अब है बस 6 दिन ही बाकी, नॉर्थ सिटी में दिखेगा मंदिर और भगवान की झांकी

मंदिर आध्यात्मिक क्लीनिक हैं जहाँ यह हमारे सभी कर्मों और शापों को साफ करता है

अशोक झा, सिलीगुड़ी: शहर का व्यापारिक केंद्र सेवक रोड। उसपर 10 एकड़ में फैला है नॉर्थ सिटी आवासीय सोसाइटी। सोसाइटी कैंपस में रहने वाले सीताराम डालमिया की दृढ़ इच्छाशक्ति और अन्य लोगो के सहयोग से तैयार मंदिर में 11 जुलाई को भगवान की प्रतिमाएं विराजमान होंगी। इसकी तैयारी अंतिम चरण में है। निर्माण कार्य की देखरेख में दिनरात जुटे सीताराम डालमिया का कहना है की जब नॉर्थ सिटी के लोग यह ठान चुके है की मंदिर में वीर हनुमान, राधा कृष्ण, मां दुर्गा बाबा भोले शंकर आदि की प्राण प्रतिष्ठा होगी। सोसाइटी से मंदिर निर्माण में समय समय पर सहयोग कर रहे रूपेश अग्रवाल, अनिल सिंघल, रवि अग्रवाल, संदीप महेश्वरी, विश्वनाथ रामपुरिया, रमेश मित्तल, विजय अग्रवाल, राजाराम, मनमोहन गुप्ता, गजानंद अग्रवाल, अरुण अग्रवाल, पुरषोत्तम अग्रवाल और महेश अग्रवाल का कहना है की यह मंदिर इस क्षेत्र का अनोखा मंदिर होगा। वह इसलिए क्योंकि इसकी पूजा की गूंज पूरे क्षेत्र में गुंजायमान होगा। मंदिर निर्माण और उसमे सहयोग को लेकर जानकर ज्योतिष पंडित अभय झा का कहना है की जो कोई भी मंदिर बनवाता है या बनवाने के लिए दान देता है, वह अपने पिता, दादा और पूर्वजों की आठ पीढ़ियों को नरक में जाने से बचाता है। कोई शाश्वत आध्यात्मिक दुनिया (वैकुंठ) प्राप्त कर सकता है। कोई स्वर्गीय सुख प्राप्त कर सकता है। इसे ‘अज्ञात सुकृति’ के रूप में जाना जाता है। जिसका अर्थ है अनजाने में अर्जित किया गया पवित्र श्रेय होता है। मंदिर निर्माण में सहयोग करने वाले भक्त हजार जन्मों के पापों से मुक्त हो जाते हैं मंदिर निर्माण में योगदान देने वाले भक्त की दिवंगत आत्मा भगवान विष्णु के निवास तक पहुंच जाएगी। जिससे उसे नरक में होने वाली पीड़ाओं से मुक्ति मिल जाएगी। जिसने ब्राह्मण की हत्या की हो (ब्रह्म-हत्या दोष) उसे मंदिर निर्माण के लिए दान देकर समाप्त किया जा सकता है। जिन भक्तों ने मंदिर निर्माण में सहायता की (निर्माण सामग्री प्रदान करके, धन दान करके या शारीरिक सेवा करके) उन्हें सभी पवित्र तीर्थस्थलों पर स्नान करने का पुण्य प्राप्त होता है। जो भक्त मंदिर निर्माण में सहयोग करता है, वह अच्छे कर्मों वाला व्यक्ति बनता है और उसका परिवार समृद्ध होता है। जो भक्त मंदिर में दान देते हैं, वे आध्यात्मिक रूप से प्रबुद्ध होते हैं और उन्हें आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है।
मनुष्य जीवन में हम अपनी बीमारियों/बीमारियों को ठीक करने के लिए अस्पताल, क्लीनिक जाते हैं। ठीक उसी प्रकार मंदिर आध्यात्मिक क्लीनिक हैं जहाँ यह हमारे सभी कर्मों और शापों को साफ करता है। इसलिए, जीवन में मंदिर निर्माण / नवीनीकरण आवश्यक है। मंदिर निर्माण के लिए दान करना उसके विकास में योगदान देने के समान ही अच्छा है। एक व्यक्ति अनजाने में आध्यात्मिकता के प्रसार में शामिल हो जाता है। मंदिर निर्माण के लिए दान करना किसी भी प्रकार के दोष या शाप से मुक्ति पाने का सर्वोत्तम उपाय है। मंदिर निर्माण के लिए किया गया एक दान, जिससे भगवान प्रसन्न होते हैं, एक वर्ष में किए गए सभी पुण्य कर्मों के बराबर होता है। मंदिर निर्माण के लिए दान करने से भय, अप्रसन्नता दूर होती है तथा आत्म विश्वास बढ़ता है। दान गुप्त रूप से करना चाहिए।जन्मदिन, सालगिरह पर मंदिर निर्माण के लिए कुछ भी दान करना बहुत भाग्यशाली होगा। तो आइए इस मंदिर निर्माण में नहीं परंतु मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा में अपने पूरे परिवार के साथ सहयोग करें।

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