एक नेता के बजाए मुख्यमंत्री के तौर पर उनके प्रदर्शन को लेकर ‘ज्यादा चिंतित’ : राज्यपाल सीवी आनंद बोस

अशोक झा, कोलकोता: बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने अपने कार्यकाल के 2 साल पूरे होने से कुछ दिन पहले जमीनी स्तर के अपने अनुभवों का हवाला देते हुए राज्य के उत्तरी और दक्षिणी जिलों के बीच ‘क्षेत्रीय असंतुलन’ को उजागर किया है। गवर्नर बोस ने दावा किया है कि उत्तरी क्षेत्र में कम समृद्धि के कारण राज्य सरकार और वहां के लोगों के बीच ‘दूरी आई’ है। विभिन्न मुद्दों पर विशेष बातचीत के दौरान गवर्नर ने अपनी संवैधानिक सहयोगी और सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के काम का मूल्यांकन करने से परहेज किया लेकिन यह जरूर साफ किया कि वह एक नेता के बजाए मुख्यमंत्री के तौर पर उनके प्रदर्शन को लेकर ‘ज्यादा चिंतित’ हैं।
23 नवंबर 2022 को संभाला था गवर्नर का पदभार: गवर्नर ने अब तक के अपने कार्यकाल पर संतोष जाहिर करते हुए कहा, ‘इन दो सालों ने मुझे कई सकारात्मक बातें सिखाई हैं। यह एक बहुत ही परिष्कृत राज्य है जहां कला और संस्कृति पर बहुत जोर दिया जाता है। लेकिन राज्य में कुछ दिक्कतें हैं, खासतौर से उत्तरी बंगाल में जहां क्षेत्रीय असंतुलन है और उसके कारण दूरी पैदा हो रही है।’ बोस ने कहा कि गंगा के उत्तर में स्थित जिलों में ‘आर्थिक पिछड़ेपन’ की वजह से लोगों की राज्य प्रशासन से ‘दूरी’ पैदा हुई है। उन्होंने 23 नवंबर 2022 को गवर्नर का पदभार संभाला था।
‘ममता के काम का मूल्यांकन गोपनीय रखा जाएगा’: गवर्नर का पद संभालने के बाद से बोस का पश्चिम बंगाल सरकार के साथ तमाम मुद्दों पर कई बार टकराव हो चुका है, जिनमें राज्य विश्वविद्यालयों में वाइस चांसलर्स की नियुक्ति, कोलकाता पुलिस की उनके दफ्तर में कथित जासूसी, तथा राजभवन की एक महिला संविदाकर्मी द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोप शामिल हैं। बोस ने कहा, ‘ममता के काम का मूल्यांकन गोपनीय रखा जाएगा। सबसे पहले इसकी जानकारी उपयुक्त सक्षम प्राधिकारियों को दी जाएगी। ‘ममता बनर्जी मेरे पंसदीदा लोगों की लिस्ट में नहीं हैं’: गवर्नर बोस ने आगे कहा, ‘लेकिन एक आम आदमी के नजरिए से या एक संवैधानिक सहयोगी के तौर पर मेरी चिंता सीएम के कामकाज को लेकर है न कि एक नेता को लेकर। मैं इस पर सियासत नहीं करना चाहता कि वह एक नेता के तौर पर कैसे काम करती हैं। इसका फैसला दूसरी पार्टियों के नेताओं को करना चाहिए गवर्नर के तौर पर मुझे नहीं।’ हालांकि गवर्नर ने इस बात पर जोर दिया कि सीएम के साथ उनके मजबूत प्रोफेशनल रिलेशंस हैं। साथ ही उन्होंने कहा,’नेता ममता बनर्जी मेरे पंसदीदा लोगों की लिस्ट में नहीं हैं।”ऐसा गवर्नर बनना चाहूंगा जो लोगों के लिए सुलभ हो’: अपने कार्यकाल की उपलब्धियों के बारे में बात करते हुए बोस ने कहा, ‘मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि बंगाल के लोगों के मन की समझ है, जिसने मुझे वहां के लोगों के और पास ला दिया है। मैं ऐसा गवर्नर बनना चाहूंगा जो लोगों के लिए सुलभ हो। कुछ मीडिया ने मुझे ‘ग्राउंड जीरो गवर्नर’ कहा है और मैं बहुत खुश हूं। मैं ‘ग्राउंड जीरो’ में रहना चाहता हूं। जब भी कोई संकट आता है मैं मौके पर, अस्पताल में, पीड़ितों के परिवारों के पास जाता हूं और गवर्नर के रूप में मैं हरसंभव तरीके से उनकी सहायता करने का प्रयास करता हूं।”मैंने कलकत्ता हाई कोर्ट में मुकदमा दायर किया हुआ है’: राजभवन में एक महिला कर्मचारी के साथ कथित छेड़छाड़ की घटना पर बोस ने नाराजगी जाहिर की और इस केस को उन्होंने ‘एक महिला द्वारा आपराधिक इरादे से गढ़ा गया और मिथ्या’ करार दिया। बोस ने साफ किया, ‘एक व्यक्ति के तौर पर मेरे खिलाफ कुछ झूठे और मनगढ़ंत आरोप लगाए गए हैं। यह एक आपराधिक मानसिकता वाली महिला द्वारा किया गया है। मैंने कलकत्ता हाई कोर्ट में मुकदमा दायर किया हुआ है।’ राज्य में आरजी कर घटना तथा कानून और व्यवस्था की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर बोस ने देश के अन्य हिस्सों के साथ सीधी तुलना करने से परहेज किया और कहा,’ लेकिन एक बात जिस पर मैं कायम हूं वह यह है कि हिंसा और भ्रष्टाचार बंगाल के समाज के दो दुश्मन हैं।

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