राजभवन में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालु, प्रभु ने किया कंस वध
राजभवन में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालु, प्रभु ने किया कंस वध
उप्र बस्ती जिले में राजभवन में श्रीमद्भागवत कथा में कथा व्यास घनानंद महराज ने रुक्मिणी कृष्ण विवाह की कथा सुनाई तो पूरा पंडाल आनंदित हो गया। विवाह की झांकी श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र रही तो यजमानों ने कन्यादान किया। इसके पूर्व गोपियों संग भगवान कृष्ण की रास, कंश वध की कथा सुन श्रद्धालु भाव विभोर हुए।कथा व्यास ने बताया कि जब कंस का आतंक धरती पर काफी बढ़ गया तो देवर्षि नारद परेशान होकर भगवान कृष्ण से कंस के वध की बात करते हैं। इस पर भगवान कृष्ण देवर्षि को टोकते हुए कहते हैं मैं मारने वाला कौन होता हूं। जीव अपने कर्म के अनुसार फल भुगतता है। यह मृत्य लोक है, जिसे हर किसी को छोड़कर जाना ही होगा। कंस के पास का घड़ा भर चुका है और अब उससे धरती मुक्त होने वाली है। कथा को आगे बढ़ाते हुए घनानंद महराज ने बताया कि कंस के बुलावे पर अक्रूर जी श्रीकृष्ण और बलराम को लेने गोकुल आते हैं। मां यशोदा की चिंता व नंद बाबा की बात का मार्मिक वर्णन श्रद्धालुओं सुना। गोपियों की आंसुओं की कथा सुन हर किसी की आंख नम हो गई। मथुरा के रंगशाला में पहलवानों को परास्त कर कंस का वध किया।द्वारिकापुरी का विश्वकर्मा ने निर्माणकिया। उसके बाद भगवान कृष्ण का रूक्मिणी संग विवाह का प्रसंग सुनाया गया। कथा पांडाल में सजी झांकी के श्रद्धालु गवाह बने। राजभवन में विवाह का मांगलिक माहौल रहा।मंच का संचालन पंडित सरोज मिश्रा ने किया। मुख्य यजमान कुंवर कामेश्वर सिंह, राज्यश्री सिंह, राघवेंद्र प्रताप सिंह, सर्वेश्वर सिंह, रणविजय सिंह, राजा ऐश्वर्य राज सिंह, रोहित सिंह आदि मौजूद रहे।