सिद्धार्थनगर में अपात्रों को राहत राशि देने के मामले में चार लेखपाल निलंबित

सिद्धार्थनगर में अपात्रों को राहत राशि देने के मामले में चार लेखपाल निलंबित

सिद्धार्थनगर जिले के शोहरतगढ़ तहसील में कार्यरत चार लेखपालों को सरकारी धन को क्षति पहुंचाने और अनुशासनहीनता के आरोप में डीएम के निर्देश पर उपजिलाधिकारी चंद्र भान सिंह ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इस कार्रवाई से पूरे तहसील क्षेत्र के लेखपालों में हड़कंप मच गया है।
शुकवार को एसडीएम चंद्र भान सिंह ने बताया कि जुलाई माह में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र पकड़हिवा, ताल कुंडा, पचऊध में तीन संबंधित लेखपालों ने 36 किसानों को कृषि अनुदान दिलाने के लिए पैसे की लालच में आकर फर्जी तरीके से दस्तावेज लगाकर लाभार्थी दिखा दिया और उन लोगों का नाम बाढ़ राहत पोर्टल पर दर्ज कर धनराशि दिला दी। गांव के पीड़ित किसानों ने एसडीएम को शिकायत पत्र देते हुए लेखपालों पर आरोप लगाते हुए कहा कि लेखपाल ने पैसे की मांग की। जिन किसानों ने पैसा नहीं दिया उनका नाम बाढ़ राहत अनुदान लाभार्थी से काट दिया और बाढ़ से जिनकी फसल को क्षति नहीं पहुंची, उनसे धन लेकर फर्जी गाटा संख्या दिखाकर बाढ़ राहत अनुदान का धन दिला दिया।
शिकायत को गंभीरता से लेते हुए उपजिलाधिकारी ने जांच टीम गठित कर सत्यता की निष्पक्ष रूप से आख्या प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। राजस्व विभाग टीम ने जांच की तो शिकायत सत्य पाई गई। उपजिलाधिकारी ने तीन लेखपाल ओमप्रकाश, दुर्गेश शर्मा, जगदीश चौरसिया व अनुशासनहीनता करने पर लेखपाल कमलेश मिश्रा को निलंबित कर दिया।
तहसीलदार अजय कुमार ने कहा कि उक्त तीनों लेखपालों की मिली भगत से शासकीय धन का दुरुपयोग किया गया है। इनपर आगे की कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भेजा गया है। कहा कि जो भी लेखपाल अनियमितता या पैसे के लालच में आकर सरकारी कार्य में हेराफेरी व कास्तकारों से कार्य की एवज में घूसखोरी करते मिलेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा।

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