बहराइज में पूरी तरह शांति कई पुलिस व राजस्व विभाग के कर्मचारियो पर गिरेगी गाज-डीजीपी प्रशांत कुमार
बहराइज में पूरी तरह शांति कई पुलिस व राजस्व विभाग के कर्मचारियो पर गिरेगी गाज-डीजीपी प्रशांत कुमार
उप्र बहराइज जिले के महराज गंज में रविवार को मूर्ति विसर्जन यात्रा के दौरान हुई हिंसक घटना के बाद इलाके में जन जीवन पूरी तरह बाधित हो गया था। उच्चाधिकारियों की ओर से तत्परता से संज्ञान लेने के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने क्षेत्र में फैली हिंसा पर काबू पा लिया है।
एसडीएम महसी के नेतृत्व में राजस्व टीमें क्षेत्र के विभिन्न गांवों में लोगों से सामान्य जन जीवन पर लौटाने की अपील कर रही हैं। यह भरोसा दिला रही हैं कि अब किसी भी प्रकार की घटना होने की आशंका भी नहीं है।
पुलिस व राजस्व विभाग के भी कई कर्मचारियो पर गिर सकती गाज
महराजगंज में हिंसा रोकने में नाकाम रहने वाले पुलिस व राजस्व विभाग के कई अधिकारी व कर्मचारियों पर भी गाज गिर सकती है। बताया जा रहा है कि ऐसे लोगों की जांच हो रही है, जिन्होंने समय रहते कदम नहीं उठाया, जिससे कारण इतनी बड़ी हिंसा हो गई।
वही यूं ही सीओ रूपेंद्र गौड़ को शासन ने निलंबित नहीं किया है, बल्कि भड़की हिंसा को लेकर सामने आए वीडियो के फुटेज की जांच में पुलिस की लापरवाही सामने आई है, प्रथम दृष्ट्या यह कदम उठाया गया है।
आखिर किस स्तर पर चूक होने से मामूली गाना बजाने को लेकर कहासुनी ने हिंसा का रूप ले लिया, इसकी हर स्तर पर जांच के लिए एडीजी एलओ की ओर से विशेष टीम लगाई गई है। इसकी रिपोर्ट के आधार पर तैनात हर स्तर के अधिकारी व कर्मचारी पर कार्रवाई तय मानी जा रही है। हरदी थाने का महराजगंज इलाका अतिसंवेदनशील श्रेणी में है। मूर्ति विसर्जन को लेकर पहले से ही पुलिस व अन्य विभागों के समन्वय से कई टीमें अलग-अलग मोर्चे पर लगाई गई थी। आपातकालीन स्थिति से निपटने को लेकर एम्बुलेंस भी तैनात की गई थी, लेकिन जब दंगा भड़का और रामगोपाल को 13 अक्टूबर की शाम को गोली मार दी गई, तो सभी सेवाएं ही धरी रह गईं। घायल को सीएचसी पहुंचाने के लिए बाइक का सहारा लेना पड़ा।
वही यूं ही सीओ रूपेंद्र गौड़ को शासन ने निलंबित नहीं किया है, बल्कि भड़की हिंसा को लेकर सामने आए वीडियो के फुटेज की जांच में पुलिस की लापरवाही सामने आई है, प्रथम दृष्ट्या यह कदम उठाया गया है।
आखिर किस स्तर पर चूक होने से मामूली गाना बजाने को लेकर कहासुनी ने हिंसा का रूप ले लिया, इसकी हर स्तर पर जांच के लिए एडीजी एलओ की ओर से विशेष टीम लगाई गई है। इसकी रिपोर्ट के आधार पर तैनात हर स्तर के अधिकारी व कर्मचारी पर कार्रवाई तय मानी जा रही है। हरदी थाने का महराजगंज इलाका अतिसंवेदनशील श्रेणी में है। मूर्ति विसर्जन को लेकर पहले से ही पुलिस व अन्य विभागों के समन्वय से कई टीमें अलग-अलग मोर्चे पर लगाई गई थी। आपातकालीन स्थिति से निपटने को लेकर एम्बुलेंस भी तैनात की गई थी, लेकिन जब दंगा भड़का और रामगोपाल को 13 अक्टूबर की शाम को गोली मार दी गई, तो सभी सेवाएं ही धरी रह गईं। घायल को सीएचसी पहुंचाने के लिए बाइक का सहारा लेना पड़ा।
मुख्यमंत्री की ओर से दिए गए आदेश के बाद एडीजी एलओ की ओर से टीम गठित की गई है, जो उस दिन महाराजगंज कस्बे में ड्यूटी पर तैनात किए गए अधिकारियों व कर्मियों की गतिविधियों की जांच कर रही है। सभी के बयान दर्ज किए जाएंगे। अपने सूत्रों से भी जानकारी जुटाई जा रही है, ताकि असल में लापरवाहों की जवाबदेही तय करते हुए कार्रवाई को शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी।
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सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक भेजने वाले को किया जा रहा चिह्नित
डीजीपी प्रशांत कुमार का कहना है कि अब बहराइच में पूरी तरह से शांति है। पुलिस अधिकारियों को पूरी मुस्तैदी बरते जाने का निर्देश दिया गया है। एडीजी कानून-व्यवस्था अमिताभ यश ने बहराइच से वापस आकर डीजीपी को अपनी रिपोर्ट सौंपी है। माना जा रहा है कि स्थानीय स्तर पर लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों व कर्मियों के विरुद्ध जल्द कार्रवाई हो सकती है। खासकर घटना के बाद इंटरनेट मीडिया के माध्यम से माहौल बिगाड़ने का प्रयास करने व आपत्तिजनक संदेश प्रसारित करने वालों को चिह्नित कराया जा रहा है।