ईडी के निशाने पर बंगाल असम की सुपारी तस्करी में लिप्त फर्जी कंपनिया

देशी के नाम पर विदेशी सुपारी की तस्करी कर तस्कर हो रहे मालामाल

अशोक झा
सिलीगुड़ी। इन दिनों देशी सुपारी उत्पादक काफी चिंता और परेशान में है। इसका मुख्य कारण है देशी सुपारी के आड़ में इन दिनों विदेशी सुपारी की तस्करी। पान-मसाला की बढ़ती मांग होने म्यांमार, इंडोनेशिया, थाईलैंड आदि से सुपारी की तस्करी हो रही है। पान-मसाला (गुटखा) मे सुपारी की आपूर्ति पूरा करने के लिए सुपारी तस्कर सक्रिया हो गए है। जिसके कारण स्थानीय व्यापारी को उचित दाम नही मिल पा रहे है। व्यापरियो ने जिसको लेकर उत्पादक केंद्रीय राज्य मंत्री जॉन बारला सहित अन्य केंद्रीय नेताओं से गुहार लगा चुके है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की और से कहा गया है की उसने सीमा शुल्क की चोरी कर भारत-म्यांमार सीमा के जरिए विदेशी सुपारी की तस्करी जानकारी मिल रही है। जिस पर नजर बनाया गया है। तस्करी के सिलसिले में नागपुर के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। मिली जानकारी के अनुसार असम के व्यापारी जो क्षेत्र में सुपारी की बिक्री और खरीद की फर्जी चालान देते थे। ये फर्जी कंपनी ईडी के रडार पर है।
जानकारी के अनुसार सुपारी को उत्तर बंगाल से लोड किया जाता है जबकि उसके साथ कागजात असम के कंपनियों का दिया होता है। इस प्रकार फर्जी तरीके से सीएसटी और सेंट्रल रिवेन्यू इंटेलिजेंस को फाइल देकर जीएसटी टैक्स का भी चोरी किया जाता है। प्रतिदिन ट्रकों से म्यांमार से असम और फिर उसे कोलकाता समेत उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, पंजाब समेत विभिन्न प्रांतों में ले जाया जाता है। कुछ दिनों तक इन कंपनी के माध्यम से काम होने के बाद इसे बंद कर दिया जाता हैं। जिसके कारण भारत सरकार को राजस्व का भी नुकसान भी हो रहा है सिलीगुड़ी से कस्टम आयुक्तालय बंद हो जाने का फायदा सुपारी तस्कर उठा रहे है। वह विदेशों से सुपारी लाकर उसे केमिकल के माध्यम से लाल करते है। फर्जी कंपनी के नाम पर बिल बनाकर उसे उत्तर बंगाल और असम का सुपारी बता देश के विभिन्न क्षेत्रों में भेज देते है।
सिलीगुड़ी जीएसटी आयुक्त आशीष चंदर का कहना है कि इस प्रकार की सूचना पर लगातार जॉच और कारवाई की जा रही है। इस मांग पर कस्टम्स आयुक्त का कहना है कि लाल सुपारी तस्करी पर नकेल कसने के लिए अब इसकी फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (एफएसएसएआई) के लैब में कराया जायेगा।

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