मुख्यमंत्री ने वाराणसी में अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी सुफलाम में जनसभा को संबोधित किया

 

जलवायु परिवर्तन से हो रहे खतरे को देखते हुए अब समय
की मांग है कि गौ आधारित प्राकृतिक खेती पर जोर दिया जाए

मुख्यमंत्री ने किसानों से गौ आधारित प्राकृतिक खेती की ओर लौटने की अपील की

प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत सरकार द्वारा
प्राकृतिक खेती का राष्ट्रीय मिशन स्थापित किया गया

राज्य सरकार ने उ0प्र0 प्राकृतिक खेती बोर्ड के गठन का निर्णय लिया

प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में अगले एक वर्ष तक भारत जी-20 देशों की
अध्यक्षता करते हुए दुनिया को नया मार्गदर्शन देगा, यह भारत के लिए गर्व की बात

मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता भवन में लगी प्रदर्शनी का अवलोकन किया
वाराणसी:
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के स्वतंत्रता भवन में आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी सुफलाम के तकनीकी सत्र के बाद जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। किसानों को विभिन्न योजनाओं के जरिए लाभ दिया जा रहा है। जलवायु परिवर्तन से हो रहे खतरे को देखते हुए अब समय की मांग है कि गौ आधारित प्राकृतिक खेती पर जोर दिया जाए। जलवायु परिवर्तन की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान धरती और जल का ही हुआ है। धरती माता के साथ खिलवाड़ हर हाल में बंद होना चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि केमिकल युक्त खेती की जगह गौ आधारित प्राकृतिक खेती की जाए। उन्होंने किसानों से गौ आधारित प्राकृतिक खेती की ओर लौटने की अपील की।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती का राष्ट्रीय मिशन स्थापित किया गया है। प्रदेश में गंगा जी के तटवर्ती जनपदों एवं बुन्देलखण्ड क्षेत्र के सभी सात जनपदों में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश प्राकृतिक खेती बोर्ड के गठन का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि लोग विकास के लिए पर्यावरण को जहरीला बनाते जा रहे हैं। जीवन का अस्तित्व पांच तत्वों-क्षिति, जल, पावक, गगन, समीर से ही है। अब इन्हें बचाने की जरूरत है। प्रयागराज कुंभ-2019 में 24 करोड़ श्रद्धालु आए थे और दुनिया के सामने सुरक्षा, सुव्यवस्था व स्वच्छता का एक बेहतरीन मॉडल प्रस्तुत हुआ था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में भारत ने बहुत सारी उपलब्धियां हासिल की हैं। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में अगले एक वर्ष तक भारत जी-20 देशों की अध्यक्षता करते हुए दुनिया को नया मार्गदर्शन देगा। यह भारत के लिए गर्व की बात है। जिस ब्रिटेन ने हम पर 200 वर्षों तक शासन किया था, आज उसी ब्रिटेन को पछाड़कर भारत दुनिया की पांचवीं अर्थव्यवस्था बना है। यह वर्ष हम लोगों के लिए महत्वपूर्ण है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना से जब पूरी दुनिया पस्त थी। भारत ने लोकतांत्रिक मूल्यों एवं आदर्शों का सम्मान करते हुए अपनी लगभग 140 करोड़ की आबादी के लिए सुरक्षा कवच के रूप में स्वदेशी वैक्सीन विकसित की। यह नए भारत की नई तस्वीर को प्रस्तुत करता है। भारत की दोनों कोरोना वैक्सीन दुनिया में सबसे प्रभावी वैक्सीन रहीं।
इससे पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर और दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। उन्होंने स्वतंत्रता भवन में लगी प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।
अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी को कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने भी सम्बोधित किया। संगोष्ठी में भूमि और सतत विकास, भूमि उपयोग, प्रबंधन और कानून, भूमि और स्वास्थ्य, भूमि एवं अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य, खेती की पद्धति में बदलाव और उसके परिणाम के साथ ही भूस्खलन एवं खनन पर भी मंथन हुआ।
इस अवसर पर जल शक्ति मंत्री श्री स्वतंत्र देव सिंह, स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री रवीन्द्र जायसवाल, आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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