25 साल बाद गमन के आरोप में बैंक कैशियर को तीन साल की करावास
25 साल बाद गमन के आरोप में बैंक कैशियर को तीन साल की करावास
उप्र बस्ती जिले में न्यायालय अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम अमित मिश्रा की अदालत ने हेरा फेरी व गबन के 25 साल पुराने मामले में आरोपी इलाबाबाद बैंक कैशियर को तीन साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाया। अदालत ने 9,500 रुपये अर्थदंड लगाते हुए कहा कि इसे न अदा करने पर नौ माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी।
अभियोजन अधिकारी संजय शुक्ला के निर्देशन में अभियोजन अधिकारी संजीव कुमार गुप्ता ने अदालत को अवगत कराया कि मामला पुरानी बस्ती थाना क्षेत्र के इलाहाबाद बैंक का है। वादी तेज प्रताप राय ने पुरानी बस्ती पुलिस को मार्च 1997 में तहरीर देकर बताया कि उनके द्वारा इलाहाबाद बैैंक में अकाउंट पेयी चेक दिया गया था। नियमानुसार इसका भुगतान संबंधित खातेदार के बैंक खाते में कर दिया गया। चेक की लिखा पढ़ी का काम शाखा में कार्यरत लिपिक मो. सगीर अयूब के जिम्मे था। उन्होंने बेईमानी की मंशा से सभी चेकों को चुरा लिया और इन्हीं चेकों को बैंक में दुसरे व्यक्ति से प्रस्तुत कराकर 1,47,252 रुपये का भुगतान ले लिया। मामले में पुलिस ने 19 अप्रैल 1997 को न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया। आठ गवाहों के बयान और साक्ष्य के आधार पर न्यायाधीश ने फैसला सुनाया।