बिजली विभाग कर्मिया के कार्य बहिष्कार से लड़खड़ाई बिजली व्यवस्था
बल प्रयोग हुआ तो होगा जेल भरो अंदोलन
उप्र बिजली विभाग कर्मियों के कार्य बहिष्कार के बाद फाल्ट को दुरुस्त कराने में प्रशासन के पसीने छूट ही रहे थे। शुकवार की रात से शहर के अधिकतर महोल्लो में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है। इससे करीब लाखो की आबादी प्रभावित हो गयी है। गिदही ट्रांसमिशन से निकलने वाली उपकेंद्र की 33 केवी लाइन फाल्ट हो गयी है। अब बिजली विभाग के कार्य बहिष्कार का असर पूरे जिले के उपभोक्ताओं पर पड़ गया है। अवर अभियंताओं, एसडीओ और एक्सईएन के सीयूजी नंबर बंद होने के कारण उपभोक्ता बिजली के लिए परेशान रहे। फाल्ट दुरुस्त कराने के लिए दिनभर प्रशासन की टीम जद्दोजहद करती नजर आई। लेकिन, तकनीकी जानकारी न होने के कारण कर्मी भी बेबस नजर आए।
कार्य बहिष्कार के बाद प्रशासन ने विद्युत उपकेंद्रों पर 79 आईटीआई प्रशिक्षु तैनात किए गए हैं। इलेक्ट्रिशियन ट्रेड के द्वितीय वर्ष के यह छात्र फाल्ट को दुरुस्त करने से डर रहे हैं। छात्रों ने बताया कि बिजली उपकेंद्रों और खंभों पर काम करने का अनुभव न होने के कारण डर लग रहा है। उपकेंद्र पर लगे फीडरों के पैनल को संचालित करने के बारे में भी उन्हें जानकारी नहीं हैं। ऐसे में लाइन ट्रिप होने के बाद आपूर्ति बहाल करने में दिक्कतें आ रही हैं।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले जिले भर के विद्युत कर्मी हक के लिए गुरुवार को चीफ इंजीनियर कार्यालय पर धरना पर बैठे। ऊर्जा प्रबंधन के हठवादी रवैया को लेकर कर्मियों ने गुस्सा का इजहार करते हुए कई गंभीर आरोप लगाए। संयोजक अशर्फी लाल ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि इस बार आरपार की लड़ाई है। शांति पूर्वक किए जा रहे विरोध प्रदर्शन को यदि दबाने का प्रयास किया गया तो विरोध प्रदर्शन जेल भरो आंदोलन में तब्दील हो जाएगा।