मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज के 12 डॉक्टर निलंबित, सीबीआई जांच की हो रही मांग

अशोक झा, सिलीगुड़ी:
पश्चिम बंगाल में मिदनापुर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में प्रसव के बाद महिला की मौत के मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि अस्पताल के जूनियर डॉक्टर, प्रशिक्षु डॉक्टर सहित कुल 12 डॉक्टरों को निलंबित कर दिया गया है।सोमेन दास (आरएमओ),दिलीप कुमार पाल (सहायक प्रोफेसर)
हिमाद्री नाइक (सहायक प्रोफेसर),मोहम्मद अलाउद्दीन (एचओडी) जयन्तकुमार राऊत (एमएसवीपी), पल्लवी बनर्जी (सीनियर आरएमओ), मौमिता मंडल (पीजीटी), भाग्यश्री कुंडू (पीजीटी),सुशांत मंडल (प्रथम वर्ष पीजीटी),पूजा साहा (प्रथम वर्ष पीजीटी), मनीष कुमार (प्रथम वर्ष पीजीटी), जागृति घोष (द्वितीय वर्ष पीजीटी) को निलंबित किया गया है। निलंबन के साथ ही दोषपूर्ण सेलाइन के उपयोग पर उनके खिलाफ आपराधिक जांच भी जाएगी। वही दूसरी ओर मिदनापुर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में विभिन्न मामलों में डिलीवरी के बाद एक महिला की मौत हो गई थी। वहीं चार अन्य महिलाओं की हालत गंभीर हो गई है. डिलीवरी के बाद जिस महिला ने दम तोड़ा उसके परिजनों ने आरोप लगाया है कि उसको रिंगर्स लैक्टेट दिया गया था, जो कि एक्सपायर हो गया था. इसी कारण से महिला की मौत हुई है। इसके बाद उनकी ओर से कोतवाली थाने में मामला भी दर्ज कराया गया है।इस मामले में पुलिस अधिकारी का कहना था कि महिला ने बुधवार (8 जनवरी, 2025) के दिन बच्चे को जन्म दिया था और शुक्रवार (10 जनवरी, 2025) को उसकी मौत हो गई थी. इस मामले की जांच के लिए 13 सदस्यों की टीम का गठन हुआ है, जो मामले की जांच में जुटे हैं. मिदनापुर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में डिलीवरी के बाद महिला की मौत और अन्य महिलाओं की स्थिति बिगड़ने के साथ मृतक महिला के परिवार की ओर से कोतवाली थाने में मामला दर्ज कराने के बाद राज्य स्वास्थ्य विभाग एक्टिव हो गया है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से मामले की जांच के लिए 13 लोगों की टीम गठित हुई है। सरकारी मेदनीपुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एमएमसीएच) में पिछले हफ्ते कथित तौर पर एक्सपायर्ड रिंगर लैक्टेट दिए जाने के बाद बीमार पड़ी पांच में से एक महिला की नवजात की गुरुवार को मौत हो गई। पिछले सप्ताह पांच महिलाओं में से एक, मामोनी रुइदास, की उसी अस्पताल में मृत्यु हो गई थी।
चार में एक महिला की मौत: गुरुवार को अन्य चार जीवित महिलाओं में से एक, रेखा शॉ, की नवजात की कोलकाता के सरकारी मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई। चार में से तीन महिलाओं की हालत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. बता दें कि जन्म के तुरंत बाद बच्चे को भी उसी अस्पताल में रखा गया था। रेखा की सास, पुष्पा शॉ, ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा, “हमें बच्चे को जन्म के बाद सिर्फ एक बार दिखाया गया था और तब से उसे अलग-थलग रखा गया था. अब हमें बताया गया है कि बच्चे की मौत हो गई है।
सीबीआई से जांच कराने की मांग: बुधवार को, पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने मांग की कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) जैसी केंद्रीय एजेंसियों को मामले की चल रही जांच में शामिल किया जाए. आपको बता दें कि पिछले हफ्ते, पश्चिम मेदिनापुर जिले के उक्त सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में कथित तौर पर एक्सपायर्ड रिंगर लैक्टेट दिए जाने के बाद पांच महिलाएं बीमार पड़ गई थीं, जिसमें से रुइदास की पिछले शुक्रवार को मौत हो गई थी. वहीं अन्य चार को उसी अस्पताल में रखा गया था. हालांकि, बाद में हालत बिगड़ने के बाद उन्हें कोलकाता के सरकारी एसएसकेएम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ले जाया गया।
बंगाल में मचा कोहराम?: इस घटना ने गंभीर चिंताएं पैदा कर दीं. एक्सपायर्ड आरएल सलाइन कथित तौर पर पश्चिम बंगाल फार्मास्युटिकल लिमिटेड से आई थी, जो पहले से ही कर्नाटक सरकार और पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रतिबंधित थी. सबसे पहले, राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षक-सह-उप-प्रिंसिपलों और जिलों के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे कंपाउंड सोडियम लैक्टेट इंजेक्शन (आरएल) के मौजूदा स्टॉक को पूरी तरह से रोक दें.” बाद में, राज्य सरकार ने राज्य की सभी स्वास्थ्य सेवा संस्थाओं से उक्त कंपनी द्वारा आपूर्ति की गई सभी दवाओं के स्टॉक को हटाने का भी निर्देश दिया।अब जानते हैं आखिर क्या होता है रिंगर लैक्टेट?: रिंगर लैकेट आर इन्जेक्शन का इस्तेमाल शॉर्ट-टर्म फ्लूइड रिप्लेसमेंट और डिहाइड्रेशन के लिए किया जाता है. इसमें चार दवाएं शामिल हैं जिनमें सोडियम क्लोराइड, सोडियम लैक्टेट, पोटेशियम क्लोराइड और कैल्शियम क्लोराइड आते हैं जो शरीर में फ्लूइड की कमी की भरपाई करने में मदद करते हैं. लैक्टेटेड रिंगर इंजेक्शन का उपयोग कम रक्त मात्रा या कम रक्तचाप वाले रोगियों में पानी और इलेक्ट्रोलाइट की कमी को पूरा करने के लिए किया जाता है। इसके उपयोग से शरीर के पीएच स्तर बढ़ाता है।