करोड़ों रूपये के तीन हिरण सींग और गांजा के साथ चार गिरफ्तार
करोड़ों रूपये के तीन हिरण सींग और गांजा के साथ चार गिरफ्तार
– तस्करी का पूरा मामला नेपाल और बिहार से जुड़ा हुआ है।
सिलीगुड़ी: सिलीगुडी पुलिस कमिश्नरेट के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) और बागडोगरा थाने की पुलिस ने दो तस्करों को तीन हिरण सींग के साथ और वही एसटीएफ ने भी सिलीगुड़ी के पास माटीगाड़ा में छापेमारी कर करीब डेढ़ क्विंटल गांजा बरामद किया। इस सिलसिले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसे बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। बताया जाता है की वन्य प्राणी तस्करी मामले में गिरफ्तार तस्करों के नाम गोविंद मंडल और प्रीतम राय हैं। जबकि गांजा तस्करी में स्टेशन चौपाटी, कूचबिहार निवासी प्रदीप सरकार और पुंडीबारी निवासी सुदीप दास नामक व्यक्ति को पकड़ा है। सिंग के साथ पकड़े गए
गोविंद जलपाईगुड़ी जिले के राजगंज ब्लॉक के आमबाड़ी और प्रीतम अलीपुरद्वार जिले के बीड़पाड़ा का निवासी है। पुलिस कमिश्नर सिलीगुड़ी एस सुधाकर ने पुष्टी करते हुए कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय तस्कर गिरोह का सिंडीकेट का काम है। बताया जा रहा है कि दोनों तस्कर रात को हिरण सींग लेकर बागडोगरा थाना इलाके में पहुंचा था। इसकी भनक एसओजी को मिल गई जिसके बाद एसओजी ने बागडोगरा थाने की मदद से अभियान चलाकर दोनों तस्करों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने तस्करों के पास से तीन हिरण की सींग बरामद की है। बरामद हिरण सींग का अनुमानित बाजार मूल्य करोड़ों रुपये आंकी गई है। बागडोगरा थाना की पुलिस ने वन्य जीव अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। उत्तर बंगाल के जंगलों से सींग वाले हिरण धीरे धीरे विलुप्त हो रहे हैं। वर्ष 2021में सींगं वाले हिरणों की संख्या में कमी नजर आ रही है।इनके विलुप्त होने की वजह इनकी सुंदरता और कीमती सींग होना बताया जाता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार संपन्न लोग हिरण का सींग अपने घर के ड्राइंग रूम में सजाते हैं। हिरण के एक जोड़े सींग की कीमत आज की तारीख में पच्चीस से तीस हजार तक अदा करने के लिए लोग तैयार हैं। तस्करों के द्वारा जंगलों से हिरण के सींग नेपाल, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली व महाराष्ट्र तक भेजे जाते हैं। बताया जाता है कि महानगरों तक पहुंचकर एक जोड़ी हिरण के सींग की कीमत एक लाख तक हो जाती है। वही अंतर राष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत करोड़ों में है। ।दूसरी ओर आयुर्वेदिक औषधि निर्माता कंपनियां भी इन्हें ऊंची कीमत पर खरीद लेती हैं। बताया जाता है कि हिरण के सींग से मृगश्रृंग भस्म तैयार किया जाता है, जो बच्चों के निमोनिया व विभिन्न तरह के ज्वर में रामबाण औषधि का काम करता है। बाजार में प्रति दस ग्राम इसकी कीमत साठ रुपए है।वाइल्ड लाइफ डीएफओ की माने तो सींग वाले हिरणों की संख्या बता पाना मुश्किल है। पशु गणना का कार्य पूरा हो जाने के बाद ही इनकी संख्या बताया जा सकता है। उन्होंने सींग वाले हिरणों के विलुप्त होने की बात स्वीकार की है।
सींग वाले सिर को घरों में सजाकर रखने को स्टेटस सिंबल माना जाता रहा है. यही कारण है कि हिरण के सींग लगे सिर के लिए लोग लाखों रुपए देने के लिए तैयार रहते हैं और ये अवैध रूप से ही खरीदा जाता है। भारत के रईसों के अलावा विदेश में इनकी मांग अधिक है। इसके अलावा हिरण के अन्य कई अंगों का दवाओं के लिए भी उपयोग किया जाता है। इसलिए हिरण के दांत और नाखून समेत शरीर के अन्य अंगों की भी जमकर तस्करी की जाती है। वहीं दूसरी ओर पश्चिम बंगाल पुलिस की एसटीएफ ने पिकअप वैन के अंदर गुप्त चैंबर बनाकर बड़ी मात्रा में गांजा की तस्करी की योजना को विफल कर दिया। गुप्त सूत्रों से सूचना मिलने के बाद एसटीएफ ने सिलीगुड़ी के पास माटीगाड़ा में छापेमारी कर करीब डेढ़ क्विंटल गांजा बरामद किया। इस सिलसिले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बरामद गांजे की अनुमानित बाजार कीमत करीब 35 लाख रुपये है। घटना में एसटीएफ ने स्टेशन चौपाटी, कूचबिहार निवासी प्रदीप सरकार और पुंडीबारी निवासी सुदीप दास नामक दो लोगों को गिरफ्तार किया है।।गांजा को कूचबिहार के निशिगंज से बिहार तस्करी के लिए ले जाया जा रहा था।एसटीएफ के डीएसपी (उत्तर बंगाल) सुदीप भट्टाचार्य ने कहा कि प्रारंभिक पूछताछ के दौरान गिरफ्तार लोगों ने कई अन्य लोगों के नाम बताए हैं। उनके मकसद की भी जांच की जा रही है। गिरफ्तार लोगों को शुक्रवार को अदालत में पेश किया। इस संबंध में माटीगाड़ा थाने में मामला दर्ज किया गया है। अपराध में अन्य लोगों की संलिप्तता की भी जांच की जा रही है।आरोपियों को रिमांड में लेकर पूरे मामले का सच और सामने आएगा। @रिपोर्ट अशोक झा