टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर आरोपों को लेकर पहली बैठक आज

सिलीगुड़ी: पश्चिम बंगाल में तृणमूल
कांग्रेस के लिए कुछ अच्छा नहीं गुजर रहा है। पार्टी नेताओं और मंत्री समूह पर लगातार सीबीआई और ईडी का शिकंजा कसता जा रहा है तो अब टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर सवाल पूछने के गंभीर आरोप लगे हैं। इन आरोपों की लोकसभा की एथिक्स कमेटी जांच कर रही है, आरोपों की जांच करने के लिए गुरुवार यानि 26 अक्टूबर 2023 को एथिक्स कमेटी की पहली बैठक हो रही है। इस बैठक में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे पहली और वकील जय अनंत देहाद्रई अपने बयान दर्ज करा सकते हैं।निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से की गयी शिकायत में देहाद्रई के शेयर किये गये दस्तावेजों का उल्लेख किया है। बिरला ने मामले को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली आचार समिति को भेज दिया। दुबे ने कहा है कि किसी समय मोइत्रा के करीबी रहे देहाद्रई ने मोइत्रा और कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के बीच अडानी समूह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने के लिए रिश्वत के लेनदेन के ऐसे साक्ष्य साझा किये हैं जिनको खारिज नहीं किया जा सकता।
महुआ से क्या सवाल पूछे जा सकते हैं?
पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा से आज की कार्यवाही के बाद नोटिस देकर सवाल -जवाब के लिए बुलाया जा सकता है। उनसे सवाल पूछे जा सकते हैं कि क्या उन्होंने पैसे लेकर सवाल पूछे हैं या नहीं, इसके अलावा विशेषज्ञों की मानें तो उनसे ये सवाल भी पूछे जाने की संभावना बन सकती है।क्या NIC मेल दुबई में ओपन हुआ या नहीं?
इसके लिए पैसे लिए गए या नहीं?विदेशी दौरे का खर्च कौन उठाता था? क्या विदेशी दौरे के लिए स्पीकर से इजाजत ली गई?
क्या उन्होंने पैसे लेकर अडानी से जुड़े सवाल पूछे? जो सवाल उन्होंने पूछे क्या उसमें किसी और की संलिप्तता थी या नहीं?
बैठक से पहले एथिक्स कमेटी ने जारी किया बयान
एथिक्स कमेटी ने गुरुवार को होने वाली बैठक से पहले कहा, ‘हम सांसद महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने में उनकी सीधी संलिप्तता के आरोपों पर सांसद डॉ. निशिकांत दुबे की 15 अक्टूबर, 2023 को दी गई शिकायत के संबंध में उनके और वकील जय अनंत देहाद्रई के बयान लेंगे। दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में आरोप लगाया था कि मोइत्रा ने लोकसभा में 61 सवाल पूछे थे जिनमें 50 सवाल अडानी समूह पर आधारित थे। हीरानंदानी ने एक हस्ताक्षरित हलफनामे में स्वीकार किया है कि मोइत्रा ने प्रधानमंत्री मोदी, जिनकी बेदाग छवि के कारण विपक्ष को उन पर हमले का कोई मौका नहीं मिला, उनकी ‘छवि खराब करने और उनको असहज करने के लिए गौतम अडानी पर निशाना साधा. हीरानंदानी ने कथित रूप से संसद में प्रश्न पूछने के लिए तृणमूल सांसद को पैसे दिये थे।
कौन लोग हैं कमेटी का हिस्सा?: लोकसभा की एथिक्स कमेटी के सदस्य लोकसभा में सभी पार्टियों के नेता होते हैं। इस कमेटी में बीजेपी सांसद विष्णु दत्त शर्मा, सुमेधानंद सरस्वती, अपराजिता सारंगी, डॉ. राजदीप रॉय, सुनीता दुग्गल और सुभाष भामरे हैं, तो वहीं कांग्रेस के वी वैथिलिंगम, एन उत्तम कुमार रेड्डी, बालाशोवरी वल्लभनेनी, और परनीत कौर हैं। शिवसेना के हेमंत गोडसे; जद (यू) के गिरिधारी यादव; सीपीआई (एम) के पीआर नटराजन और बीएसपी के दानिश अली इस समिति का हिस्सा हैं। सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किल इसलिए भी बढ़ती जा रही है क्योंकि पार्टी ने उनसे लगभग किनारा कर लिया है। कांग्रेस और माकपा का साथ मिलने से मुख्यमंत्री और पार्टी सुप्रीमो पहले ही नाराज चल रही है। रिपोर्ट अशोक झा

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