फर्जी फर्म बनाकर मनरेगा कार्यों में सामग्री का ढाई करोड़ रुपये भुगतान -बीडीओ धनेश यादव ने जांच में हुई पुष्टि
फर्जी फर्म बनाकर मनरेगा कार्यों में सामग्री का ढाई करोड़ रुपये भुगतान -बीडीओ धनेश यादव ने जांच में हुई पुष्टि
उप्र बस्ती बनकटी ब्लाक के सूरापार ग्राम पंचायत में फर्जी फर्म बनाकर मनरेगा कार्यों में सामग्री के आपूर्ति का मामला सामने आया है। बीडीओ की जांच में इसकी पुष्टि हो गई है। यहां प्रधान पुत्र ने कागजों में खुद की फर्म बनाकर पंजीकरण कराया। इसके बाद नियम के विपरीत कागजों में पांच साल तक मनरेगा में सामानो की आपूर्ति किया। शिकायत के बाद बीडीओ धनेश यादव ने जांच की तो फर्म ही फर्जी पाई गई। इसकी रिपोर्ट बीडीओ ने सीडीओ को दी है।
बनकटी ब्लाक के ग्राम पंचायत सूरापार निवासी राजेंद्र प्रसाद शुक्ल ने सीडीओ डॉ. राजेश प्रजापति से लिखित शिकायत किया कि ग्राम प्रधान मीरा के पुत्र ने वर्ष 2017 में सामग्री आपूर्ति के लिए फर्म का पंजीकरण कराया है। पांच साल में इस फर्म ने ढाई करोड़ रुपये की सामग्री की आपूर्ति मनरेगा में की है। आरोप लगाया कि अभी हाल ही में कड़सरी मिश्र ग्राम पंचायत में मनरेगा में हो रहे निर्माण में सामग्री आपूर्ति के लिए करीब सात लाख रुपये का भुगतान लिया है। जबकि शासनादेश है कि मनरेगा योजना से जुड़े किसी भी व्यक्ति के रिश्तेदार को इसमें वेंडर के रूप में नहीं जोड़ा जाएगा। शिकायत कर्ता का आरोप है कि करीब पांच वर्ष से फर्जी बिल बाउचर के आधार पर करोड़ों का काम कर लाभ कमाया। सीडीओ ने इस मामले की जांच बीडीओ को दी है।बीडीओ की जांच में जिस स्थान से फर्म संचालित किया जाता था मौके पर नहीं मिला।
बीडीओ धनेश यादव ने बताया कि मामले की जांच की गई है। इसकी रिपोर्ट सीडीओ को भेज दी गई है। जांच में अपने पता पर फर्म मौजूद नहीं। इसके अलावा फर्म के प्रोपराइटर प्रधान पुत्र हैं, जो शासनदेश का खुला उल्लंघन है।
आरोपी प्रधान के प्रतिनिधि शरद कुमार शर्मा ने कहा कि मनरेगा में पांच साल में फर्म ने करीब 2.69 करोड़ रुपये का काम कर भुगतान लिया है। 31 मार्च 2022 के बाद से फर्म ने कहीं कोई आपूर्ति नहीं की है। जिस स्थान को बताकर पंजीकरण कराया गया था अब वहां से फर्म बदल कर दूसरे जगह कर दी गई है। चूंकि अब कोई कार्य किया नहीं जा रहा है। ऐसे में पोर्टल पर पता नहीं बदला गया।