नामचीन चित्रकार चित्रा सिंह के एकल चित्रों की प्रदर्शनी 9 जनवरी से नई दिल्ली के ललित कला अकादमी में

नई दिल्ली। देश की नामचीन चित्रकार चित्रा सिंह के एकल चित्रों की प्रदर्शनी 9 जनवरी से नई दिल्ली के ललित कला अकादमी में लगने जा रही है। रविन्द्र भवन के ललित कला एकेडमी में 15 जनवरी तक प्रातः11:00 से सांय 07:00 तक इस प्रदर्शनी को देखा जा सकता है।

अगर हम बौद्ध इतिहास को देखें तो गौतम बुद्ध के आसपास की कहानियों, चित्रों, मठों और स्तूपों को बनाने का उद्देश्य, बौद्ध धर्म एवं भगवान गौतम बुद्ध की शिक्षाओं को बढ़ावा देने के लिए और उन्हें जन साधारण तक पहुँचाने के लिए था। चित्र सिंह को भी गौतम बुद्ध पर चित्र- श्रृंखला को चित्रित करने की प्रेरणा  उनके जीवन से ही मिली है। गौतम बुद्ध पर उनकी चित्र-श्रृंखला का उद्देश्य किसी धर्म या धर्म के भौतिक प्रतिनिधित्व से नहीं हैं, अपितु उनका उद्देश्य दर्शकों को गौतम बुद्ध के जीवन- मूल्यों से प्रेरित करने से है। गौतम बुद्ध के दया, करुणा, क्षमा, सद्भावना और मानवता के संदेशों को चित्र सिंह अपने चित्रों के माध्यम से दर्शकों तक, समाज तक ले कर जाना चाहती हूँ। आज समाज मे अवसाद, उदासीनता, क्रोध और तनाव व्याप्त है और वे मानसिक और शारीरिक बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। ऐसे समय में भगवान बुद्ध के संदेश हमें मानसिक उत्थान और जीवन की वास्तविकताओं पर ध्यान केंद्रित करके खुद को सही मार्ग का अनुकरण करने के लिए प्रेरित करते हैं।

चित्रा सिंह का कहना है कि मुख्य रूप से वास्तव में, बुद्ध एक  धर्म- प्रतिनिधित्व या केवल एक नाम नहीं है, बल्कि एक शीर्षक है, इतना शांत और गहन है कि अगर हम केवल कुछ क्षणों के लिए इस पर ध्यान देते हैं तो हमारे मन, हृदय और आत्मा को एक लौकिक आंतरिक शांति प्रदान होती है। बौद्ध दर्शन के माध्यम से हम भय, लालच, ईर्ष्या और नकारात्मकता से हमारी आत्मा को शुद्ध करने और पवित्रता, शांति और निर्भयता की ओर बढ़ने के लिए प्रोत्साहित होते हैं। मैंने अपनी इस चित्र – श्रृंखला में गौतम बुद्ध के बोधिसत्व से बुद्धतत्व प्राप्ति के बारे में प्रचलित कहानियों का चित्रण के माध्यम से अनुवाद किया है। इन चित्रों में रंगों के ठंडे और गर्म प्रभाव, विभिन्न योग मुद्राओं और भावनाओं को गहराइयों के साथ महसूस किया जा सकता है। जिसके दर्शक उनकी शांति, विशालता, सरलता और क्षमाशीलता के भावों को स्पष्ट रूप से महसूस कर सकता है। मैंने चित्रों में उन संदेशों का प्रतिबिंबित किया है जो गौतम बुद्ध ने अपने विचारों और आध्यात्मिकता के माध्यम से व्यक्त किए थे। इन्हें दर्शक स्वयं आत्मसात कर अपने आसपास के समाज को प्रेषित कर सकते हैं।

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