फर्जी छापे में जीएसटी के अधिकारियों के बजाय पुलिस व्यापारियों से धन उगाही कर रही – संजय सिंह
लखनऊ:उत्तर प्रदेश में व्यापारियों के साथ उत्पीड़न और जीएसटी के नाम पर व्यापारियों के यहां फर्जी छापे एवं धन उगाही के मामले को
आप सांसद एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने सदन में उठाया. मामले की सुनवाई करने के उपरांत माननीय उपराष्ट्रपति महोदय ने सभी तथ्यों को सदन के पलट पर रखने का निर्देश दिया है ।
संजय सिंह ने कहा कि जब जीएसटी का कानून इस देश में लाया गया तो देश के लोगों को इस बात का भरोसा दिलाया गया था कि जीएसटी के मामले में आम आदमी को टैक्स देने में राहत मिलेगी एवं व्यापारियों को भी टैक्स की जटिलताओं से छुट्टी मिलेगी लेकिन महंगाई और बेरोजगारी बढ़ती गई और टैक्स का बोझ जनता पर बढ़ता गया. सांसद संजय सिंह ने सदन में कहा कि जहां तक बात है छोटे व्यापारियों की तो टैक्स की जटिलताओं से, टैक्स भरने की प्रक्रिया से एवं प्रतिदिन होने वाले संशोधन से वह पीड़ित हो चुके हैं. सांसद संजय सिंह ने कहा कि सैकड़ों की संख्या में जीएसटी आने के बाद टैक्स में संशोधन किया गया जिस कारण हर व्यक्ति परेशान हो चुका है. उन्होंने वर्तमान सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि सरकार ने कहा था कि वन नेशन वन टैक्स लेकिन दुखद बात यह है कि वन नेशन और मल्टीपल टैक्स लागू कर दिया गया. उन्होंने कहा हर व्यवसाय, हर वर्ग के व्यक्ति के अनुसार किसी पर 5 प्रतशित किसी पर 18 प्रतशित किसी पर 28 प्रतशित का टैक्स लागू किया गया और यही कारण है कि आम आदमी के लिए प्रतिदिन उपयोग में आने वाली वस्तुएं दूध, छाछ, दही, आटा, पेट्रोल-डीजल, गैस सिलेंडर महंगा हो गया. संजय सिंह ने कहा कि यह किस प्रकार की सरकार है कि रोटी पर 05 प्रतशित और पराठा पर 18 प्रतशित का टैक्स लगा दिया गया. उन्होंने सभापति महोदय के माध्यम से केंद्र सरकार से जवाब मांगा है कि व्यापारियों को क्यों पीड़ित किया जा रहा है और क्या यह असंवैधानिक बात नहीं है कि जीएसटी की छापेमारी में जीएसटी विभाग के अधिकारी नहीं जाते हैं बल्कि पुलिस जाती है और धन उगाही के लिए व्यापारियों को परेशान करती है. संजय सिंह ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश का व्यापारी भयभीत है और कारोबार करने से डर रहा है कि राज्य सरकार की ओर से उस पर कोई आरोप लगाकर उसके कारोबार को बंद न कर दिया जाए. सिंह ने कहा कि यूपी राज्य वाणिज्य कर विभाग ने राज्य के 70 से अधिक जिलों में छोटे बड़े व्यापारियों पर निराधार एवं फर्जी त्रुटियां निकालकर छापे मारे हैं जबकि विचार करने योग्य बात यह है कि 40 लाख प्रति वर्ष का कारोबार करने वाले व्यवसाय को जीएसटी का भुगतान करने से छूट मिली हुई है लेकिन दुखद बात यह है कि इस कार्रवाई में उन्हें भी निशाना बनाया जा रहा है जो निसंदेह शासनिक एवं प्रशासनिक मिलीभगत का स्पष्ट नतीजा है. उन्होंने कुछ व्यापारियों का आंकड़ा देते हुए कहा कि अयोध्या में एक व्यापारी से 5 लाख का चेक लिया गया ठीक उसी तरह गोंडा में एक व्यापारी से तीन लाख का चेक लिया गया. राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने मामले की जांच की मांग की
शासन एवं प्रशासन की मिलीभगत से व्यापारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है. सांसद संजय सिंह ने अनुरोध करते हुए कहा कि टैक्स की प्रणाली को टैक्स की प्रक्रिया के अनुसार ही निर्धारित किया जाए ना कि वह उत्पीड़न का रूप ले और व्यापारी वर्ग परेशान हो जाएं साथ-साथ उन्होंने कहा कि जीएसटी को गुंडा टैक्स न बनाया जाए ।