बांदा के ANI रिपोर्टर जफर अहमद की कुन्डली खंगाल रही पुलिस

प्रयागराज के चकिया मे पत्रकार के मकान मे बुलडोजर चलाने का मामला

बांदा के एएनआई रिपोर्टर जफर अहमद का प्रयागराज स्थित चकिया मे मकान ध्वस्त करने का मामला काफी गर्माया हुआ है। बांदा पुलिस ने बुधवार देर शाम से गुरुवार देर रात तक जफर से मिलने और हकीकत जानने की हर संभव कोशिस की, किन्तु जफर से बातचीत तक नहीं हो पायी। उसका मोबाइल लगातार स्विच आफ है।
बांदा एसपी अभिनंदन का कहना है कि प्रयागराज के चकिया मे जिस मकान को पीडीए ने गिराया है, वह मकान एएनआई के रिपोर्टर जफर अहमद खान पुत्र मोहम्मद हबीब खान निवासी गूलरनाका बांदा के नाम अभिलेखों मे दर्ज है। यह जानकारी मिलने पर तथ्यों की प्रमाणिकता हासिल करने के लिये जांच की जा रही है।पत्रकार का मोबाइल बंद है।उसके बारे मे जानकारी हासिल की जा रही है।वह घर से गायब है। बताया जा रहा है कि वह न्यायालय मे वाद दायर करने की तैयारी मे जुटा है। जिसके तहत वह बांदा से बाहर है। पुलिस असलियत जानने के लिये उसके करीबियों से लगातार पूछतांछ कर रही है।
बताया जा रहा है कि पत्रकार जफर अहमद और माफिया डान अतीक अहमद के अधिवक्ता खान सौलत हनीफ के बीच साले बहनोई का रिश्ता है। पुलिस ने चकिया मे जिस मकान को ध्वस्त किया है वह मकान अतीक अहमद की बेनामी संपत्ति नहीं है। बल्कि ढहाया गया मकान नंबर 297/205 जफर अहमद का बताया गया है। जफर अहमद प्रयागराज के चकिया मे न रहकर बांदा मे अपनी बहन के यहां रहता है। बांदा पुलिस ने दोनो बहनों के घरों मे दो बार छापा मारा, लेकिन इन घरों मे जफर नहीं मिला।
मिली जानकारी के मुताबिक न्यूज एजंसी एएनआई का रिपोर्टर जफर अहमद पिछले 8 साल से अपनी बहन शहनाज परवीन के साथ बांदा के गूलरनाका मोहल्ले मे रह रहा था। उसका न्यू एरा कान्वेन्ट स्कूल भी इसी मोहल्ले मे चलता है। यहीं पर उसने कुछ दिनो पहले पाव भाजी की दूकान भी खोली है। इसके पहले इसमे मीडिया हाउस चलाया जा रहा था। किसी वजह से मीडिया हाउस बंद करके अब पाव भाजी की दूकान चलायी जा रही है। मालूम हुआ है कि प्रयागराज के चकिया मे जफर अहमद ने अपने बहनोई खान सौलत हनीफ के कहने पर ही उक्त मकान खरीदा था। लेकिन वह वहां न रहकर बांदा मे अपनी बहन के यहां रहता था।
जफर की दूसरी बहन उजरा बेगम बांदा के छावनी मोहल्ले मे रहती है। अतीक अहमद के वकील और जफर अहमद के बहनोई सौलत हनीफ ने एक वीडियो जारी करके चकिया मे मकान गिराने के मामले को सुप्रीम कोर्ट मे चुनौती देने की बात कही है। इसके बाद बांदा पुलिस को जफर अहमद की कुंडली खंगालने के निर्देश मिले हैं। पुलिस इस बात की भी जानकारी जुटाने मे लगी है कि बहन के मकान मे रहकर रिपोर्टिंग का काम करने वाले जफर के पास तीन करोड का मकान खरीदने के पैसे कैसे, और कहां से आए।

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