उत्तर प्रदेश में मुकदमों के निस्तारण में बस्ती अव्वल

उत्तर प्रदेश में मुकदमों के निस्तारण में बस्ती अव्वल

उप्र के मुख्य सचिव ने मंगलवार को राजस्व मुकदमों के निस्तारण की प्रदेश स्तर पर समीक्षा की। समीक्षा में बस्ती जनपद निस्तारण मामले में दूसरे स्थान पर है। डीएम अंद्रा वामसी ने कहा कि इन मुकदमों के निस्तारण पर विशेष प्रयास किया जाएगा, जिससे राजस्व के मामलों का अधिक से अधिक निस्तारण हो सके। समीक्षा के दौरान यह सभी सामने आया कि बस्ती मंडल में पांच ऐसे मामले में हैं, जो 42 साल पुराने हैं। प्रदेश स्तर पर सबसे पुराने लंबित वाद, निस्तारित वादों के रीकॉल, राजस्व वादों की स्थिति, पैमाइश, नामांतरण, कृषक भूमि को गैर कृषि कार्य में परिवर्तन, बेदखली और बंटवारा संबंधी मुकदमों की समीक्षा हुई। समीक्षा के दौरान मिला कि बस्ती मंडल में पांच मुकदमे 42 वर्ष से लंबित हैं। इनमें बस्ती के अतिरिक्त अधिकारी प्रथम के न्यायालय में नर नारायण बनाम परमात्मा प्रसाद का धारा 176 के तहत मार्च 1979, संतकबीरनगर में एसडीएम खलीलाबाद के यहां श्रीमती कुमारी बनाम अशोक का धारा 34/35 का जुलाई 1979, नायब तहसीलदार द्वितीय खलीलाबाद में नोहर बनाम अब्बास अली का धारा 34 का 1979, सिद्धार्थनगर में नौगढ़ तहसील में तहसीलदार न्यायिक के न्यायालय में जुगुना देवी बनाम शेषई का धारा 201 के तहत 1979 से तथा बस्ती के अतिरिक्त अधिकारी प्रथम के न्यायालय में राम अचल बनाम मंगरू आदि का धारा 229 ख के तहत मुकदमा 1982 से लंबित है। समीक्षा में सामने आया कि बस्ती मंडल में 16 सितंबर 2023 से अब तक 23 मुकदमों को रीकॉल के लिए आवेदन-पत्र पड़े। इसमें से चार का निस्तारण कर दिया गया है। 23 मुकदमे लंबित हैं। अधिकतम मुकदमा निस्तारण के मामले में बस्ती जिला प्रदेश में दूसरे नंबर पर है। सितंबर 2023 में मुकदमा निस्तारण का प्रतिशत 83.62 रहा, जबकि 27 फरवरी को निस्तारण की स्थिति 94.43 प्रतिशत रही। पिछले छह माह में मुकदमा निस्तारण मामले में बस्ती जनपद 10.91 प्रतिशत अधिक निस्तारण किया। पैमाइश के तहत न्यूनतम निस्तारण वाले जिलों में बस्ती शामिल नहीं है। सितंबर 2023 को नामांतरण निस्तरण के मामले में बस्ती की स्थिति अच्छी नहीं थी, लेकिन 27 फरवरी 2024 को बस्ती इस स्लैब से बाहर हो गया है। नामांतरण निस्तारण के मामले में बस्ती जनपद पिछले छह माह में 10.85 प्रतिशत अधिक वृद्धि के साथ प्रदेश में दूसरे नंबर पर है।
डीएम अंद्रा वामसी ने बताया कि पांच वर्ष व तीन वर्ष के मुकदमों के निस्तारण पर विशेष जोर दिया जाएगा। राजस्व के अधिकांश मामले समय से न्यायालयों में निस्तारित हों, इसके लिए पीठासीन अधिकारियों को निर्देशित किया जा रहा है। अधिकांश मामलों में बस्ती की स्थिति बेहतर है। लंबित मुकदमों का निस्तारण करना प्राथमिकताओं में शामिल है।

Back to top button