ईडी के जब्त किए रुपया कैसे बांटे जाते है गरीबों में, जप्त राशि ‘पब्लिक मनी’ के रूप में केंद्र को कर दी जाती ट्रांसफर
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कोलकाता : पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार को पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर लोकसभा सीट से BJP उम्मीदवार राजमाता अमृता रॉय से फोन पर बात की। बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने उनसे कहा, वो ऐसे कानूनी विकल्पों पर काम कर रहे हैं ताकि सरकार बनने के बाद वो ED की तरफ भ्रष्टाचारियों से जब्त किए गए 3 हजार करोड़ रुपए गरीबों को लौटा सकें। यह गरीबों की मेहनत का पैसा है, जो उन्हें वापस लौटाया जाएगा। पिछले कुछ समय में ईडी की टीम ने पश्चिम बंगाल में कार्रवाई करके 3 हजार करोड़ रुपए जब्त किए। यह आंकड़ा सिर्फ पश्चिम बंगाल का है। इसके अलावा भी कुछ समय से ईडी कई राज्यों में लगातार कार्रवाई कर रही है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ED जो करोड़ों रुपए जब्त करती है उसका क्या होता है, क्या वो पैसा आरोपी को वापस मिलता है?
जब्त करने के बाद करोड़ों रुपए का क्या करती है ED?
ED आमतौर पर प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई करती है. सिर्फ इस साल जनवरी में ईडी ने दिल्ली-एनसीआर, चंडीगढ़, हरियाणा, पंजाब और गुजरात में 19 जगहों पर रेड मारी थी. ये मामले मनी लॉन्ड्रिग से जुड़े थे. इस दौरान ईडी ने 1.3 करोड़ रुपए कैश जब्त किया था. अब सवाल है कि ईडी के पास आया इतना पैसा आखिर जाता कहां हैं? ईडी कहीं पर कार्रवाई करते हुए कैश जब्त करती है तो उसे अपने पास हमेशा के लिए नहीं रख सकती। प्रोटोकॉल के मुताबिक, एजेंसी जब पैसा जब्त करती है तो वो सबसे पहले आरोपी को मौका देती है कि वो अपना पक्ष रखे और बताए कि इतना पैसा आखिर आया कहां से। इसे एक उदाहरण से समझते हैं. मान लीजिए किसी इंसान के पास से एजेंसी ने 10 लाख रुपए बरामद किए तो उससे पूछा जाता है कि आखिर इतनी बड़ी रकम आई कहां से। अगर वो इसका सोर्स बताता है तो उसका सबूत भी देना पड़ता है। अगर वो इसका सबूत देने में फेल हो जाता है तो ईडी उस रकम को जब्त कर लेती है और प्रक्रिया को आगे बढ़ाती है। ऐसे मामलों में ईडी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारियों को इसकी जानकारी देती है ताकि वहां के कर्मचारी मौके पर पहुंचे और नोट काउंटिंग मशीन से रकम की गिनती शुरू हो सके। बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, रकम को बहुत ही व्यवस्थित तरीके से गिना जाता है। यहां तक इसमें 500 से लेकर 100 रुपए तक के कितने नोट हैं, इसकी भी जानकारी ब्यौरे में दी जाती है। गिनती के बाद सील पैक रकम कहां जाती है? जब्त राशि को गिनने के बाद उसे डिब्बों में रखकर सील लगाई जाती है. इसके बाद गवाहों के सामने सील पैक बॉक्स में रखकर संबंधित राज्य में एक बैंक शाखा में ले जाया जाता है, जहां एजेंसी के खाते में जमा किया जाता है। इसके बाद इस रकम को केंद्र सरकार के खजाने में ट्रांसफर किया जाता है। कार्रवाई के दौरान अगर अभियुक्त को दोषी ठहराया जाता है, तो राशि ‘पब्लिक मनी’ के रूप में केंद्र को ट्रांसफर कर दी जाती है। अगर आरोपी बरी हो जाता है, तो पैसा उसे वापस कर दिया जाता है। कभी 13 दिन, कभी 11 महीने… सबसे कम समय तक कौन सी सरकार चली थी? रिपोर्ट अशोक झा