वैदिक मंत्रोचारण के साथ जगतगुरु शंकराचार्य ने किया मयूर स्कूल का लोकार्पण कहा, धर्म के साथ ही शिक्षा और राष्ट्र की सेवा हो सकता है संभव
सिलीगुड़ी: ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुकेश्वरानंद सरस्वती रविवार को वैदिक मंत्रोचारण के साथ मयूर स्कूल का लोकार्पण किया। मंत्रोचारण के बीच जगतगुरु ने कहा कि धर्म के साथ ही शिक्षा और राष्ट्र की सेवा संभव है। ज्ञान वह विज्ञान है जिसे आपसे कोई ना लूट सकता है और ना कोई चुरा सकता। इसका जितना विस्तार करेंगे सूर्य की प्रकाश की तरह फैलता जायेगा। ईश्वर को पाने के लिए भी ज्ञान और गुरु की जरूरत होती है। आज इस स्कूल प्रांगण में आने के बाद शांत वातावरण और विद्यानुकूल माहौल देखकर गदगद हूं। इस मौके पर महामण्डलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानन्द, महामण्डलेश्वर स्वामी नवलगिरि महाराज, महामण्डलेश्वर स्वामी चिदम्बरानन्द सरस्वती, महामण्डलेश्वर स्वामी कृष्णानन्द भाई पवन कुमार जोशी, चौधरीवास राजकुमार पुजारी जी, सालासर उपस्थित रहेंगे। उद्घाटन के बाद जगतगुरु स्कूल प्रांगण में ही भक्तों और छात्र- छात्राओं को आशीष वचन देंगे। यह स्कूल बच्चों के नामांकन फीस को निशुल्क कर अभिवावकों को राहत दिया है। ऐसा ना पहले हुआ था और ना आगे होगा। इस अवसर पर आपने कहा जितनी भी सरकारे हुई उन्होंने सनातन धर्म की ओर ध्यान नहीं दिया। अबकी बार भाजपा सरकार ने हिंदुत्व की चर्चा किया जिसमें वह सनातनी हिंदू को बल दिया है। राम मंदिर निर्माण के लिए जो 500 वर्षों से संघर्ष चल रहा था वह पूर्ण हो चुका है। हिंदुओं के आस्था के धर्मस्थलों को तोड़ने और कब्जा करने के दिन लद चुके हैं। सनातन संत समाज मुखर है। सनातन धर्म पर हो रहे हमले स्वाभाविक है लेकिन सोने को जितना तपाया जाता है उतना ही वह सुंदर निखर करके निकलता है। सनातन धर्म व संस्कृति अक्षय है। धर्म समाज को दिशा देता है। आपसी भाईचारे को बनाए रखने के लिए विवाद से दूर रहना होगा परिस्थितियां बदल गई हैं बल का प्रयोग करके कब्जा नहीं किया जा सकता है। सिलीगुड़ी मयूर स्कूल के चेयरमैन बिमल कुमार डालमिया, दर्शनाभिलाषी भगवती डालमिया, आदित्य डालमिया, चित्रेश डालमिया के मुताबिक, ‘मेयो कॉलेज’ ने सिलीगुड़ी में अपनी फ्रेंचाइजी मयूर कालेज के नाम से दिया है। मैक्लेयर्स एजुकेशन ट्रस्ट सिलीगुड़ी, मेयो कॉलेज जनरल काउंसिल, अजमेर के सहयोग से, पूर्व और उत्तर-पूर्व भारत में पहला मेयर स्कूल, सिलीगुड़ी स्थापित कर रहा है। मैक्लेयर्स एजुकेशन ट्रस्ट एक धर्मार्थ संगठन है जिसका लक्ष्य समाज में वंचित लोगों के लिए स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में सेवाएं प्रदान करना। मयूर स्कूल, सिलीगुड़ी, कक्षा नर्सरी से कक्षा 7 तक एक सह-शिक्षा दिवस स्कूल है। स्कूल सीबीएसई पाठ्यक्रम का पालन करता है। पर्वतीय दृश्य, चाय बागान और नदी की पृष्ठभूमि में स्थापित, स्कूल एक भविष्यवादी सीखने के दृष्टिकोण को प्रदर्शित करता है। “शांत दिमाग हर सफलता की सीढ़ी है” यह स्कूल इस पर विश्वास करता है और प्रिय छात्रों और पूरे समुदाय को एक अनुभवात्मक शिक्षण दृष्टिकोण प्रदान करता है। अद्भुत स्कूल परिसर में प्री-प्राइमरी सेक्शन के लिए एकल-थीम वाली इमारत, आर्टिस्ट विलेज, एक मुख्य शैक्षणिक भवन, एक प्रशासनिक ब्लॉक, एक सभागार, एक स्विमिंग पूल, विशेष बेबी पूल, खेल गतिविधियों के लिए एक खेल का मैदान और एक पार्क क्षेत्र शामिल है। उनका दृढ़ विश्वास है कि सच्ची शिक्षा से बच्चों में ज्ञान, रचनात्मकता, परंपरा और संस्कृति का विकास होना चाहिए। हम संकायों के साथ मिलकर बच्चों को उनकी यात्रा के हर क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करने और भविष्य के महान नागरिक बनाने के लिए प्रेरित करने के लिए मिलकर काम करते हैं। चेयरमैन डालमिया का कहना है कि प्रतिबद्धता, परिश्रम और ईमानदारी के संतुलित मिश्रण के साथ, हम अपने छात्रों को सर्वोत्तम शिक्षा प्रदान करने का प्रयास करेंगे क्योंकि शिक्षा की गुणवत्ता राष्ट्र की नियति तय करेगी।स्कूल प्रबंधन मन, शरीर और आत्मा के सर्वांगीण विकास के लिए काम कर रहा है और स्कूल की शिक्षाओं में इसी तर्ज पर छात्रों के व्यक्तित्व का निर्माण करता है।
रिपोर्ट अशोक झा