गोण्डा में छुट्टा गौवंशो को तहसील परिसर में बन्द करके धरना-प्रदर्शन में पूर्व जिला पंचायत सदस्य सहित 31 पर मुकदमा दर्ज
गोण्डा।छुट्टा गौवंशो द्वारा फसलो के नुकसान को लेकर तहसील परिसर में गौवंशो के बन्द करने के आरोप में प्रशासन ने पूर्व जिलापंचायत सदस्य सहित 31 किसानो पर पशुक्रूरता अधिनियम व सार्वजनिक सम्पत्ति निवारण अधिनियम सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कराया है।
तरबगंज तहसील मुख्यालय की न्यायपंचायत रामापुर के गांव कटहा,ढोडेपुर, सेमरा जमाल खानी के फसलो के नुकसान से परेशान किसान कुछ दिन पूर्व तहसील प्रशासन को लिखित रूप से ज्ञापन देते हुए यह मांग की थी की छुट्टा गोवंशो से हो रहे फसलो के नुकसान को देखते हुए गौशालाओ में पहुंचाया जाए लेकिन प्रशासन ने कोई ध्यान नही दिया आक्रोशित किसान सोमवार सुबह छुट्टा गोवंशो को तहसील परिसर मे बन्द कर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रशासन ने जनपद के कई थानो की फोर्स मगा आन्दोलन को खत्म कराने का प्रयास करते रहे काफी मान मनौवल के बाद पूर्व जिलापंचायत सदस्य नान बच्चा पाण्डेय उर्फ जितेंद्र पाण्डेय के नेतृत्व किसानो से वार्तालाप के बाद गौवंश के तहसील परिसर से बाहर कराया था।इस आश्वासन के साथ जल्द गौवंशो को गौशालाओ में पहुंचाया जायेगा।
आन्दोलन खत्म होने के बाद तहसील तरबगंज के नायब नाजिर अजय कुमार ने पूर्व जिलापंचायत सदस्य सहित तीस किसानो के ऊपर यह आरोप लगाते हुए जबरन क्रूरता पूर्वक दो सौ से अधिक छुट्टा मवेशियो को लाठी डंडे से पिटाई करते तहसील परिसर में लाकर बन्द कर दिया गया गौवंश भूख प्यास से तडपते रहे तहसील परिसर मे सभी कार्यपटलो आने जाने वाले वादकारियो के जीवन भी असुरक्षित महसूस कर रहे थे सार्वजनिक संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गयी ।
ऐसे मे तरबगंज थाने पशुक्रूरता निवारण अधिनियम व सार्वजनिक संपत्ति निवारण अधिनियम सहित विभिन्न धाराओ में मुकदमा पंजीकृत कराया गया है।
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पूर्व जिलापंचायत सदस्य कैसरगंज सांसद के नजदिकियो में
गौवंशो से फसलो के नुकसान से आक्रोशित किसानो का नेतृत्व कर रहे पूर्व जिलापंचायत सदस्य नान बच्चा पाण्डेय उर्फ जितेंद्र पाण्डेय सांसद कैसरगंज बृजभूषण शरण के नजदीकियो से माने जाते है। सकुशल धरना-प्रदर्शन खत्म होने के बाद प्रशासन द्वारा मुकदमा पंजीकृत कराया जाना क्षेत्र मे चर्चा का विषय बना हुआ है।जबकि इटियाथोक ब्लॉक के मेहनौन गांव के प्राथमिक विद्यालय में किसानो ने छुट्टा गोवंशो को बन्द कर रखा था नही पाया पठन-पाठन उसके बाद प्रशासन ने कोई कार्रवाई नही की है।