एलेक्सा गर्ल निकिता को अमेजॉन ने भेजा उपहार

एलेक्सा गर्ल निकिता को अमेजॉन ने भेजा उपहार

उप्र बस्ती एलेक्सा डिवाइस का इस्तेमाल करके घर में घुसे बंदरों से अपनी व 15 महीने की भांजी की जान बचाने वाली निकिता के कारनामे से अमेजॉन कंपनी भी गदगद है। कंपनी के बंगलुरु कार्यालय से एलेक्सा गर्ल निकिता के लिए उपहार भेजा गया है। दिव्यांग बच्चों के लिए काम करने वाली संस्था के माध्यम से भेजे गए उपहार को रोटरी क्लब इनर ह्वील की पदाधिकारी संगीता अग्रवाल ने उसे सौंपा। साथ ही निकिता तक एलेक्सा पहुंचाने वाली शिक्षित युवा सेवा समिति की अलेक्सा मास्टर ट्रेनर चांदनी त्रिपाठी को भी उपहार देकर पुरस्कृत किया गया। इन्होंने ही एलेक्सा के बारे में निकिता को प्रशिक्षित किया था।
चार अप्रैल को निकिता शहर के आवास विकास कॉलोनी निवासी अपनी बहन शिप्रा के घर पर थी। अचानक घर में बंदरों का झुंड घुस गया था। बंदरों ने निकिता और उसकी 15 महीने की भांजी वामिका को घेर लिया था। बंदरों को भगाने के लिए कुत्ते की आवाज निकालने का कमांड दिया था। जिसके बाद बंदर भाग गए थे। देश भर की मीडिया में यह वाकया सुर्खियों में आ गया और निकिता की त्वरित निर्णय लेने की क्षमता की आस्ट्रेलिया तक से सराहना की जाने लगी। एलेक्सा डिवाइस लॉच करने वाली कंपनी तक कारनामा पहुंचा तो उसका प्रबंधन भी गदगद हो गया। समिति के निदेशक गोपाल कृष्ण अग्रवाल को कंपनी की तरफ से उपहार प्रदान करने के लिए अधिकृत किया गया था। अमेजॉन एलेक्सा टीम ने सफलतम् भविष्य की कामना करते हुए उनके कार्यों की सराहना की है। पूर्व में एनएबी इंडिया संस्था की तरफ से दृष्टि बाधित बच्चों को शिक्षित करने के लिए एक कार्यक्रम चलाया जा रहा था। जनपद बस्ती, गोंडा, संतकबीरनगर, अयोध्या एवं गोरखपुर के 200 से अधिक विद्यालयों में निशुल्क एलेक्सा डिवाइस प्रदान कराया गया। बस्ती जिले में शिक्षित युवा सेवा समिति के साथ मिलकर मास्टर ट्रेनर चांदनी त्रिपाठी ने निकिता के स्कूल सेंट्रल मॉडल स्कूल नरायनपुर ब्लाक बहादुरपुर के बच्चों को भी प्रशिक्षित किया था। उसी प्रशिक्षण का नतीजा रहा कि ऐन वक्त पर निकिता ने एलेक्सा को कमांड देकर अपनी व भांजी की जान बचाने में कामयाब हुई।

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