भारतीय सेना ने शुरू कर दिया सिक्किम में फंसे पर्यटकों को निकालने का काम


सिलीगुड़ी : सिक्किम में पिछले हफ्ते आई बारिश और भूस्खलन के चलते देश-विदेश से पहुंचे करीब 1200 पर्यटक अलग-अलग जगहों पर फंस गए। लगातार खराब मौसम की वजह से पर्यटकों को वापस लाने का अभियान शुरू नहीं किया जा रहा था।लेकिन अब भारतीय सेना ने सिक्किम में फंसे पर्यटकों को निकालने का काम शुरू कर दिया है। त्रिशक्ति कोर के जवान नागरिक प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए बड़े पैमाने पर सहायता की जा रही है। आपको बता दें कि सिक्किम में फंसे पर्यटक लगातार एक हफ्ते से बिना बिजली और मोबाइल कनेक्टिविटी से काफी परेशान थे इस वजह से ये पर्यटक अपने घरवालों से संपर्क भी नहीं कर पा रहे थे। वो बस लगातार गुहार लगा रहे थे कि हमें किसी तरह से घर पहुंचा दो. बारिश और भूस्खलन के बाद सड़के टूट गई थीं. नेशनल हाईफे को बंद कर दिया गया था।भारतीय सेना पर्यटकों को पैदल और वाहनों के जरिए सुरक्षित इलाकों में ले जा रही है।जहां कनेक्टिविटी बेहतर है।बारिश और भूस्खलन के बाद सिक्किम में सड़कें नदी में समा गई:सिक्किम में पिछले दिनों से जारी बारिश और भूस्खलन की वजह से भारी संख्या में नुकसान हुआ है. बड़ी संख्या में सड़के टूट गई हैं, कई सड़कें तो नदी में समा गई हैं.उत्तर सिक्किम में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. कई जगहों पर भूस्खलन के बाद रास्ते बंद कर दिए गए। जिसके बाद 1,200 से ज्यादा पर्यटक वहां फंस गए।रक्षा मंत्रालय के जनसंपर्क अधिकारी ने राहत और बचाव अभियान का विवरण एक्स हैंडल पर साझा किया है। रक्षा मंत्रालय के जनसंपर्क अधिकारी के अनुसार, राहत अभियान में भारतीय सेना त्रिशक्ति कोर के अधिकारी और जवान युद्धस्तर पर जुटे हुए हैं। मंगन के जिला मजिस्ट्रेट हेम कुमार छेत्री का कहना है कि चंगथांग और लाचुंग में करीब 150 पर्यटक बचे हैं। अगर मौसम अनुकूल रहा तो उन्हें आज निकाल लिया जाएगा।उल्लेखनीय है कि सिक्किम में पिछले हफ्ते बरसात के दौरान हुए भू-स्खलन में यह पर्यटक फंस गए थे। रक्षा मंत्रालय के जनसंपर्क अधिकारी का कहना है कि सेना संचार सुविधा बहाल करने में बीएसएनएल की सहायता कर रही है। टेली बूथ स्थापित किए जा रहे हैं। 115 से अधिक लोगों को चिकित्सा सुविधा प्रदान की गई है। पर्यटकों की सुरक्षित निकासी और सहायता पहली प्राथमिकता है।मंगन जिला मजिस्ट्रेट हेम कुमार छेत्री का कहना है कि अब तक 1225 पर्यटकों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। भू-स्खलन से सबसे ज्यादा मंगन जिला प्रभावित हुआ है। अभी भी लगातार बारिश हो रही है। इस वजह से राहत और बचाव अभियान में दिक्कत आ रही है। छेत्री ने कहा कि अगर मौसम अनुकूल रहा तो हवाई मार्ग से निकासी संभव होगी। इसके लिए बागडोगरा में 6 एमआई हेलीकॉप्टर तैयार हैं। स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि सांकलांग में नवनिर्मित झूला पुल ढहने के बाद स्थिति गंभीर हो गई। यह उत्तरी सिक्किम और जोंगु को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग था। सिक्किम के सांसद इंद्र हंग सुब्बा ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजमार्ग-10 को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की है। रिपोर्ट अशोक झा

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