वन स्टॉप डेस्टिनेशन है सरस मेला : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
वन स्टॉप डेस्टिनेशन है सरस मेला : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
– कहा, दार्जिलिंग की नकली चाय से बदनाम हो रहा यहां का चाय
– नए साल में फिर दार्जिलिंग आने का किया वादा,
अशोक झा, दार्जिलिंग: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को सरस मेले का उद्घाटन किया। यह राज्य में सातवां तथा दार्जिलिंग में पहली पहली बार आयोजित हुआ है। इस मंच पर गोरखा नाच पर नाचती और कदमताल करते नजर आई मुख्यमंत्री ममता बनर्जी। सीएम ने कहा कि पूरे विश्व में सरस मेला जैसा आयोजन नहीं होता। यह वन स्टॉप डेस्टिनेशन है। इसमें डायरेक्ट इनडायरेक्ट रूप से 135 स्टॉल जुड़े हैं जिसमें 340 लोग काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरस मेला के माध्यम से सभी जिलों के स्टाल लगाए गए हैं जिसमें महिलाएं अपने घरों में समान तैयार कर यहां बेचती हैं। मैं आप सभी से अनुरोध करुंगी कि आप लोग स्टाल में जाकर इनका सामान खरीदें। सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाएं दिन-रात मेहनत करके यह समान बनाती हैं। राज्य सरकार की तरफ से भी विभिन्न सुविधाएं देने का काम हम लोग करते हैं। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम की शुरुआत में दार्जिलिंग के लोगों के साथ पारंपरिक नृत्य भी किया उन्होंने अपना भाषण पहाड़ी भाषा के संबोधन से शुरू किया। उन्होंने कहा कि मुझे यह भाषा बहुत पसंद है।मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को दार्जिलिंग में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहा कि दार्जिलिंग टी के नाम पर कई जगहों पर नकली चाय बेची जा रही है, जिससे दार्जिलिंग टी का नाम खराब हो रहा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आगे कहा कि इन नकली या निम्न गुणवत्ता वाली दार्जिलिंग चाय की बिक्री रोकने के लिए इस बार राज्य सरकार सख्त कदम उठायेगी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दार्जिलिंग में घोषणा की है कि जल्द ही इस संबंध में कदम उठाये जायेंगे। उन्होंने कहा कि दार्जिलिंग चाय की पूरे विश्व में अलग प्रतिष्ठा है, लेकिन हाल ही में दार्जिलिंग चाय के नाम पर निम्न गुणवत्ता वाली चाय की पत्तियां बेची जा रही हैं, इससे राज्य की बदनामी हो रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि दार्जिलिंग की चाय सबसे अच्छी है। जब मैं पहली बार यूएसए, यूके दौरे पर गयी थी तो देखा था कि विदेशी चाय लाउंज में दार्जिलिंग चाय परोसी जा रही थी। कुछ लोग अब खराब चाय को दार्जिलिंग चाय के नाम से बेच रहे हैं, जिसे रोकने के लिए एक सिस्टम शुरू किया जा रहा है। वह गुरुवार को दार्जिलिंग से सिलीगुड़ी के लिए रवाना होंगी जहां उत्तर कन्या में एक दिन रहने के बाद में 15 तारीख को कोलकाता लौटेंगी। वहां राजारहाट में उनका बिरसा मुंडा जन्मदिन कार्यक्रम में हिस्सा लेना तय है। ममता बनर्जी ने ऐलान किया कि 23 जनवरी 2025 को मैं दार्जिलिंग में रहूंगी।मैं यहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म दिवस मनाऊंगी। उन्होंने कहा कि इस मिट्टी से सुभाष चंद्र बोस के कर्म क्षेत्र की बहुत सारी यादें जुड़ी है। मैं चाहती हूं कि यहां रहकर मैं उनका जन्म दिवस पालन करूं। मैंने कभी आप लोगों से वोट नहीं मांगा लेकिन मैं चाहती हूं कि आप लोग सच और झूठ के बीच फर्क समझे।कोई भी पार्टी दार्जिलिंग के लोगों को बरगला नहीं सकती। जरूरत पडऩे पर मैं बार-बार यहां आऊंगी और यहां के विकास कार्यों का जायजा लूंगी। दार्जिलिंग किसी भी जिले से पीछे नहीं है। देखा जाए तो यह अग्रिम पंक्ति में खड़ा है। उन्होंने कहा कि जब मैं रेल मंत्री थी तो यहां टॉय ट्रेन की समस्या को मैंने सुलझाया था। मैं हमेशा से दार्जिलिंग आती रही हूं और आगे भी आती रहूंगी।
सिलीगुड़ी में पेयजल परियोजना का उद्घाटन:
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सिलीगुड़ी के निवासियों के लिए सिलीगुड़ी नगर निगम पेयजल परियोजना का उद्घाटन किया। उन्होंने बुधवार को दार्जिलिंग से इस जल परियोजना का वर्चुअल उद्घाटन किया। दिन के आभासी उद्घाटन का एक छोटे समारोह के माध्यम से सिलीगुड़ी के बाघायतिन पार्क से सीधा प्रसारण किया गया। सिलीगुड़ी के मेयर गौतम देव वहां मौजूद थे। कार्यक्रम के अंत में मेयर ने कहा कि सिलीगुड़ी के लोगों के लिए पीने का पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। अगले सात से आठ महीने में शहरवासियों को पीने का पानी मिलेगा। मुख्यमंत्री ने इस काम में हमारी मदद के लिए अपना हाथ बढ़ाया है।
सीएम ने हिम तेंदुए के शावक और लाल पांडा शावक का किया नामकरण
मुख्यमंत्री ने दार्जिलिंग चिडिय़ाघर के हिम तेंदुए के शावक और लाल पांडा शावक का नाम रखा। चिडिय़ाघर प्राधिकरण और चिडिय़ाघर के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री से चिडिय़ाघर में पैदा हुए शावकों का नाम रखने की अपील की थी। मुख्यमंत्री ने बिना देर किए दो हिम तेंदुए के शावकों और चार लाल पांडा शावकों का नाम रखा। मुख्यमंत्री ने हिम तेंदुए के शावकों का नाम चार्मिंग और डार्लिंग रखा। इसके अलावा, लाल पांडा शावकों का नाम पहाडिय़ा, हीली, विक्ट्री और ड्रीम रखा गया।प्रसन्न होकर ममता ने तत्काल उन शावकों का नामकरण किया-एक का नाम ‘चार्मिंग’ और दूसरे का नाम ‘डार्लिंग’ रखा। इस विशेष नामकरण से चिड़ियाघर प्रशासन बेहद उत्साहित है।जुलाई महीने में दार्जिलिंग के इस चिड़ियाघर में छह नए प्राणियों का जन्म हुआ है, जिसमें चार रेड पांडा और दो स्नो लेपर्ड शामिल हैं। इन शावकों की मां स्नो लेपर्ड रहाला और नाका हैं, और उनके जन्म से चिड़ियाघर में स्नो लेपर्ड की कुल संख्या 11 हो गई है। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने चार नए रेड पांडा के नाम भी रखे हैं-’पहाड़िया’, ‘विक्टरी’, ‘ड्रीम’ और ‘हिली’।
दार्जिलिंग चिड़ियाघर लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण और कृत्रिम प्रजनन में अपनी विशेष पहचान बना चुका है। स्नो लेपर्ड और रेड पांडा के साथ-साथ यहां हिमालयन वुल्फ, ताकिन, हिमालयन ब्लू शीप और हिमालयन थार का भी सफल प्रजनन हुआ है। इन उपलब्धियों ने दार्जिलिंग चिड़ियाघर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक विशेष स्थान प्रदान किया है।