भारत को तकनीकी रूप से सशक्त और समृद्ध बनाने के लिए टाइफैक द्वारा बीएचयू में महामंथन का श्रीगणेश
वाराणसी। भारत को तकनीकी रूप से सशक्त और समृद्ध बनाने के लिए टाइफैक द्वारा बीएचयू में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन 20 एवं 21 मार्च को किया जा रहा है . इस कार्यशाला का नेतृत्व बीएचयू के मॉलिक्यूलर ह्यूमन जेनेटिक्स विभाग की प्रोफेसर डॉ गीता राय कर रहीं हैं . कार्यशाला के प्रथम दिन देश के विभिन्न क्षेत्रो के वैज्ञानिको ने भारत के टेक्नोलॉजी विज़न 2024 डॉक्यूमेंट पर विचार मंथन किया . टेक्नोलॉजी विज़न 2024 डॉक्यूमेंट का लक्ष्य भारत को 2047 तक सुपर पावर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली तकनीकियों का निर्धारण करना है . कार्यशाला के शुरुआत में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर , टाइफैक प्रोफसर प्रदीप श्रीवास्तव ने टेक्नोलॉजी विज़न -2047 के लक्ष्य के बारे में बताया . रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार डॉ सतीश रेड्डी इस मीटिंग के मुख्य अतिथि रहे . डॉ रेड्डी ने भारत की तकनीकी उपलब्धियों और चुनौतियों के बारे में चर्चा की . उन्होंने एडवांस्ड मटेरियल , ग्रीन एनर्जी , सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट , कम्युनिकेशन, मैन्युफैक्चरिंग इत्यादि क्षेत्रों को रेखांकित किया जिसमें भारत को तकनीकी रूप से अग्रणी रहकर ही 2024 तक आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है . डॉ रेड्डी ने बताया की स्वतंत्रता के पश्चात् भारत की तकनीकी दशा बहुत लचर थी तथा देश में बहुत कम शोध संस्थान थे. उन परिस्थितियों में डॉ. होमी जहांगीर भाभा , डॉ . विक्रम साराभाई , डॉ. सतीश धवन , डॉ . स्वामीनाथन तथा डॉ . कलाम जैसे महान व्यक्तित्यों ने अपनी कर्मठता एवम लगन से भारत को तकनीकी रूप से सुदृढ़ किया। आज देश में बहुत से तकनीकी संस्थान है, भारत में प्रतिभावान ह्यूमन रिसोर्स भी है , जिससे की मेक इन इंडिया , स्किल्ड इंडिया , स्टार्टअप इंडिया जैसे महत्वाकांक्षी कार्यक्रम सफल हो रहे हैं . हलाकि अब भी तकनिकी और अविष्कार के मामले में भारत अनुशरणकर्ता ही है , मार्गदर्शक नहीं, और इसी वजह से भारत को विदेश से नवीनतम तकनिकी खरीदने के लिए भारी मात्रा में विदेशी मुद्रा खर्च करनी पड़ती है . डॉ . रेड्डी ने सुझाया की जब तक देश के वैज्ञानिक और युवा असफलता के डर को अपने मन से दूर नहीं करेंगे , भारत तकनीक में अग्रणी नहीं होगा . डॉ रेड्डी के अतिरिक्त देश के कई जाने माने वैज्ञानिको जैसे डॉ आर एस वर्मा, डॉ टी एन सिंह , डॉ एच बी श्रीवास्तव, डॉ मनमोहन परीदा, डॉ तुषार बेहेरा, डॉ राजेश कुमार, डॉ एल सी राय, डॉ बी के सिंह, डॉ शांतनु पांडे , डॉ डी सी राय, डॉ अभिषेक , डॉ सुची यादव, डॉ उमा कांगा, डॉ मीनल राठौर, डॉ एस बी अग्रवाल इत्यादि ने भी TV-2024 पर अपने विचार व्यक्त किये . साथ ही साथ बीएचयू के प्रोफेसर अनिल त्रिपाठी , डायरेक्टर , इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस , और डीन डॉ मधूलिका अग्रवाल ने भी मंच को शुशोभित किया तथा भारत के तकनिकी विकास में बीएचयू के योगदान को रेखांकित किया। TV-2024 पर भारतीय डायस्पोरा की भी प्रतिक्रिया ली गयी.