दोहरे मापदंडों से बढ़ रहा है ध्वनि प्रदूषण

गोरखपुर। ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ अभियान चलाने वाली संस्था ‘सत्या फाउण्डेशन’ द्वारा स्कूली विद्यार्थियों और शिक्षकों को जागरूक करने के क्रम में आज केन्द्रीय विद्यालय नंबर-2 , एफ.सी.आई , गोरखपुर में कार्यक्रम आयोजित किया गया ।

साइलेंस जोन का बताया अर्थ:
सत्या फाउण्डेशन के सचिव चेतन उपाध्याय द्वारा बताया गया कि भारत देश के पर्यावरण संरक्षण अधिनियम-1986 के मुताबिक: दिन हो या रात, अस्पताल, स्कूल, उपासना स्थल और कोर्ट के 100 मीटर के दायरे में डी.जे. और बैंड बाजा ही नहीं, स्कूटर का हॉर्न बजाना भी प्रतिबंधित है। अगर मीडिया के सहयोग से आम जनता को जागरूक करके, शासन-प्रशासन द्वारा इस नियम का कठोरता से पालन करा दिया जाए तो तेज शोर के होने वाले ज्यादातर उपद्रव और बवाल बंद हो जाएंगे.

दिन के दौरान कम और रात 10:00 बजे से 6:00 बजे के बीच बंद :
सत्या फाउंडेशन के चेतन उपाध्याय ने बताया कि उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वेबसाइट पर उपलब्ध आदेश के मुताबिक रात्रि 10:00 बजे से सुबह 6:00 के बीच शिवाय साउंड प्रूफ ऑडिटोरियम के किसी भी प्रकार का लाउडस्पीकर प्रयोग नहीं किया जाएगा. मगर कुछ नेता लोग जानबूझकर लोगों को कथित तौर पर धीमी आवाज में बचाने के लिए प्रेरित करते हैं जिसके कारण आसपास के लोगों की नींद और चैन डिस्टर्ब होता है और इसके कारण पूरे स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव पड़ता है।

योगी आदित्यनाथ सरकार के लिए बजी तालियां:
तकनीक के युग में गूगल प्ले स्टोर पर जाकर कोई भी व्यक्ति, UPCOP एप को डाउनलोड करके, ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ घर बैठे ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकता है और इस बड़ी सुविधा के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार बधाई और धन्यवाद की पात्र है।

आशुतोष राणा के लिए बजी तालियां :
प्रसिद्ध अभिनेता श्री आशुतोष राणा ने एक बार कहा था कि ‘सत्या फाउण्डेशन’ का अभियान समाज के लिये बहुत जरूरी है क्योंकि जो व्यक्ति रात की गहरी नींद नहीं लेगा वह सपने कैसे दिखेगा और जो जब व्यक्ति सपने नहीं दिखेगा तो व्यक्ति और देश आगे कैसे बढ़ेगा?

दोहरे मापदंडों से बढ़ता है प्रदूषण
‘सत्या फाउण्डेशन’ के सचिव चेतन उपाध्याय ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि धार्मिकता और आध्यात्मिकता में भारी अंतर होता है. आध्यात्मिकता व्यक्ति को निष्पक्ष बनती है जबकि धार्मिकता व्यक्ति को कई बार धर्मांध बना देती है। ऐसा धर्मांध व्यक्ति दूसरे धर्म के 90 डेसीबल के गैर कानूनी लाउडस्पीकर को उतरवाने के लिए तो बहुत बात करेगा मगर दूसरी तरफ अपने धर्म के 150 डेसीबल के जानलेवा डी.जे. को उत्सव और धर्म का प्रतीक बताने लगता है। जब तक लोगों की ऐसी मानसिकता रहेगी, तब तक देश में अमन चैन लाना असंभव होगा।

अत्यंत रोचक कार्यक्रम के बाद धन्यवाद ज्ञापन, केन्द्रीय विद्यालय के प्राचार्य अनंत कुमार मिश्रा ने किया।

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