चुनाव तिथि घोषणा के साथ आज लागू हो जायेगी चुनाव आचार संहिता

- क्या है आचार संहिता, क्या क्या बदल जायेगा नियम

नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने शनिवार 16 मार्च यानि आज इलेक्शन का शेड्यूल जारी करने का ऐलान किया है। इसके साथ ही चुनाव आयोग आंध्र प्रदेश, ओडिशा समेत 4 राज्यों के चुनावों की तारीखों का भी ऐलान करेगा। चुनाव आयोग की घोषणा के साथ ही पूरे देश में आचार संहिता लागू हो जाएगी। इसके बाद सरकारें नई घोषणाएं नहीं कर सकेंगी। हालांकि पहले से जारी विकास कार्यों को पूरा किया जा सकेगा। आचार संहिता लागू होते ही राजनीतिक दलों को कई तरह के प्रतिबंधों का पालन करना पड़ेगा। चुनाव आयोग ने शुक्रवार को बताया कि राज्य विधानसभा चुनावों की तारीखों का भी ऐलान कल किया जाएगा।मुख्‍य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार आचार संहिता के लागू होने की घोषणा करेंगे। इसके बाद सरकार के सामान्य कामकाज के साथ-साथ चुनाव प्रचार में भी महत्वपूर्ण बदलाव आएगा। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि संविधान में आदर्श आचार संहिता का प्रावधान नहीं है। ये मशहूर चुनाव आयुक्त टीएन शेषन थे जिन्होंने भारत की चुनावी प्रक्रिया में आदर्श आचार संहिता को सख्‍ती से लागू किया।
आदर्श आचार संहिता (MCC) क्या है?
देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग के बनाए गए नियमों को ही आचार संहिता कहते हैं। आदर्श आचार संहिता (MCC) के तहत, कुछ नियम हैं जिनका राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों को पालन करना अनिवार्य हैं। इसके उल्लंघन की स्थिति में चुनाव आयोग कड़ी कार्रवाई करता है।
आदर्श आचार संहिता लागू होने से क्या बदलेगा? आदर्श आचार संहिता लगने पर सरकार की कार्य क्षमता सीमित हो जाती है, जैसे कि सरकार, सरकारी घोषणा नहीं कर सकती है। इतना ही नहीं, मंत्रियों और अन्य अधिकारियों को किसी भी वित्तीय अनुदान की घोषणा करने या उसके वादे करने से मनाही होती है।
किसी भी नेता या मंत्री को शिलान्यास करने, लोकार्पण करने या किसी भी प्रकार की परियोजनाओं या योजनाओं को शुरू करने से भी प्रतिबंधित कर दिया जाता। आदर्श आचार संहिता लागू होते ही राज्यों और केंद्र सरकार के कर्मचारी चुनावी प्रक्रिया पूरी होने तक सरकार के नहीं, बल्कि चुनाव आयोग के कर्मचारी की तरह काम करते हैं। आचार संहिता लागू होने के बाद सार्वजनिक धन का इस्तेमाल किसी ऐसे आयोजन में नहीं किया जा सकता जिससे किसी विशेष दल को फ़ायदा पहुंचता हों।सरकारी गाड़ी, सरकारी विमान या सरकारी बंगला का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता है।किसी भी पार्टी, प्रत्याशी या समर्थकों को रैली या जुलूस निकालने या चुनावी सभा करने की पूर्व अनुमति पुलिस से लेना अनिवार्य होता है।कोई भी राजनीतिक दल जाति या धर्म के आधार पर मतदाताओं से वोट नहीं मांग सकता है।आचार संहिता के उल्लंघन पर चुनाव आयोग क्या कर सकता है?यदि कोई प्रत्याशी या राजनीतिक दल आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करता है तो चुनाव आयोग नियमानुसार कार्रवाई कर सकता है। ये चुनाव आयोग पर है कि वह उम्मीदवार को चुनाव लड़ने से रोक सकता है या नहीं। इतना ही नहीं चुनाव आयोग आचार संहिता का उल्लंघन करने पर आपराधिक मुकदमा भी दर्ज करा सकता है। आचार संहिता के उल्लंघन में जेल जाने तक के प्रावधान भी हैं।आदर्श आचार संहिता के दिशानिर्देश और नियम: राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को ऐसे काम नहीं करना चाहिए जिससे विभिन्न समुदायों या धार्मिक समूहों के बीच तनाव पैदा हो।
अन्य राजनीतिक दलों की आलोचना नीतियों और कार्यक्रमों पर आधारित होनी चाहिए। व्यक्तिगत हमला नहीं किया जाना चाहिए। सार्वजनिक सभाएं, रैलियां और जुलूस आयोजित करने के लिए प्रशासन से पहले से इजाजत लेनी होगी।
लाउड स्पीकरों का उपयोग रेगुलेटेड है। इसका उपयोग स्थानीय अधिकारियों द्वारा लगाए गए समय संबंधी प्रतिबंधों के अनुसार होना चाहिए। जिस इलाके को साइलेंस जोन घोषित किया गया है वहां से जुलूस नहीं निकाल सकते।
मतदान के दिन चुनाव प्रचार नहीं करना है। इस दिन सभी राजनीतिक विज्ञापन और अभियान संबंधी गतिविधियां बैन हैं।
मतदान केंद्र में केवल मतदाताओं, चुनाव एजेंटों और मतदान कर्मचारियों को जाने की अनुमति है। मतदान केंद्रों के पास घूमने या प्रचार करने की अनुमति नहीं है। मतदान केंद्रों में किस प्रकार चुनाव प्रक्रिया चल रही है इसपर नजर रखने के लिए राजनीतिक दल अपने एजेंटों को नियुक्त कर सकते हैं, लेकिन उन्हें चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों का पालन करना होगा।
जिस पार्टी की सरकार है उसे चुनाव प्रचार अभियान के लिए सरकारी संसाधनों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
मंत्रियों से अपेक्षा की जाती है कि वे आधिकारिक दौरों को चुनाव कार्य के साथ न जोड़ें। वे चुनाव कार्य के लिए आधिकारिक मशीनरी का इस्तेमाल नहीं करें।
अगर किसी नेता और पार्टी ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया तो चुनाव आयोग द्वारा उसके खिलाफ कार्रवाई करेगा।
आदर्श आचार संहिता लागू रहने के दौरान सरकार क्या नहीं कर सकती?सरकार को आदर्श आचार संहिता लागू रहने के दौरान मतदाताओं को प्रभावित करने वाली नई परियोजनाओं, योजनाओं या नीतियों की घोषणा नहीं करनी चाहिए।
जो योजनाएं और परियोजनाएं चल रहीं हैं उनका इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
अधिकारियों और कर्मचारियों सहित सरकारी मशीनरी का उपयोग किसी राजनीतिक दल या उम्मीदवार के फायदे के लिए नहीं होना चाहिए। कोई उम्मीदवार चुनाव प्रचार के लिए कितनी गाड़ियों का इस्तेमाल करता है इसकी सीमा नहीं है, लेकिन इस्तेमाल की जाने वाली सभी गाड़ियों की जानकारी डीईओ को देनी होगी ताकि इसपर हो रहे खर्च की जांच की जा सके।
आदर्श आचार संहिता लागू करने के दौरान सरकार को बड़े अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग से बचना चाहिए। अगर ऐसा करना बेहद जरूरी है तो इसके लिए चुनाव आयोग से पहले इजाजत लेनी होगी। रिपोर्ट अशोक झा

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