बस्ती जिले के सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की रचनाएं सोशल मीडिया पर पढ़ी जाती बहुत

बस्ती जिले के सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की रचनाएं सोशल मीडिया पर पढ़ी जाती बहुत

आजकल कवियों और शायरों को पढ़ना लोग बहुत पसंद करते हैं उनकी कविताओं और शेरों को सोशल मीडिया पर काफी पढ़ा और शेयर किया जाता है। जिसमे एक सर्वेश्वर दयाल सक्सेना का जन्म उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में सन् 1927 में हुआ। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से उच्चशिक्षा ग्रहण की। आरंभ में उन्हें आजीविका हेतु काफी संघर्ष करना पड़ा, बाद में दिनमान के उपसंपादक एवं चर्चित बाल पत्रिका पराग के संपादक बने । सन् 1983 में उनका आकस्मिक निधन हो गया।आजकल सोशल मीडिया पर प्रसिद्ध कवियों की रचनाएँ बहुत पढ़ी जाती हैं। कवि सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की कुछ ऐसी रचनाएं हैं जिन्हें बहुत पढ़ा जाता है।

जैसे तुम्हारे साथ रहकर , चलो घूम आएं , कितना अच्छा होता है, देश कागज़ पर बना नक्शा नहीं होता और ईश्वर उनकी वो कविताएँ हैं जिन्हें बहुत पढ़ा जाता है। इन्हें पढ़कर ऐसा प्रतीत होता है कि इन कविताओं में जीवन है। इन कविताओं को सोशल मीडिया पर अक्सर शेयर किया जाता है। ये रचनाएँ कभी राजनीति के मुद्दे पर तो कभी जीवन को तलाशती नज़र आती हैं।

सोशल मीडिया पर छाए रहते हैं ये साहित्यकार

सोशल मीडिया के इस ज़माने में अगर आप कुछ अच्छा पढ़ना चाहते हैं तो आपको उसके लिए परेशानी नहीं उठानी पड़ती। सोशल मीडिया पर आप बहुत से ऐसे पेज या अकाउंट से जुड़े होते हैं जहां आप अपने पसंदीदा लेखक , कवि और शायर को अच्छी तरह पढ़ सकते हैं। बहुत से कवि या शायर ऐसे हैं जिन्हें लोगों ने सोशल मीडिया पर पढ़ा और उनके प्रशंसक बन गये। सोशल मीडिया के द्वारा एक से बढ़कर एक महान लेखक और कवि की रचनाओं को लोग पढ़ते हैं और शेयर भी करते हैं। रामधारी सिंह दिनकर की रचना ‘रश्मिरथी’ , हरिशंकर परसाई द्वारा लेख , सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की रचना ‘देश एक कागज पर बना नक्शा नहीं होता’ , प्रेम चंद द्वारा लिखे गये उपन्यास के चर्चित वाक्य , मनु भंडारी द्वारा लिखे गये उपन्यास के चर्चित कोट्स , महादेवी वर्मा द्वारा कविता ‘जाग तुझको दूर जाना’ जैसी रचनाएँ बहुत पसंद की जाती हैं और लोग इनका पाठन भी करते हैं। सोशल मीडिया पर लोग इन्हें पढ़ना बेहद पसंद करते हैं।

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