंड में जाता है। उन्होंने कहा कि यह नेक्सस ममता बनर्जी के इशारे पर चल रहा है। उन्होंने कहा, “एसपी दास से पूछताछ होनी चाहिए। ये ममता के सबसे खास डॉक्टर हैं। अपनी बेटी को किस तरह से नौकरी दिलवाई और प्राइम पोस्ट पर रखा है। यहाँ डॉक्टरों को फेल करने की धमकी दी जाती है। क्राइम सीन के पास तोड़फोड़ की गई। जब खोजी कुत्ता वहाँ गया तो वह और आगे जा रहा था और कुछ ढूंढ रहा था, लेकिन उसे आगे नहीं ले गए। इसमें कोलकाता पुलिस कमिश्नर सबसे बड़ा दोषी हैं।” दिलीप घोष ने आरोप लगाया, “(ट्रेनी डॉक्टर की) लाश को बुरी तरह से घसीट कर परिवार के सामने लाया गया था। ऐसे कौन करता है? पुलिस को सस्पेंड क्यों नहीं किया। अस्पताल में जितना नेक्सस चल रहा है, सब कुछ तो ममता के इशारे पर ही हो रहा है। डॉक्टर बेटी को भी फेल करने की धमकी दे गई थी।” दिलीप घोष ने इस दौरान TMC के पूर्व प्रवक्ता शांतनु सेन का भी जिक्र किया।उन्होंने कहा, “शान्तनु सेन की बेटी को भी फेल करने की धमकी दी गई थी। पूरे बंगाल में खुला खेल चल रहा है। डॉक्टर एसपी दास और कोलकाता पुलिस कमिश्नर इसका हिस्सा हैं। घटना के समय और भी डॉक्टर मौजूद थे, उनको पकड़ो। जल्दी कुछ करो बंगाल के लिए। रोहिंग्या घुसपैठ से लेकर हर डिपार्टमेंट में हर तरफ लूटपाट है, इसको रोकना चाहिए।” बता दें कि शांतनु सेन और उनकी पत्नी पत्नी काकाली सेन आरजी मेडकल कॉलेज एवं अस्पताल से ही पढ़ाई किए हैं। वहाँ पर उनकी बेटी भी पढ़ाई कर रही है। इस घटना के बाद प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों का उन्होंने साथ दिया था। इसके बाद ममता बनर्जी की तृणमूल कॉन्ग्रेस ने उन्हें तत्काल पार्टी के प्रवक्ता पद से हटा दिया था। उन्होंने कहा था, “कॉलेज में एक रैकेट चलता है और अगर आप उसमें शामिल नहीं देते हैं तो आपको निशाना बनाया जाता है। अगर आप साथ देते हैं तो आप जो चाहें कर सकते हैं। मैं किसी विशेष प्रोफेसर का नाम नहीं लेना चाहता, लेकिन अगर आप उनकी नजर में अच्छे हैं तो आप परीक्षा में नकल भी कर सकते हैं। अगर आप निशाने पर हैं तो आप चाहे कितने भी अच्छे हों, आपकी डिग्री रद्द कर दी जाएगी। कहा की कैंपस की अधिकांश महिला डॉक्टर एवं नर्स अपना सामान लेकर जा चुकी हैं। जो वहाँ रहने को मजबूर हैं, वो दहशत में जी रही हैं। कहा जा रहा है कि 14 अगस्त की रात को कैंपस में घुसी हजारों की भीड़ ने महिला हॉस्टल में भी तोड़फोड़ की थी और महिला डॉक्टरों को रेप की धमकी दी थी। दरअसल, 8-9 अगस्त की रात को ट्रेनी डॉक्टर की बर्बरता से रेप करने के बाद हत्या कर दी गई थी। इसके विरोध में RG कर मेडिकल के डॉक्टर कैंपस में विरोध प्रदर्शन पर बैठे थे। 14 अगस्त की रात की हजारों की संख्या में बाहरी लोग कैंपस में घुस आए और डॉक्टरों पर हमला कर दिया। उन्होंने इमरजेंसी वॉर्ड सहित कई जगहों पर तोड़फोड़ की। इनमें से कुछ सत्ताधारी TMC से भी जुड़े थे। वहाँ की एक महिला डॉक्टर ने आजतक को बताया कि घटना वाले दिन हुड़दंगियों ने अस्पताल के गर्ल्स हॉस्टलों में भी पहुँच गए थे। कहा जा रहा है कि इस दौरान हॉस्टल में रहने वाली महिला रेजिडेंट डॉक्टरों को डराया-धमकाया गया और उन्हें रेप की धमकी दी गई। रेजिडेंट डॉक्टर ने बताया, “उस दिन हम लोग टॉयलेट में और बेड के नीचे छिप गए थे। जहाँ जगह मिल रही थी, जान बचाने के लिए लोग वहाँ भाग रहे थे।” घटना से महिला डॉक्टर डर गईं और कैंपस छोड़कर या तो वे अपने घर चली गईं या दूसरी जगह शिफ्ट हो गईं। कहा जा रहा है कि वहाँ 160 महिला डॉक्टर थीं, जिनमें से अब केवल 17 बचीं हैं। जूनियर डॉक्टरों की वकील अपराजिता सिंह ने इस हालात के बारे में कहा था कि 700 रेजिडेंट डॉक्टरों में से सिर्फ 30-40 महिला डॉक्टर और 60-70 पुरुष डॉक्टर ही कैंपस में बचे हैं। इस घटना के बाद सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए कैंपस में केंद्रीय बल CISF को नियुक्त करने का आदेश दिया था। इसके बाद कैंपस में 150 से अधिक CISF सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है। महिला डॉक्टर का कहना है, “हमें अभी भी डर है कि गुंडे यहाँ फिर से हमला कर सकते हैं। हमें ये भी डर है कि यहाँ जो घटना हुई है, वह हमारे साथ भी घट सकती है।” रेजिडेंट या अन्य डॉक्टर भले ही हॉस्टल से चले गए हों, लेकिन मेडिकल कॉलेज की नर्सिंग स्टाफ के पास कोई विकल्प नहीं हैं। वे एडमिट किए गए मरीजों की देखभाल में जुटी हैं। नर्सों का कहना है कि 14 अगस्त की घटना के बाद कोई भी स्टाफ रात में ड्यूटी करने के लिए तैयार नहीं है। नर्स भी हॉस्टल छोड़कर जाना चाहती हैं, लेकिन उनके पास कोई विकल्प नहीं है। आरजी कर मेडिकल कॉलेज परिसर में दो नर्सिंग हॉस्टल अभी भी भरे हुए हैं। यहाँ नर्सें रहने के लिए मजबूर हैं। रेप-मर्डर जैसी भयावह घटना के बाद भी वह रात में काम कर रही हैं। एक नर्स ने बताया कि वॉर्ड में उन्हें डर लगता है। नर्सों को लगता है कि इस घटना में कई लोग शामिल हैं। उसने बताया कि हंगामे के बाद से महिला डॉक्टरों के बदले पुरुष डॉक्टर ड्यूटी कर रहे हैं, लेकिन मेल नर्स नहीं है।

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