कोलकाता रेप और मर्डर के दोषी संजय रॉय को फांसी देने की मांग वाली बंगाल सरकार की याचिका पर सुनवाई आज
परिवार पर डाला जा रहा है राजनीतिक दबाव, एक बार फिर इस मामले को दिया जा सकता है आंदोलन का रूप
अशोक झा, कोलकाता: कोलकाता रेप और मर्डर के दोषी संजय रॉय को फांसी देने की मांग वाली बंगाल सरकार की याचिका पर आज कलकत्ता हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। सियालदह कोर्ट ने संजय रॉय को 20 जनवरी को उम्रकैद (मरते दम तक जेल) की सजा सुनाई थी और 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया था।
इस फैसले के खिलाफ बंगाल सरकार ने 21 जनवरी को कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। बंगाल सरकार ने अपील में कहा था कि संजय रॉय ने जो अपराध किया है, उसके लिए उम्रकैद पर्याप्त नहीं है। उसे फांसी दी जानी चाहिए।कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस देबांग्शु बसाक ने याचिका स्वीकार कर ली थी। 22 जनवरी को हाईकोर्ट ने कहा था कि बंगाल सरकार की अपील पर फैसला करने से पहले दोषी संजय, पीड़ित परिवार और CBI को सुना जाएगा। सरकार की याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई; सियालदह कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। बंगाल सरकार ने अपील में कहा था कि संजय रॉय ने जो अपराध किया है, उसके लिए उम्रकैद पर्याप्त नहीं है। उसे फांसी दी जानी चाहिए। हाईकोर्ट में जस्टिस देबांगशु बसक और जस्टिस मो. शब्बार राशिदी की बेंच के सामने CBI के वकील ने बंगाल सरकार के याचिका दाखिल करने के अधिकार का विरोध किया। CBI के डिप्टी सॉलिसिटर जनरल राजदीप मजूमदार ने कहा कि बंगाल सरकार के पास याचिका दाखिल करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने दावा किया कि जांच एजेंसी CBI थी, एजेंसी के पास ही यह अधिकार है कि वो सजा पर्याप्त न होने के आधार पर याचिका दाखिल करे। CBI ने ट्रायल कोर्ट के सामने भी फांसी की सजा देने की अपील की थी। बंगाल सरकार के एडवोकेट जनरल किशोर दत्त ने कहा कि प्रॉसिक्यूशन एजेंसी, फैमिली, दोषी के अलावा राज्य भी सजा को लेकर अपील कर सकता है। उन्होंने कहा कि शुरुआत में कोलकाता पुलिस केस की जांच कर रही थी। पीड़ित की फैमिली हाथ जोड़कर बोली- मुआवजा नहीं चाहिए: जज ने कहा कि पीड़ित की मौत ड्यूटी के दौरान अस्पताल में हुई थी। राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वो पीड़ित की फैमिली को मुआवजा दे। कोर्ट ने डॉक्टर की मौत के लिए 10 लाख और रेप के लिए 7 लाख मुआवजा तय किया। कोर्ट में मौजूद ट्रेनी डॉक्टर के माता-पिता ने हाथ जोड़कर कहा कि हमें मुआवजा नहीं, न्याय चाहिए।इस पर जज ने कहा- मैंने कानून के मुताबिक यह मुआवजा तय किया है। आप इसका इस्तेमाल चाहे जैसे कर सकते हैं। इस रकम को अपनी बेटी के रेप और मर्डर के मुआवजे के तौर पर मत देखिए।
पीड़िता के पेरेंट्स बोले- फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे; ट्रेनी डॉक्टर के माता-पिता ने कहा है कि वे दोषी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के सेशन कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। ड्यूटी पर मौजूद एक डॉक्टर के साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई। यह रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस क्यों नहीं है। उन्होंने दावा किया कि जांच ठीक से नहीं हुई है। कई लोगों को बचाया गया है। सेशन कोर्ट से फैसले की कॉपी मिलने के बाद हम हाईकोर्ट जाएंगे।
ममता के मंत्री ने लगाया पीड़ित परिवार पर गंभीर आरोप : बंगाल के मंत्री फिरहाद हाकिम ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में दुष्कर्म और हत्या की शिकार हुई पीड़िता के परिजनों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि वे सभी मुख्यमंत्री को बदनाम करने के लिए राजनीति कर रहे हैं।मंत्री ने कहा, ‘लेकिन जब वे (आरजी कर पीड़िता के माता-पिता) बिना किसी कारण के मुख्यमंत्री को निशाना बनाते हैं और उन्हें बदनाम करते हैं, तो मुझे कहना होगा कि वे अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जा रहे हैं। उन्हें मुख्यमंत्री के शासन पर बात नहीं करनी चाहिए, जो लोकप्रिय जनादेश से सत्ता में आए हैं, न कि उन ताकतों की इच्छा से। जो माता-पिता को अपने एजेंडे के लिए कठपुतली के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।’ फिरहाद हकीम, जो कोलकाता के मेयर भी हैं, ने आरोप लगाया कि माता-पिता इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं और निहित स्वार्थों के हाथों में खेल रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘उन्हें तोते की तरह स्क्रिप्टेड लाइन नहीं बोलनी चाहिए।’ मृतका के माता-पिता ने क्या लगाए थे आरोप:
दोनों सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया से पहले मृतका डॉक्टर के माता-पिता ने टिप्पणी की। उन्होंने शुक्रवार को दावा किया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पुलिस और अस्पताल अधिकारियों की तरफ से उनकी बेटी के बलात्कार और हत्या के सबूतों को नष्ट करने के कथित प्रयास की जिम्मेदारी से इनकार नहीं कर सकती हैं। माता-पिता ने शुक्रवार को दावा किया कि उन्होंने अपराध के पीछे के ‘मुख्य षड्यंत्रकारियों’ को बचाने का प्रयास किया, जबकि सीबीआई सभी अपराधियों को पकड़ने में विफल रही और बड़ी साजिश के पहलू को नजरअंदाज कर दिया।टीएमसी नेता की टिप्पणी पर परिजनों की प्रतिक्रिया
कुणाल घोष ने शनिवार को कहा, ‘कृपया अपने (माता-पिता) को किसी निहित स्वार्थ वाले पक्ष की इस्तेमाल न होने दें’। उनकी टिप्पणी के जवाब में, मृतक चिकित्सक के पिता ने शनिवार को पत्रकारों से कहा, ‘हमें किसी भी तरह से इस्तेमाल नहीं किया गया है। हमने सब कुछ खो दिया है। हम केवल यही चाहते हैं कि हमारी मृत्यु से पहले हमारी बेटी को न्याय मिले’। पिता ने बाद में ‘अभया मंच’ की तरफ से आयोजित एक बैठक में कहा, ‘हां, हमें लगता है कि यह सीएम पूरी तरह से विफल रहा है। हमें जो भी कहना है कहने का पूरा अधिकार है’। मृतक डॉक्टर की मां ने शुक्रवार को एक बंगाली टीवी चैनल से कहा था, ‘कोलकाता पुलिस, अस्पताल प्रशासन और टीएमसी के जनप्रतिनिधियों समेत सभी ने इस भयावह घटना को दबाने में सक्रिय भूमिका निभाई, ताकि सच्चाई सामने न आए।