Basti News : डीएम ने प्रधान को किया बर्खास्त डीपीआरओ को सौपी जांच

Basti News : डीएम ने प्रधान को किया बर्खास्त डीपीआरओ को सौपी जांच

उप्र गोरखपुर जिले के सरकारी स्कूल में तैनात एक कर्मचारी चुनाव लड़कर प्रधान बन गया। एक तरफ सरकारी का वेतन ले रहा था और दूसरी तरफ प्रधान को मिलने वाला मानदेय ले रहा था। शिकायत होने पर मामले की जांच कराई गई तो इसका खुलासा हुआ। डीएम ने प्रधान को बर्खास्त कर दिया। बर्खास्त प्रधान सपा नेता का बेटा है।

सदर विकास खंड के नरौली निवासी अनिल यादव प्रधान निर्वाचित हुए। उन्होंने कार्यभार ग्रहण कर लिया। इसी दौरान गांव के अभिषेक यादव ने मुख्यमंत्री के जनता दर्शन में शिकायत कर दी। मुख्यमंत्री ने मामले की जांच एडीजी को सौंप दी। एडीजी ने अपने स्तर से जांच कराई जिसमें अनिल यादव दोषी पाए गए। एडीजी के पत्र के आधार पर डीएम ने तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी। जांच टीम में जिला प्रशिक्षण अधिकारी, जिला लेखापरीक्षा अधिकारी सहकारी समितियां और सहायक अभियंता नलकूप खंड को शामिल किया गया। जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट डीएम को सौंपी।

अनिल यादव प्रधान के साथ-साथ गोरखपुर के दुर्गाबाड़ी स्थित लालबहादुर शास्त्रत्त्ी जूनियर हाईस्कूल रेलवे में बाबू हैं। उनकी नियुक्ति आठ अगस्त 2016 से है। विद्यालय शासकीय वित्त पोषित है। अनिल ने तथ्यों को छिपाकर प्रधान का चुनाव लड़ा। अनिल पर यह भी आरोप है कि वह लिपिक का वेतन लेने के साथ प्रधान का निर्धारित मानदेय जुलाई 2024 शिकायत के समय तक लेते रहे। पंचायतीराज अधिनियम की धारा 95 के तहत यह प्राविधान है कि राज्य सरकार के अधीन प्रधान, उप प्रधान या सदस्य पद पर सरकारी कर्मी नहीं रह सकता। अनिल से स्पष्टीकरण मांगा गया। उन्होंने छह अक्तूबर को पत्र देकर एक पखवारे का समय मांगा। यह समय भी 22 अक्तूबर को बीत गया। उन्होंने जवाब नहीं दिया।

डीएम ने पंचायतीराज अधिनियत के तहत मिली शक्तियों का प्रयोग करते हुए प्रधान अनिल के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकारों को प्रतिबंधित कर दिया। कार्यों का संचालन करने के लिए तीन सदस्यीय टीम गठन करने का निर्देश दिया। अंतिम जांच के लिए डीपीआरओ को जांच अधिकारी नामित किया।

Back to top button