सीबीआई की जांच में खुल रहे आरजी कर डॉक्टर रेप हत्या मामले से जुड़े परदे
अशोक झा, कोलकाता: बंगाल की राजधानी कोलकाता के सरकारी आरजी कर अस्पताल में महिला चिकित्सक के साथ कथित बलात्कार और हत्या मामले की जांच कर रही सीबीआई इस बात पर ध्यान केंद्रित कर रही है कि कैसे अपराध को बिना किसी बाधा के अस्पताल के उस सभागार में अंजाम दिया गया, जिसके दरवाजे की कुंडी टूटी हुई पाई गई थी।तीन हजार से ज्यादा पोस्टमार्टम कर चुके डॉ. अरिंदम कहते हैं, यह आश्चर्य की बात है कि उस रात किसी ने युवा लड़की की आवाज नहीं सुनी, जबकि उसने आरोपियों का मजबूती से मुकाबला किया होगा। इन्हीं बातों से लगता है कि वारदात में अन्य लोग भी रहे होंगे।उन्होंने बताया कि सीबीआई के अधिकारी यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या सभागार के बाहर कोई व्यक्ति यह सुनिश्चित करने के लिए तैनात था कि अपराध को अंजाम देने में कोई बाधा नहीं आए। उन्होंने बताया कि जांच अधिकारी इसकी पुष्टि के लिए सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण कर रहे हैं। जांच अधिकारियों ने इस बात को लेकर भी हैरानी जताई कि जब चिकित्सक को प्रताड़ित किया जा रहा था तो सभागार के अंदर से कोई आवाज किसी को सुनाई क्यों नहीं दी। सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया, ”दरवाजे की कुंडी टूटी हुई थी जिसकी वजह से दरवाजा ठीक से बंद नहीं हो रहा था। हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि अपराध के दौरान क्या कोई व्यक्ति सभागार के बाहर मौजूद था।” अधिकारी ने बताया कि शुरुआती जांच से पता चला कि दरवाजे की कुंडी टूटी होने की वजह से दरवाजा कुछ समय से खराब था।
उन्होंने बताया कि पीड़िता 8-9 अगस्त की दरमियानी रात दो से तीन बजे के बीच सभागार में दाखिल हुई थी और ड्यूटी पर मौजूद एक चिकित्सक ने सभागार में उसे सोते हुए देखा था।उन्होंने बताया, ”चिकित्सकों, प्रशिक्षुओं और कनिष्ठ चिकित्सकों से पूछताछ में पता चला कि दरवाजे की कुंडी खराब होने की जानकारी सभी लोगों को थी और इस कारण चिकित्सक उस रात दरवाजा बंद नहीं कर पाई थी। सीबीआई ने शुक्रवार को भी मामले में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष से पूछताछ जारी रखी। इसके अलावा, एजेंसी ने गिरफ्तार संदिग्ध संजय रॉय को अदालत में पेश किया। अदालत ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इस बीच सीबीआई ने संदीप घोष और अस्पताल के चार अन्य डॉक्टरों पर पॉलीग्राफ टेस्ट करने की कोर्ट से अनुमति ले ली है।कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के सभागार में नौ अगस्त को एक महिला चिकित्सक का शव मिला था। कोलकाता पुलिस ने इस घटना के सिलसिले में अगले दिन रॉय को गिरफ्तार किया था। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 13 अगस्त को इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी और इसके अगले दिन केंद्रीय एजेंसी ने जांच कोलकाता पुलिस से अपने हाथों में ले ली थी।
तत्काल घटनास्थल नहीं घेरा: जैसे ही इस घटना की जानकारी मिली, तुरंत अथॉरिटी को उस जगह की घेराबंदी करनी होती है, ताकि सबूतों से छेड़छाड़ न हो। उसके बाद केवल पुलिस, फोरेंसिक टीम के अलावा किसी और को जाने नहीं देना चाहिए। जानकारी आ रही है कि इस घटना में यहां पर ऐसा नहीं हुआ।सबूतों के नष्ट होने की आशंका: अरिंदम ने कहा, अभी इसकी लंबी प्रक्रिया है। इसिलए जो सैंपल वहां पर मिले हैं, उनको मैचिंग करना है। अगर हम जितनी देरी करेंगे, सबूतों के नष्ट होने की संभावना बनी रहती है। उन्होंने कहा, मेरी मांग है कि जल्द से जल्द जांच को खत्म करना चाहिए। सीबीआई जांच में अभी तक तो किसी और को पकड़ा नहीं है। जिसे पकड़ा है, हमें नहीं पता है कि मैचिंग किया कि नहीं। उन्होंने कहा, सीबीआई जांच कर रही है। पहली बार इस तरह का मामला देखा और सुना: पहली बार ऐसा मामला सुना देखा। अस्पताल में रात के समय में ज्यादा आदमी नहीं होते। रात को ज्यादा आना-जाना नहीं होता। जो लोग काम करते हैं, उसके अलावा वहां मरीजों के परिजन आते-जाते हैं। कोई बाहर से आया। दुष्कर्म किया और फिर चला गए। कैसे हुआ। यह देखकर मैं खुद आश्चर्यचकित हूं।ड्यूटी बदलते समय डॉक्टर को क्यों नहीं खोजा गया
अरिंदम ने कहा, ड्यूटी बदलते समय अगर डॉक्टर नहीं मिलीं तो निश्चित ही खोजबीन होनी चाहिए थी। अगर नहीं हुई तो क्यों नहीं हुई। विभाग के लोगों से पूछताछ करनी होगी। क्यों ऐसा हुआ। यह तो पता लगाना चाहिए था कि जूनियर डॉक्टर नहीं तो कहां है। क्या हुआ और क्यों नहीं हुआ, यह जांच का विषय है।
दरवाजे की टूटी सिटकनी से साजिश के तार जोड़ रही सीबीआई
आरजी कर अस्पताल में जूनियर डॉक्टर से दरिंदगी की जांच कर रही सीबीआई का ध्यान इस बात पर है कि बिना किसी बाधा के सेमिनार हॉल में अपराध को कैसे अंजाम दिया गया। एक अधिकारी ने कहा कि हॉल के दरवाजे में लगी सिटकनी भी टूटी मिली थी। सीबीआई अधिकारी यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि अपराध के दौरान क्या कोई व्यक्ति सेमिनार हॉल के बाहर निगरानी के लिए भी खड़ा रहा ताकि अपराध को बेरोकटोक अंजाम दिया जा सके। फिलहाल, जांच एजेंसी ने शुक्रवार को भी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से पूछताछ जारी रखी। आरोपी संजय राॅय का भी होगा पॉलीग्राफ टेस्ट, कोर्ट ने दी मंजूरी
सियालदह के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसजेएम) की अदालत ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जूनियर डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के आरोपी संजय रॉय के पॉलीग्राफ टेस्ट की सीबीआई को इजाजत दे दी। आरोपी को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुक्रवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। अदालत के बाहर एक डिप्टी कमिश्नर मौजूद थे।इस बीच अभया की मां ने उसकी डायरी को लेकर बड़ा खुलासा किया है।अभया की मां ने बताया कि उसके सपने बहुत बड़े थे। वो MD में गोल्ड मेडल पाना चाहती थी। इसके लिए वो खूब पढ़ाई भी कर रही थी। उन्होंने कहा कि सीएम ने 10 लाख देने की बात की, हमें पैसा नहीं इंसाफ चाहिए। बेटी MD में गोल्ड मॉडल पाना चाहती थी, डायरी में भी लिखा था ऐसा।परिवार का सपना पूरा करना चाहती थी अभया: उन्होंने कहा कि हमेशा पेशेंट की बातें करती थी और लैपटॉप पर पढ़ती रहती थी। घर में किसी को टीवी नहीं देखने देती थी, हमेशा पढ़ाई की बात करती थी। मेरा एक मात्र सहारा थी मेरी बेटी। परिवार का सपना पूरा करना चाहती थी। सब टूट गया।कौन सा राज अभया की डायरी में था छिपा?अभया के परिवार ने बताया कि अभया की डायरी से तीन पन्ने फटे हुए हैं। सीबीआई इसकी जांच कर रही है। हालांकि, किसी को नहीं पता कि वो तीन पन्ने कहां गए, किसने लिए।’जैसे-जैसे देर हो रही आशा टूट रही’ : अभया की मां ने कहा, “पुलिस सब झूठ बोल रही है। पुलिस पर भरोसा किया उन्होंने अपने तरीके से काम किया। पीएम से उम्मीद है इंसाफ मिलेगा। जैसे-जैसे देर हो रही है, आशा टूट रही है। मेरी बेटी गई, लेकिन करोड़ों बच्चे मेरे साथ जुड़े हैं। यही हमारी हिम्मत बढ़ा रही है।”
पिता ने डिपार्टमेंट पर जताया शक: अभया के पिता ने डिपार्टमेंट पर भी शक जताया। उन्होंने कहा, “मन में एक सवाल आता है कि 70 पेशेंट थे, किसी ने पूरी रात ये नहीं सोचा कि डॉक्टर कहां गई? क्या डिपार्टमेंट में पूरी रात किसी ने नहीं ढूंढा कि डॉक्टर कहां है? यही और संदेह पैदा कर रहा है कि कोई तो डिपार्टमेंट के लोग भी शामिल हैं।”
पुलिस पर गुमराह करने का आरोप: पीड़ित पिता ने पुलिस के ऊपर जांच से गुमराह करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि हम 12 बजे अस्पताल पहुंचे, तो कोई मुझे अलग ले गया तो कोई मेरी पत्नी को कोई अलग ले गया, लेकिन 3 घंटे तक सेमिनार हॉल कोई नहीं ले गया। पुलिस सिर्फ गुमराह कर रही थी। डिपार्टमेंट से कोई नहीं था वहां, सिर्फ पुलिस वाले थे। प्रिंसिपल हमें ऑफिस में बुला रहा था, खूब चिल्लम चिल्ली के बाद प्रिंसिपल आया लेकिन हमसे बात नहीं की।