खुलने लगा आरजी कर कॉलेज दुराचार व हत्या कांड का खुलासा


अशोक झा, कोलकाता: कोलकाता के आरजी कर कॉलेज और अस्पताल में 31 वर्षीय प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में गिरफ्तार आरोपी संजय रॉय ने तब भी कोई चिंता नहीं दिखाई। इस घटना को लेकर यह वीडियो, व्‍यापक रूप से वायरल है और इससे सीबीआई के इस दावे की पुष्टि होती है कि क्राइम सीन को सुरक्षित नहीं रखा गया। इस मामले में पुलिस ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्होंने सेमिनार हॉल के संबंधित हिस्से सुरक्षित किया है।साथ ही कहा कि सबूतों को संरक्षित करने और गहन जांच सुनिश्चित करने के लिए उचित प्रक्रियाओं का पालन किया गया है। हम इस वीडियो की पुष्टि नहीं करते है। यह वीडियो स्पष्ट रूप से सेमिनार हॉल के एक हिस्से के रूप में नजर आता है, जहां कुछ घंटे पहले युवा महिला डॉक्टर का शव बहुत कम कपड़े पहने कुछ घंटों पहले ही पाया गया था। हालांकि यह जगह सुरक्षित रहनी चाहिए, लेकिन यह लोगों से भरा हुआ था.।
रिपोर्टों में कहा गया है कि 9 अगस्त की इस 43 सेकंड की क्लिप में तत्कालीन प्रिंसिपल संदीप घोष के वकील सहित उनके कई करीबी लोग भी देखे गए. साथ ही भीड़ के साथ पुलिसकर्मी भी थे। पुलिस ने अपने स्‍पष्‍टीकरण में क्‍या कहा?: कोलकाता पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा, “एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें घटनास्थल दिखाया गया है। यह एक स्पष्टीकरण है। सेमिनार हॉल में जो शव मिला, वह सेमिनार हॉल के एक हिस्से में था।कमरे के 40 फीट के हिस्से को सुरक्षित किया गया था। वीडियो सुरक्षित की गई जगह के बाहर का है, जहां पर परिवार के सदस्य, डॉक्टर और पुलिस मौजूद थे।।पुलिस अधिकारियों ने कहा कि पूरा सेमिनार हॉल 51 फीट x 32 फीट का है, जिसमें से 40 फीट x 11 फीट को सुरक्षित किया गया था।।वायरल वीडियो में सिर्फ 11 फीट का हिस्सा दिखाया गया है।सूत्रों ने कहा, “10 फोरेंसिक टीमों और शव को हटाने वाले लोगों सहित अधिकृत व्यक्ति मौके पर मौजूद थे।
क्राइम सीन को लेकर भाजपा ने उठाए सवाल : भाजपा के राज्य महासचिव जगन्नाथ चट्टोपाध्याय ने रिपोर्टर्स से कहा कि क्राइम सीन पर इतने सारे लोगों की मौजूदगी सबूतों से आसानी से समझौता कर सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा जानबूझकर किया गया होगा। भाजपा नेताओं ने सूत्रों के
हवाले से कहा, “सबूतों के साथ छेड़छाड़ की बहुत अधिक संभावना है, जो लोग छेड़छाड़ और सबूतों के नुकसान के लिए जिम्मेदार हैं, वे भी समान रूप से दोषी हैं और उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
सब कुछ बदल गया था : SC से बोली CBI
कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने के करीब एक सप्ताह से अधिक समय बाद यह वीडियो सामने आया है। केंद्रीय एजेंसी ने अपनी प्रारंभिक जांच के बाद सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि जब तक उन्होंने मामला अपने हाथ में लिया, तब तक “सब कुछ बदल दिया गया था”।अदालत ने भी कोलकाता पुलिस द्वारा दर्ज की गई समयसीमा में विसंगतियां पाई, जिससे मामले से निपटने के तरीके पर गंभीर सवाल खड़े हो गए।आरोपी का CBI ने कराया पॉलीग्राफ टेस्‍ट : 9 अगस्त को सेकेंड ईयर की पोस्टग्रेजुएट 36 घंटे की शिफ्ट के बाद थोड़ा आराम करने के लिए अकेले एक खाली सेमिनार रूम में गई थी क्‍योंकि अस्पताल में डॉक्‍टरों के आराम करने के लिए कोई रूम नहीं था. अगली सुबह उसका शव पाया गया, उसके शरीर पर कई चोटें थीं और बहुत कम कपड़े थे। इस मामले में मुख्य संदिग्ध संजय रॉय है, जो कोलकाता पुलिस का एक सिविल वॉलेंटियर है. रॉय अस्पताल में पुलिस चौकी पर तैनात था और उसकी सभी विभागों तक पहुंच थी। उसे गिरफ्तार कर लिया गया है और उसका पॉलीग्राफ टेस्ट कराया गया है। दरअसल, उस रात पीड़िता की कजिन ने उन्हें एक मैसेज भेजा था, जिसका जवाब पीड़िता ने रात 2:45 बजे के आसपास दिया था। तकनीकी साक्ष्यों के मुताबिक, पीड़िता के मोबाइल फोन से उस समय एक मैसेज भेजा गया था, जो उनके जीवित होने की ओर इशारा करता है। एजेंसियों ने इस मैसेज को महत्वपूर्ण सुराग के रूप में माना है, जो पीड़िता के अंतिम समय के बारे में जानकारी प्रदान कर सकता है।
क्या पीड़िता ने ही भेजा था मैसेज?: इसके अलावा, सूत्रों का कहना है कि एजेंसियां इस बात की भी जांच कर रही हैं कि क्या यह मैसेज खुद पीड़िता ने भेजा था या किसी और ने उनके फोन का इस्तेमाल किया था। हालांकि, प्रारंभिक जांच में यह साफ हुआ है कि मैसेज उनके फोन से ही भेजा गया था। इस मामले में एजेंसियों द्वारा तकनीकी साक्ष्यों की गहनता से जांच की जा रही है ताकि घटना की सही समय-सीमा और परिस्थितियों का पता लगाया जा सके। इस साक्ष्य के आधार पर, एजेंसियां अब आगे की जांच में जुटी हुई हैं, जिसमें इस मैसेज के समय और उसके बाद की गतिविधियों का विश्लेषण किया जा रहा है।
9 अगस्त की रात संजय ने क्या-क्या किया?
उधर, 9 अगस्त की रात हुई दर्दनाक घटना के बाद, संजय रॉय की गिरफ्तारी और उससे हुई पूछताछ में कई महत्वपूर्ण खुलासे हुए हैं। वारदात के बाद संजय रॉय ने जो किया, उसने पुलिस को कई सवालों में उलझा दिया है, पूछताछ के बाद सामने आई जानकारी के मुताबिक, वारदात के बाद संजय रॉय सीधे फोर्थ बटालियन गया और वहां जाकर सो गया। 10 अगस्त की सुबह जब वह उठा, तो उसने फिर से शराब पी और वापस सो गया।पुलिस को शक होने पर उन्होंने अस्पताल के सेमिनार हॉल के आसपास के तमाम सीसीटीवी फुटेज खंगाले। इन फुटेज में संजय रॉय की गतिविधियों के साथ-साथ अन्य लोगों की भी पहचान की गई। अस्पताल में भर्ती सौरभ के भाई ने संजय को पहचाना
कोलकाता पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे करीब 15 लोगों से पूछताछ की, जिसमें रात 3 बजे से 4 बजे के बीच अस्पताल में मौजूद लोगों को खास तौर पर शामिल किया गया। 4 बजे के आसपास संजय रॉय की तस्वीर सीसीटीवी में कैद हो गई, जिसे अस्पताल में भर्ती सौरभ के भाई को दिखाया गया। सौरभ के भाई ने संजय की पहचान की और इस पहचान के आधार पर पुलिस ने अपनी जांच को आगे बढ़ाया।
सौरभ ने खाने पर बुलाया, लेकिन संजय ने नहीं खाया खाना
सौरभ ने संजय को खाने पर बुलाया था, लेकिन रास्ते में ही सौरभ को उसके भाई ने कॉल किया और बताया कि संजय को पुलिस तलाश कर रही है। जब संजय सौरभ के पास पहुंचा, तो उसने खाना तो नहीं खाया, लेकिन बताया कि आरजी कर अस्पताल में एक कांड हो गया है और पुलिस उसे ढूंढ रही है। संजय ने जवाब दिया, “मैं देखता हूं,” और फिर वापस फोर्थ बटालियन पहुंचकर शराब पी और सो गया। जब पुलिस पकड़ने पहुंची तब नशे में था संजय: कोलकाता पुलिस जब संजय रॉय को पकड़ने पहुंची, तब वह शराब के नशे में था। गिरफ्तारी के बाद संजय ने पुलिस को कहा, “मुझे फांसी दे दो.” गिरफ्तारी के दूसरे दिन भी संजय के चेहरे पर कोई पछतावा नहीं दिखा। उसने पुलिस के सामने सारी बातें सामान्य तरीके से बताईं, जिसमें वारदात के बाद की उसकी हरकतें भी शामिल थीं।पुलिस ने यह भी जांच की कि उस रात संजय ऑपरेशन थियेटर (OT) क्यों तलाश रहा था। सूत्रों के अनुसार, संभावना है कि संजय रॉय ने सेमिनार हॉल को ऑपरेशन थियेटर समझकर वहां प्रवेश किया हो।
संजय की जांघ पर खरोंच के निशान: पुलिस ने संजय से पूछा कि उसने चेतला रेड लाइट इलाके में सेक्स क्यों नहीं किया, सिर्फ सौरभ ने ही क्यों किया, इसके जवाब में संजय ने कहा कि उसके पास पैसे नहीं थे। हालांकि, पुलिस संजय के इस बयान पर संदेह जता रही है, और मान रही है कि उस रात संजय के दिमाग में पहले से ही किसी वारदात को अंजाम देने का विचार था। संजय रॉय की मेडिकल जांच में उसके हाथ और जांघ पर ताजा खरोंच के निशान मिले, जो इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि वारदात के दौरान उसने संघर्ष किया हो। पुलिस संजय के हर बयान और गतिविधि की गहराई से जांच कर रही है ताकि इस गंभीर अपराध की सच्चाई को उजागर किया जा सके।

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