विश्व मोटापा दिवस – 4 मार्च पर विशेष,== आयुर्वेद से करे मोटापा दूर ==
वाराणसी। मोटापा यानी स्थौल्य एक बेहद गंभीर बीमारी है जो हर वर्ग के लोगों को हो रही है और छोटे-छोटे बच्चे से लेकर बूढ़े लोग भी इससे अछूते नहीं हैं।आयुर्वेद मे इसे मेदोरोग या स्थौल्य कहा जाता है ।शरीरमे जब मेद धातू की अधिक वृद्धि हो जाती है तब उसे मेदोरोग कहा जाता है।
मोटापा बहुत सी स्वास्थ्य बीमारियों को जन्म देता है जैसे डायबिटीज , हाइ ब्लड प्रैशर, दिल की बीमारियाँ, स्ट्रोक, अनिंद्रा की बीमारी, किडनी की बीमारी, फैटी लिवर की बीमारी, औस्ट्येआर्थराइटिस- जोड़ो की बीमारी, आदि। इसलिए समय रहते मोटापे पर काबू पाना बहुत जरुरी हो जाता है।
चौकाघाट स्थित राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय , वाराणसी के कायचिकित्सा एवं पंचकर्म विभाग के डॉ अजय कुमार ने बातचीत में बताया की मेद का कार्य शरीर में स्नेह गुण बनाये रखना है । इसी मेद की वृद्धि से पेट के ऊपर और कमर पर चर्बी इकट्ठा होने लगता है तथा शरीर से दुर्गन्ध आने लगती है। इसी बात को आयुर्वेद के महान अचार्य चरक ने बताया है की अत्यधिक मेदवर्धक आहार लेने से मनुष्य में स्थूलता की वृद्धि होने लगती है।
कैसे करे अपने मोटापे की गणना–
मोटापे को जानने के लिए सबसे अधिक प्रचलित तरीका है BMI यानी बॉडी मास इंडेक्स। BMI निकलने के लिए सबसे पहले अपना वजन करें। मीटर में अपनी ऊंचाई देखें। उचाई को वर्ग निकाल ले और वजन में भाग दे दे। अब जो वैल्यू आती है वही आपकी BMI है।
BMI की व्याख्या–
18.5 से कम बीएमआई यानि अंडरवेट
18.5-25 के बीच बीएमआई यानि हेल्दी वेट
25-30 से बीच बीएमआई यानि ओवरवेट
30-40 के बीच बीएमआई यानि मोटापे से ग्रस्त
40 से ज्यादा बीएमआई यानि ज्यादा मोटापा
कैसे और क्यो आता है मोटापा–
1. अधिक मात्रा में भोजन करना
2. दही, पनीर, फुल क्रीम दूध या दूध के उत्पादों का अधिक सेवन
3. मिठाई का जरूरत से ज्यादा सेवन
4. खाने के तुरंत बाद पानी पी लेना
5. चावल या गेहूं से बनी चीजों का ज्यादा सेवन।
6. दोपहर के भोजन के तुरंत बाद सो जाना
7. खान-पान का गलत मेल, जैसे दूध के साथ केला या मांसाहारी भोजन करना
8. अधिक वसायुक्त भोजन का अधिक सेवन
9. शर्करायुक्त भोजन करना
10. कोई मेहनत का काम नही करना
11. आलस्य पूर्वक रहना
12. हमेशा सोते रहना
इलाज़ क्या है मोटापे का–
आयुर्वेद में ऐसी बहुत सी औषधियों है, जो मोटापे के लिए बेहद फायदेमंद हैं और इनके उपयोग से मोटापे को दूर किया जा सकता है।
1. गुडूची के सेवन
2. नागरमोथा का सेवन
3. त्रिफला का सेवन
4. मधूदक यानी शहद पानी के साथ लेने से मोटापा कम होता है
5. अमला के चूर्ण, शुंठी, क्षार आदि के प्रयोग से
6. जौ का आटा के सेवन से लाभ होता है।
7. बृहद पंचमूल के सेवन से
8. अग्निमंथ का सेवन शिलाजीत के साथ करने से
9. खान पान के अलावा रातभर जागने से, व्यायाम से तथा मानसिक परिश्रम से भी वजन कम होता है।
10. पंचकर्म चिकित्सा विधाओं जैसे वमन, विरेचन, उद्ववर्तन, स्वेदन और वस्ति के द्वारा भी मोटापे को नियंत्रित किया जा सकता है।
11. कम प्रोटीन और वसा वाली हल्की दालों मूंग, मंसूर को प्राथमिकता देनी चाहिए। उड़द राजमा छोले आदि से परहेज करना चाहिए।