संसद की सुरक्षा में सेंध मामले के पीछे कई महीनों से चल रहा था काम, सुरक्षा एजेंसी कैसे कर थी आराम
नई दिल्ली: संसद की सुरक्षा में सेंध मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बड़ा फैसला किया है। गृह मंत्रालय ने सुरक्षा उल्लंघन की जांच के आदेश दिए हैं। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह के अधीन एक समिति गठित की गई है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान सागर शर्मा, मनोरंजन डी, अमोल शिंदे और नीलम आजाद के रूप में हुई है। संसद की दर्शक दीर्घा से सांसदों की कुर्सियों पर कूदने वालों की पहचान सागर शर्मा और मनोरंजन डी के रूप में हुई थी, जबकि अमोल शिंदे और नीलम आजाद को संसद भवन के बाहर नारेबाजी करने और पीला पाउडर छिड़कने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के साथ-साथ इंटेलीजेंस ब्यूरो की टीम भी पूछताछ कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, अभी तक की पूछताछ बड़े खुलासे हुए हैं. मसलन, साजिश में शामिल सभी आरोपी बीते 4 वर्षों से एक-दूसरे के संपर्क में थे. प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि सभी आरोपी सोशल मीडिया के फैन क्लब के जरिए एक-दूसरे के संपर्क में आए और तभी से एक-दूसरे के साथ जुड़े हुए थे. इसके अलावा, पुलिस आरोपियों के सोशल मीडिया नेटवर्क और संपर्क में रहने वाले लोगों के बारे में पता लगा रही है। आगंतुक पास के लिए तीन महीने से कर रहे थे जद्दोजहद
भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा के कार्यालय ने पुलिस को जानकारी दी है कि मनोरंजन और सागर पिछले तीन महीनों से संसद आगंतुक पास प्राप्त करने के लिए प्रयासरत थे। सांसद प्रताप सिम्हा से मिली जानकारी के आधार पर यह जानने की भी कोशिश कर रही है कि क्या आरोपी बीते तीन महीने से संसद में सेंध लगाने की साजिश पर काम कर रहे थे। पुलिस इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए सभी आरोपियों के मोबाइल सहित सभी डिजिटल डिवाइस बरामद करने की कोशिश कर रही है। सेंध लगाने से पहले की थी संसद भवन की रेकी
सूत्रों के अनुसार, साजिश कब से रची जा रही है और इसमें किस-किस के बीच क्या-क्या संवाद हुआ, यह सभी जवाब मोबाइल मिलने के साथ मिल जाएगा। साथ ही, इस बात का भी खुलासा हो सकेगा कि कर्नाटक, महाराष्ट्र, कोलकाता और हरियाणा से ये सभी एक साथ कैसे आए. उल्लेखनीय है कि वारदात को अंजाम देने से पहले सभी आरोपी गुरुग्राम के एक घर में रुके थे और साजिश को अंजाम देने से पहले संसद भवन की रेकी भी की थी। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने संसद भवन की सुरक्षा में हुई चूक मामले में यूएपीए धारा के तहत मामला दर्ज किया है। इस मामले में कुल छह आरोपी हैं। पांच की पहचान हो चुकी है। चार को हिरासत में ले लिया गया है। बाकी दो की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इसकी जानकारी दी है।आपको बता दें कि लोकसभा की कार्यवाही के दौरान बुधवार को दर्शक दीर्घा से दो युवक अचानक सदन के पटल पर कूद गए और पीला धुआं स्प्रे किया। संसद पर आतंकी हमले की 22वीं बरसी वाले दिन नए संसद भवन में इस घटना से अफरातफरी मच गई। उधर, इसी दौरान संसद के बाहर भी महिला समेत दो लोगों ने धुआं फैलाकर हंगामा किया। चारों आरोपियों को पुलिस ने दबोच लिया है। लोकसभा में विपक्ष ने इस मामले पर गहरी चिंता जताई, जिस पर लोकसभा अध्यक्ष ने घटना की समीक्षा करने और कड़े सुरक्षा उपाय करने के निर्देश दिए हैं।बुधवार को लोकसभा में शून्यकाल समाप्ति की ओर था। सांसद खगेन मुर्मु अपना मुद्दा उठा रहे थे। राजेंद्र अग्रवाल सभा का संचालन कर रहे थे। तभी अचानक दर्शक दीर्घा से एक दर्शक सदन में कूद गया और सांसदों की टेबलों के ऊपर से आगे बढ़ा। हतप्रभ अग्रवाल ने सदन स्थगित कर दिया। सांसदों ने भी इस घटना को देख दर्शक को घेर लिया और उसकी जमकर धुनाई की। तभी एक और युवक दर्शक दीर्घा की रेलिंग से लटक कर सदन के अंदर कूदा और तेजी से गैलरी से सदन के बीच की ओर दौड़ पड़ा। उसे कांग्रेस के सांसद गुरजीत सिंह औजला ने पकड़ कर पिटाई की। दोनों युवकों ने हाथापाई के बीच अपने जूतों और मोजों से कोई स्प्रे निकाल कर फैला दिया, जिससे सदन में पीला धुआं और बदबू फैल गई। उस समय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी सदन में थे। दो लोग संसद भवन के बाहर गिरफ्तार
उधर, लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दो लोगों के सदन में कूदने की घटना के कुछ देर बाद ही संसद भवन के स्वागत कक्ष के बाहर प्रवेश द्वार पर गोलचक्कर पर भी दो लोगों ने स्मोक केन से पीले और लाल रंग का धुंआ फैलाया और नारेबाजी की। इनकी पहचान नीलम और अनमोल शिंदे के रूप में हुई है। दोनों को दिल्ली पुलिस ने तत्काल गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि संसद भवन के बाहर से हिरासत में लिए गए दो लोगों की पहचान 42 वर्षीय नीलम और 25 वर्षीय अमोल शिंदे के रूप में हुई है। नीलम हरियाणा के हिसार की निवासी है तो शिंदे महाराष्ट्र के लातूर का रहने वाला है। अधिकारियों ने बताया कि संसद भवन के बाहर धुआं छोड़ने वाला कनस्तर खोलने के बाद दोनों ने ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ ‘भारत माता की जय’ और ‘जय भीम, जय भारत’ के नारे लगाए। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली पुलिस का विशेष प्रकोष्ठ दोनों घटनाओं की जांच करेगा।पुलिस को शक, कुल छह लोग साजिश में शामिल दिल्ली पुलिस को शक है कि इस साजिश में कुल छह लोग शामिल हैं। इनमें से चार को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि दो की तलाश जारी है।संसद भवन परिसर में दर्शकों का प्रवेश निलंबित
लोकसभा में बुधवार को दो व्यक्तियों के दर्शक दीर्घा से नीचे कूदने के बाद संसद भवन परिसर में दर्शकों का प्रवेश निलंबित कर दिया गया है। घटना के बाद बुधवार के लिए वैध आगंतुक पास रखने वाले लोगों को स्वागत क्षेत्र से वापस भेज दिया गया। अधिकारियों ने कहा कि अब तक दर्शकों या आगंतुकों पर प्रतिबंध लगाने का कोई लिखित निर्देश नहीं आया है। आमतौर पर, दर्शकों के पास दो घंटे के लिए जारी किए जाते हैं।
क्या है UAPA कानून?
गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम यानी यूएपीए को आतंकी गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए लाया गया था। यूएपीए के तहत आतंकियों और आतंकी गतिविधियों में शामिल संदिग्ध लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। यूएपीए के तहत राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआई संदिग्ध या आरोपी की संपत्ति जब्त और कुर्क कर सकती है। यूएपीए को 1967 में लाया गया था। इस कानून को संविधान के अनुच्छेद-19(1) के तहत दिए गए मौलिक अधिकार पर तर्कसंगत सीमाएं लगाने के लिए पेश किया गया था। यूएपीए का उद्देश्य भारत की अखंडता और संप्रभुता को चुनौती देने वाली गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए सरकार को ज्यादा अधिकार देना था। यूएपीए को विशेष हालात में लागू किया जा सकता है। @रिपोर्ट अशोक झा