भूअर निरंजनपुर में 28.25 लाख के बंदरबांट के मामले की मजिस्ट्रियल जांच
भूअर निरंजनपुर में 28.25 लाख के बंदरबांट के मामले की मजिस्ट्रियल जांच
उप्र बस्ती जिले में सदर ब्लॉक के ग्राम पंचायत भूअर निरंजनपुर में घोटाले की मजिस्ट्रियल जांच शुक्रवार से शुरू हो गयी है। डीएम प्रियंका निरंजन ने यह जांच एसडीएम गिरीश कुमार झा को दिया है। ग्राम पंचायत में 28.25 लाख के बंदरबांट के मामले में सेक्रेटरी पर जल्द ही सख्त कार्रवाई हो सकती है। सरकार गांवों का कायाकल्प करने के लिए पांच सालो ग्राम पंचायतों को करोड़ों रुपए देती हैं। इन पैसों से गांव का विकास किया जाता है। लेकिन सदर ब्लॉक के भूअर निरंजनपुर गांव से चुने हुये ग्राम प्रधान रामबचन उर्फ बटोरे को ही नहीं पता है कि उनकी पंचायत में क्या निर्माण कार्य चल रहा है और अब तक कितना धन खर्च हुआ है। जबकि डीएम प्रियंका निरंजन ने इस गांव को गोद ले रखा है। यहां तैनात सेक्रेटरी ने असली ग्राम प्रधान को डीएम से मिलाया ही नहीं।बल्कि नकली ग्राम प्रधान के साथ मिल कर इस पंचायत में 28 लाख 25 हजार 139 रुपए से अधिक धनराशि का बंदरबांट कर लिया गया है। जिला पंचायत राज विभाग के आकड़े के मुताबिक ग्राम पंचायत में वर्ष 2021 में पांचवें राज्य आयोग से 36367, अप्रैल 21 से मार्च 22 तक 334020, अप्रैल 22 से 16 फरवरी 23 तक 8 लाख 53 हजार 985 रुपए व पंद्रहवें वित्त से वर्ष 22-23 में 16 लाख 767 रूपये खर्च हो चुके हैं। ग्रामीणों का कहना है कि नकली ग्राम प्रधान व सचिव मिलकर मानक विहीन कार्य करवा रहे हैं और सरकारी धन का दुरूपयोग कर रहे हैं। एडीओ पंचायत सदर जयप्रकाश राय ने बतायाकि ग्राम पंचायत में 28.25 लाख रुपए सरकारी धन निकाला गया है। इसके लिये ग्राम प्रधान रामबचन उर्फ बटोरे और सेक्रेटरी रविशंकर ही जिम्मेदार हैं। दोनों लोग शासकीय धन की निकासी की जिम्मेदारी से बच नहीं सकते हैं।