अशोक झा/ कोलकाता: पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की छात्रा के साथ हुई दरिंदगी की घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। इस घटना के बाद प. बंगाल में बढ़ती महिला अपराधों को लेकर राजनीतिक बहस शुरू हो गई है। इसके साथ ही इस मामले में गिरफ्तार लोगों की संख्या बढ़कर पांच हो गई। यह जानकारी पुलिस ने दी।इस घटना को लेकर पश्चिम बंगाल में राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है, जहां विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने अपराध से संबंधित सबूतों को नष्ट करने के प्रयास का आरोप लगाया है। अधिकारी ने यह भी दावा किया कि गिरफ्तारियां ‘आंखों में धूल झोंकने’ के प्रयास के अलावा कुछ नहीं हैं। महिला मोर्चा की ओर से सिलीगुड़ी में प्रदर्शन किया गया। दोषी को सजा देने की मांग की गई। इसी कड़ी में भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि मां दुर्गा के बंगाल में महिलाएं असुरक्षित हैं। दुर्गापुर मेडिकल कॉलेज सामूहिक बलात्कार मामले पर भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “मां दुर्गा के बंगाल में महिलाएं असुरक्षित हैं। मैं एक बेहद महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दे पर चर्चा करने आई हूं। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि ममता बनर्जी के बंगाल में महिलाएं असुरक्षित हैं। समाज के लिए यह और भी दर्दनाक और शर्मनाक है कि राज्य की महिला मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पीड़ितों को शर्मिंदा करने और उन्हें ही दोषी ठहराने में लगी हैं, और सारा दोष पीड़ितों पर ही मढ़कर असंवेदनशीलता का परिचय दे रही हैं।”
बांसुरी स्वराज ने कहा, “2004 में, एक बार फिर ममता बनर्जी ने बलात्कार को सही ठहराते हुए कहा था कि ऐसी घटनाएं होती रहती हैं और अब पुरुष और महिलाएं, लड़के और लड़कियां, साथ-साथ चलते हैं। पहले, अगर ऐसी कोई घटना होती थी, तो उन्हें तुरंत डांटा जाता था या याद दिलाया जाता था। उन्होंने एक बार फिर महिलाओं को दोषी ठहराने की कोशिश की। यह टीएमसी की मानसिकता को दर्शाता है।”
भाजपा सांसद ने पार्क स्ट्रीट मामले पर बोलते हुए कहा कि आप सभी को याद होगा कि 2012 में एक बेहद क्रूर बलात्कार हुआ था। उस समय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने क्या कहा था? एक बार फिर, उन्होंने पीड़िता को ही दोषी ठहराया और दावा किया कि यह एक मनगढ़ंत घटना थी। दूसरे शब्दों में, उन्होंने यह संकेत दिया कि पीड़िता ने ही घटना को गढ़ा था। यह पीड़िता के लिए बेहद शर्मनाक था।
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में एक जघन्य सामूहिक बलात्कार हुआ। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि ममता बनर्जी ने कहा कि पूरी घटना एक साजिश थी। एक बार फिर, उन्होंने मामले की गंभीरता से इनकार किया। बंगाल में कानून व्यवस्था पूरी तरह से खत्म हो गई है।
भाजपा सांसद ने कहा, “जैसा कि आप जानते हैं, संदेशखली में अनगिनत महिलाओं का यौन उत्पीड़न हुआ और यह सब खुद टीएमसी नेताओं ने किया, यहां तक कि टीएमसी के कार्यालयों में भी कोई घटना हो सकती है। लेकिन वहां की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि कुछ नहीं हुआ। उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी ने कुछ नहीं किया और इन घटनाओं को ‘मनगढ़ंत’ बताया है। आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस आयुक्तालय के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) अभिषेक गुप्ता ने बताया, ”दो और गिरफ्तारियां की गई हैं। इसके साथ ही, छात्रा की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर सभी पांच आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है।” दुर्गापुर के एक निजी मेडिकल कॉलेज के द्वितीय वर्ष की छात्रा ओडिशा के बालासोर जिले की रहने वाली है। उसके साथ शुक्रवार रात कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया था, जब वह अपने एक मित्र के साथ रात का खाना खाने के लिए कॉलेज परिसर से बाहर गई थी।पुलिस सूत्रों के अनुसार, छात्रा ने शुरू में कॉलेज अधिकारियों को तीन से चार पंक्तियों का एक संक्षिप्त लिखित बयान दिया था, जिसमें कहा गया था कि वह और उसका दोस्त परिसर के बाहर टहल रहे थे, तभी अचानक कुछ लोगों के एक समूह ने उन्हें घेर लिया और फिर उन पर हमला कर दिया। बाद में यह बयान पुलिस को भेजा गया, जिसके बाद एक प्राथमिकी दर्ज की गई और जांच शुरू की गई। छात्रा की शिकायत के आधार पर पुलिस ने निर्धारित किया कि घटना शुक्रवार रात आठ बजे से 8.45 बजे के बीच हुई थी। जांचकर्ताओं ने बताया कि शुरुआत में तीन लोगों ने छात्रा को घेर लिया और जब उसने मदद के लिए अपने दोस्तों को फोन करने की कोशिश की, तो उसका फोन छीन लिया। उन्होंने बताया कि बाद में दो और व्यक्ति उनके साथ आ गए और पांचों ने मिलकर उसके साथ कथित तौर पर बलात्कार किया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपी ने छात्रा को वहां से चुपचाप चले जाने के लिए 5,000 रुपये की पेशकश भी की। पीड़िता के साथ रहा पुरुष मित्र पूछताछ के लिए फिलहाल पुलिस हिरासत में है। जांचकर्ताओं ने कहा कि घटना वाली रात उसकी गतिविधियों और आचरण ने संदेह पैदा किया है। पीड़िता के पिता ने एक अलग शिकायत भी दर्ज करायी है और उनके अनुसार, जब आरोपियों ने छात्रा को घेरा तो उसका दोस्त मौके से भाग गया।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि जांचकर्ता इस बात की जांच कर रहे हैं कि भागने के बाद उसने अन्य छात्रों को सूचित क्यों नहीं किया या कॉलेज से मदद क्यों नहीं मांगी।
पहले गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों को रविवार को दुर्गापुर की एक अदालत में पेश किया गया और उन्हें 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। बनर्जी के पास राज्य का गृह विभाग भी है।
ओडिशा राज्य महिला आयोग (ओएससीडब्ल्यू) की अध्यक्ष सोवाना मोहंती भी मेडिकल छात्रा, उसके अभिभावकों से मुलाकात करने और स्थानीय पुलिस के साथ चर्चा करने के लिए सोमवार को भुवनेश्वर से पश्चिम बंगाल के लिए निकलीं।
शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी प्रशासन पर तब निशाना साधा, जब उनके नेतृत्व में भाजपा के एक दल को भी चिकित्सकों से मिलने से रोक दिया गया।
भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा, ‘मैंने माता-पिता से बात की है और उन्होंने कहा है कि अस्पताल ने उन्हें उनकी बेटी की मेडिकल रिपोर्ट नहीं सौंपी है। यहां तक कि माता-पिता को भी अस्पताल के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई, हमें तो छोड़ ही दीजिए। यह अपराध से जुड़े सबूतों को नष्ट करने का स्पष्ट प्रयास है।” उन्होंने कहा, ”ये गिरफ्तारियां दिखावा मात्र हैं। आरोपियों को 15-20 दिन बाद जमानत पर रिहा कर दिया जाएगा। एक बार जब ये लोग नजरों से दूर हुए और लोगों ने अपराध को भुला दिया, तो पुलिस के लिए ऐसा करना आसान हो जाएगा।” विपक्ष के नेता अधिकारी ने यह भी आरोप लगाया कि आरोपियों में से एक, शेख नसीरुद्दीन जिसकी पहचान दुर्गापुर नगर निगम में एक संविदा कर्मचारी के तौर पर की गई है, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से सीधे जुड़ा हुआ है।
अधिकारी ने कहा, ”आरोपी का पिता स्थानीय तृणमूल कांग्रेस का पदाधिकारी है और संदिग्ध खुद स्थानीय नगर निकाय से जुड़ा है। हम इस जघन्य अपराध में सत्तारूढ़ दल की संलिप्तता की गहन जांच की मांग करते हैं। मुख्यमंत्री अपनी ज़िम्मेदारी से बच नहीं सकतीं।” आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए टीएमसी आईटी प्रकोष्ठ प्रभारी देबांग्शु भट्टाचार्य ने कहा कि यह दावा किसी भी तरह से पार्टी को अभ्यारोपित नहीं करता है।
भट्टाचार्य ने कहा, ”अगर हम यह मान भी लें कि आरोपी का कोई रिश्तेदार टीएमसी से जुड़ा है, तो क्या हुआ? बंगाल में हमारी पार्टी का मत प्रतिशत लगभग 50 प्रतिशत है। सीधा गणित यह है कि इस राज्य का हर दो में से एक नागरिक किसी न किसी तरह से हमारी पार्टी से जुड़ा है। हमारे समर्थकों में जितने बुरे लोग होंगे, उतने ही बेदाग नागरिक भी होंगे। मायने यह रखता है कि यहां पुलिस को पार्टी से जुड़ाव की परवाह नहीं है। अगर किसी पर अपराध का आरोप है, तो उसे गिरफ्तार किया जाएगा, चाहे वह किसी भी पार्टी का हो।”
उन्होंने आरोप लगाया कि यदि यह उत्तर प्रदेश जैसे भाजपा शासित राज्य में हुआ होता तो आरोपी को ना केवल गिरफ्तार नहीं किया जाता बल्कि उसके कृत्य के लिए उसे फूलमालाओं से सम्मानित भी किया जाता।
शुभेंदु अधिकारी के इस सवाल पर कि मुख्यमंत्री ने अभी तक पीड़ित से मुलाकात क्यों नहीं की है, पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि ममता बनर्जी बाढ़ पीड़ितों के राहत कार्यों की निगरानी के लिए फिलहाल उत्तर बंगाल में हैं। उन्होंने कहा, ”उन्हें भाजपा से सलाह की जरूरत नहीं है कि किसे और कब दौरा करना है। अब प्राथमिकता दोषियों को पकड़ना और त्वरित न्याय दिलाना है और यही किया जा रहा है। बलात्कार एक सामाजिक कुप्रथा है और भाजपा शासित राज्यों समेत पूरे देश में ऐसा होता है। भाजपा सिर्फ मुश्किल हालात का लाभ उठाने की कोशिश कर रही है।”








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