साइबर सेल, साइबर थाना प्रभारियों के कामकाज से डीआईजी खफा

साइबर सेल, साइबर थाना प्रभारियों के कामकाज से डीआईजी खफा

उप्र बस्ती परिक्षेत्र के डीआईजी आरके भारद्वाज ने मंगलवार को बस्ती, संतकबीरनगर और सिद्घार्थनगर के साइबर सेल , साइबर थाना प्रभारियों के कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान कार्यों में गुणवत्ता परक परिणाम न मिलने और कार्यों को सुचारु रूप से क्रियान्वयन न करने पर असंतोष व्यक्त करते हुए फटकार लगाई।

डीआईजी ने परिक्षेत्र के साइबर थानों पर नियुक्त अधिकारियों/ कर्मचारियों का परिचय लेते हुए उनके कार्यों के बारे में जानकारी ली। संबंधित को साइबर अपराध रोकने के लिए कई निर्देश दिए। कहा कि साइबर हेल्प डेस्क के गठन व प्रभावी क्रियान्वयन के लिए साइबर हेल्प डेस्क पर अब तक प्राप्त हुए प्रकरणों और की गयी कार्यवाही का डाटा तैयार करें। महिलाओं से सम्बंधित साइबर अपराध के रोकथाम के लिए महिला हेल्प डेस्क के गठन व प्रभावी क्रियान्वयन के लिए साइबर हेल्प डेस्क पर प्रकरणों में की गयी कार्यवाही का विवरण रखने को कहा। साथ ही महिलाओं से सम्बंधित साइबर क्राइम में हीलाहवाली न करने की हिदायत दी।

सीसीपीडब्ल्यूसी (साइबर क्राइम प्रीवेंशन अगेंस्ट वूमेन एंड चाइल्ड) यानी महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाले साइबर अपराध एवं एनसीआरपी पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों का विवरण एवं आनलाइन प्राप्त शिकायतों की हर हफ्ते समीक्षा करने को कहा। आईटी एक्ट के पंजीकृत / निस्तारित अभियोगों का डेटा सुरक्षित रखने और इससे संबंधित आरोपियों और अभियोग का संख्यात्मक विवरण रखने का निर्देश दिया। डीआईजी ने कहा कि आम जनता को साइबर से सम्बन्धित होने वाले क्राइम पर सजग करने के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने को कहा।

साथ ही इंटरनेट बैकिंग, ओलेक्स फ्राड, वालेट/ यूपीआई संबंधित धोखाधड़ी में सावधानियां बरतने, फेसबुक हैकिंग, बारकोड के माध्यम से होने वाले फ्राड, व्हाट्सएप हैकिंग से बचाव, फर्जी वेबसाइट से होने वाले फ्राड, इंस्ट्राग्राम, व्हास्टएप आदि सोशल साइट्स से हनी ट्रैप के संबंधीअपराध एवं सिम कार्ड के माध्यम से होने वाले फ्रॉड, एटीएम कार्ड बदलकर होने वाले फ्रॉड, डेबिट कार्ड/क्रेडिट कार्ड, लाटरी का लालच देकर होने वाले फ्रॉड व आनलाइन एप के तथा सोशल मीडिया के माध्यम से होने वाले साइबर अपराधों के बारे में सभी प्रभारियों को निर्देशित किया। कहा कि इन सभी बिंदुओं पर लोगों को सावधानियां बरतने एवं जागरूक करने के लिए गांव स्तर तक जागरूकता कार्यक्रम किया जाए।

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