शिक्षामित्र को एससी-एसटी एक्ट में तीन वर्ष की सजा

शिक्षामित्र को एससी-एसटी एक्ट में तीन वर्ष की सजा

उप्र बस्ती जिले के लालगंज थाना क्षेत्र में लगभग 15 वर्ष पहले प्रधानाध्यापक एवं शिक्षामित्र के बीच हुए विवाद के कारण हुए मारपीट में न्यायालय के आदेश पर दर्ज अनुसूचित जाति-जनजाति निवारण अधिनियम एवं भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत पंजीकृत मुकदमे में बृहस्पतिवार को न्यायालय ने आरोपी शिक्षामित्र फूलचंद चौधरी पुत्र चतुर्गुन एवं संतराम पुत्र भोला निवासीगण ग्राम बगही, थाना लालगंज, जनपद बस्ती को तीन वर्ष के सश्रम कारावास एवं दो हजार रुपये का अर्थदंड सजा सुनाया है। न्यायालय को दिए अपने बयान में प्रधानाध्यापक राम भजन पुत्र मुरली निवासी ग्राम शिवपुर, थाना लालगंज, जिला बस्ती में आरोप लगाया था कि वह तत्कालीन प्राथमिक विद्यालय बगही में इंचार्ज प्रथानाध्यापक पद पर तैनात था, इसी दौरान कुछ कारणवश फूलचंद चौधरी पुत्र चतुर्गुन जो कि शिक्षामित्र के पद पर कार्यरत थे, उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया था, इसी रंजिश में दिनांक 17 जून 2009 को शाम करीब चार बाजे पांऊ बाजार में फूलचंद चौधरी एवं संतराम पुत्र भोला एक राय होकर उन्हें जातिसूचक शब्दों से संबोधित करते हुए एवं भद्दी- भद्दी गालियां देते हुए मारा-पीटा जिससे उन्हें चोटें आई उन्होंने स्थानीय थाने पर तहरीर दिया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई, उसके बाद उन्होंने 29 जून 2009 को पुलिस अधीक्षक बस्ती को प्रार्थना पत्र दिया फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुआ, इसके पश्चात भारतीय दंड प्रक्रिया के धारा 156 (3) के अंतर्गत उन्होंने न्यायालय के आदेश पर मुकदमा पंजीकृत करवाया। उक्त के संबंध में कमलेश कुमार विशेष न्यायाधीश अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम बस्ती ने विद्वान विशेष लोक अभियोजक अधिवक्ता एससी-एसटी एक्ट बीरेंद्र बहादुर सिंह के तर्कों को सुनते हुए फैसला सुनाया है, इसके लिए लोक अभियोजक अधिवक्ता नें विभिन्न गवाह न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किए हैं

Back to top button