संदीप घोष चार दिनों के सीबीआई के रिमांड पर , पूछताछ में होगा अहम खुलासा


अशोक झा, कोलकोता: कोलकाता के आरजी कर अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और उसके अन्य तीन साथियों को सीबीआई ने सोमवार को गिरफ्तार किया था। इसी अस्पताल में पिछले महीने एक महिला ट्रेनी डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। उन्हें मंगलवार को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने चारों को सीबीआई की रिमांड पर भेज दिया है। इस मामले में 10 सितंबर को अगली सुनवाई होगी। उन्हें सोमवार की रात केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने चारों आरोपियों के लिए दस दिन की हिरासत की मांग करते हुए कहा, इसमें एक बड़ी सांठगांठ है, जिसका खुलासा करने की जरूरत है। इसलिए हम हिरासत की मांग कर रहे हैं। हमने अभी चार लोगों को गिरफ्तार किया है। बहुत बड़ी सांठगांठ है। इसका पर्दाफाश करने के लिए हमें उनकी हिरासत की जरूरत है। गिरफ्तार किए गए तीन अन्य लोगों में घोष का सुरक्षाकर्मी अफसर अली (44) और अस्पताल के विक्रेता बिप्लव सिंघा (52) और सुमन हजारा (46) शामिल हैं, जो अस्पताल को सामग्री की आपूर्ति किया करते थे। घोष की गिरफ्तारी के एक घंटे के भीतर ही सीबीआई अधिकारियों ने तीन और गिरफ्तारियां की हैं। डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में घोष से सीबीआई के साल्ट लेक कार्यालय में 15वें दिन भी पूछताछ की गई। बाद में, उन्हें सीबीआई के निजाम पैलेस कार्यालय ले जाया गया, जहां एजेंसी की भ्रष्टाचार रोधी शाखा का दफ्तर है। वहां उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
घोष के खिलाफ क्या-क्या आरोप?: बता दें कि महिला ट्रेनी डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में देशभर में चल रहे विरोध-प्रदर्शनों के बीच आरजी कर अस्पताल के पूर्व डिप्टी सुपरिटेंडेंट अख्तर अली ने 21 अगस्त को कलकत्ता हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी। इसमें उन्होंने संदीप घोष के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए थे। इसी के बाद घोष के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच शुरू की गई। मीडिया रिपोर्ट्स के बाद अख्तर अली ने आरोप लगाया है कि संदीप घोष ने अपने कार्यकाल के दौरान लावारिश लाशों को अवैध रूप से बेचा, सरकारी फंड में हेरफेर की और बायोमेडिकल कचरे की तस्करी की। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस ने घोष की गिरफ्तारी को अंत की शुरुआत बताया।
संजय रॉय इसलिए गया था सेमिनार वाली मंजिल पर: बचाव पक्ष के वकील के मुताबिक आरोपी संजय रॉय ने उन्हें बताया है कि वह पीड़िता को नहीं जानता था। रॉय की वकील ने कहा, मेरे मुवक्किल ने कहा है कि उसे फंसाया गया है और उसे फंसाने के लिए सबूत गढ़े गए हैं। वह अदालत में खुद को निर्दोष बताएगा. वकील ने यह भी दावा किया कि रॉय उस मंजिल पर गया था जहां आरजी कर अस्पताल का सेमिनार हॉल स्थित है, ताकि अपने दोस्त के पिता के स्वास्थ्य की जानकारी ले सके, जिनका उस दिन ऑपरेशन हुआ था।
दस्तावेजों के आधार पर अपना मुकदमा लड़ेंगे: वकील ने दावा किया कि जिस दिन से उन्हें रॉय के मामले में उसकी पैरवी करने के लिए नियुक्त किया गया, तब से वह केवल दो बार ही उससे मिल सकीं, पहली बार 15 मिनट के लिए और दूसरी बार शनिवार को 10 मिनट के लिए. उन्होंने कहा, अभियोजन पक्ष के वकीलों द्वारा अदालत के समक्ष प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों के आधार पर अपना मुकदमा लड़ेंगे।
प्रदर्शनकारी के बारे में बुरा न बोलें, TMC नेता की गुजारिश:
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक बनर्जी ने सोमवार को पार्टी के नेताओं से कहा कि पश्चिम बंगाल में सड़कों पर बढ़ते विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर वे चिकित्सकों और किसी भी प्रदर्शनकारी के बारे में बुरा न बोलें. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बनर्जी ने इस मुद्दे पर सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा तीखी टिप्पणी किए जाने की खबरों के बीच, सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक बयान जारी किया. तृणमूल कांग्रेस की छात्र शाखा ने सोमवार को संगठन के एक वरिष्ठ सदस्य को निलंबित कर दिया, जिसपर आरोप है कि उसे पुलिस के साथ सरकारी अस्पताल के कमरे में देखा गया था, जहां नौ अगस्त को महिला चिकित्सक का शव मिला था।

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